मां भद्रकाली के दरबार में नतमस्तक हुए भक्त
भक्तों ने मां काली के दरबार में नारियल मिठाइयां हलवा व अन्य सामान चढ़ाकर परिवार की सुख शांति के लिए आराधना की। जेष्ठ माह की अपरा एकादशी के दिन रविवार को लाकडाउन होने के बावजूद भक्त मां भद्रकाली के मेले में सिद्धपीठ मां भद्रकाली मंदिर गेट खजाना में पहुंचने शुरू हो गए।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : भक्तों ने मां काली के दरबार में नारियल, मिठाइयां, हलवा व अन्य सामान चढ़ाकर परिवार की सुख शांति के लिए आराधना की। जेष्ठ माह की अपरा एकादशी के दिन रविवार को लाकडाउन होने के बावजूद भक्त मां भद्रकाली के मेले में सिद्धपीठ मां भद्रकाली मंदिर गेट खजाना में पहुंचने शुरू हो गए। हाथों में नारियल, मां के श्रृंगार का सामान, फूलों व निबुओं के हार के अलावा अन्य सामान चढ़ाने के लिए भक्त भीड़ में कई घंटों तक मां के स्वरूप के दर्शन करने के लिए खड़े रहे। जय मां काली, जय मां भगवती के जयकारों की गूंजे सिद्धपीठ में गुंजती रही। प्रात: मां काली के रुद्र व शांत स्वरुप के दरबार में आरती की। यह ऐसा 900 वर्षीय पुराना सिद्धपीठ है, जहां पर मां काली के रुद्र व शांत स्वरुप की पीठ आपस में जुड़ी है। भक्तों ने मां के दोनों स्वरुपों की दरबार में पूजा की। विधायक इंद्रबीर सिंह बुलारिया ने भी दरबार में हाजिरी लगवाकर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर के महंतों ने बुलारिया को मां का चुनरी देकर सम्मानित किया। हिदू तख्त की पंजाब प्रभारी सुरभि वर्मा ने मां के दरबार में हाजिरी भरी व श्री राम दरबार टुंडा तालाब के मुख्य सेवादार भक्त सतनाम ढींगरा ने 108 नींबू की माला मां को अर्पित की।
मेले में बच्चों का करवाया मुंडन
मेले के दौरान बच्चों के मुंडन करवाने वाले भी कई भक्त आए हुए थे। पारिवारिक सदस्य मुंडन करवाकर खुशी महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मां के दरबार में इस पवित्र दिन पर मुंडन करवाने की मान्यता है। इस अवसर पर वरिदर सहदेव, महंत वरुण विकी, महंत संजय शर्मा, महंत विक्रम, महंत गोविद शर्मा, ज्योति बाला शामिल है। भक्तों ने मंदिर में माथा टेका, वहीं बाहर मेले का खूब आनंद उठाया।