रोजगार व सरकारी सुविधाओं में कमी से ईज आफ लिविग इंडेक्स में शहर 25वें रैंक पर
स्मार्ट सिटी में शामिल अमृतसर शहर में मिल रही अलग-अलग विभागों की सुविधाओं के प्रति स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
स्मार्ट सिटी में शामिल अमृतसर शहर में मिल रही अलग-अलग विभागों की सुविधाओं के प्रति स्थानीय लोगों ने काफी नाराजगी जाहिर की है। जिसका नतीजा है कि भारत सरकार की ओर से 2019-20 से शहरवासियों के लिए आसान जीवन सूचकांक (ईज आफ लिविग इंडेक्स असेस्मेंट) में देशभर के 111 शहरों में 45वा रैंक हासिल हुआ है। अमृतसर में शिक्षा और हेल्थ में मिलने वाली सुविधाओं को छोड़कर बाकी अन्य सभी सुविधाओं में लोगों ने असंतोषजनक जवाब ही दिए हैं। हालांकि इस तरह का सर्वे 2018 में भी करवाया गया था। मगर मौजूदा समय में शहर में मिलने वाली विभागों की सुविधाओं को फोकस करते हुए लोगों से सवाल पूछे गए थे। जिसमें शहरवासी काफी नाराज दिखाई दिए। इस तरह से रही अमृतसर की रैंकिंग
आर्थिक विकास, रोजगार के अवसर, लोगों के कारोबार में अमृतसर को 35 वां रैंक मिला। जबकि लुधियाना 12 वें रैंक पर रहा। इसी तरह क्वालिटी आफ लाइफ, जिसमें सुरक्षा, जिला प्रशासन से मिलने वाली सुविधाओं आदि में अमृतसर को 30 वां रैंक हासिल हुआ। वहीं लुधियाना ने इसमें 11 वां रैंक हासिल किया। स्वच्छ वातावरण, ग्रीनरी, आपदा से निपटने की क्षमता आदि में अमृतसर को 23 वां रैंक हासिल हुआ। सिटीजन परसेप्शन में अमृतसर को 111 वां रैंक रैक आया। वहीं हेल्थ की बात करें तो अमृतसर को पांचवा, शिक्षा में चौथा रैंक हासिल हुआ। जबकि लुधियाना इन दोनों ही सुविधाओं में 11 वें रैंक पर रहा।
यह रही कम रैकिग आने की वजह
स्मार्ट सिटी की सीईओ कोमल मित्तल ने बताया कि लुधियाना सहित देश के अन्य शहरों के मुकाबले अमृतसर में इंडस्ट्री नहीं है। अमृतसर एक टूरिस्ट शहर है। कोविड के कारण शहर में पर्यटकों का आना भी बंद हो गया था। जिस कारण यहां पर रोजगार में कमी आई और नए रोजगार पैदा होने में समय लग रहा है। इस कारण इकनामिक एबिलिटी और क्वालिटी आफ लाइफ में बहुत ज्यादा फर्क आया। जबकि लुधियाना इन्हीं दो पैरामीटर में हमसे आगे रहा। इस कारण रैकिग 45 वें स्थान पर रही। लेकिन आने वाले समय में इसमें सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास किए जाएंगे।
कोरोना काल में सरकारी स्कूलों की बदली नुहार : डीईओ
डीईओ एलिमेंट्री कंवलजीत सिंह ने कहा कि कोरोना काल का शिक्षा विभाग ने सदुपयोग किया है। सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बना दिया गया है। प्रत्येक स्कूल में एलईडी और दीवारों पर साज सज्जा के साथ रंगरोगन किया गया है। नए कमरे बनाए गए हैं। खुशी की बात है कि जिले में एनरोलमेंट भी 13 प्रतिशत बढ़ी है। आन लाइन एजूकेशन में अमृतसर जिला अग्रणी रहा है। यह हमारे लिए सुखद की बात है।