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रामबाग क्राइस्ट चर्च की मेंबर ने फंदा लगाकर दी जान

शनिवार देर रात करीब 12 बजे रामबाग क्राइस्ट चर्च आफ नार्थ इंडिया की 43 साल की सदस्य कविता सिंह ने घर पर ही पंखे के साथ फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 12:50 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:23 AM (IST)
रामबाग क्राइस्ट चर्च की मेंबर ने फंदा लगाकर दी जान
रामबाग क्राइस्ट चर्च की मेंबर ने फंदा लगाकर दी जान

जागरण संवाददाता, अमृतसर : शनिवार देर रात करीब 12 बजे रामबाग क्राइस्ट चर्च आफ नार्थ इंडिया की 43 साल की सदस्य कविता सिंह ने घर पर ही पंखे के साथ फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। कविता ने अपने बेटे मोहित के नाम पर एक नोट लिखा है, जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार तो खुद को ही बताया है, मगर लविना नाम की एक महिला का नाम भी लिखा है कि वह उसे परेशान करती थी। इसलिए अपनी जीवन लीला खत्म कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि उक्त महिला लंबे समय से मानसिक तनाव झेल रही थी। चर्च के अन्य सदस्यों और अपने बेटे मोहित के साथ भी उसकी कम ही बनती थी। फिर भी पुलिस ने सुसाइड नोट के मुताबिक लविना के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है।

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जानकारी मुताबिक कविता सिंह सुल्तानविड रोड पर अपने बेटे मोहित के साथ रहती थी। कविता का कुछ साल पहले अपने पति के साथ तलाक हो चुका था। तब से वह अकेली ही थी। रामबाग चर्च की सदस्य थी। वहां पर सेवा करती थी। शनिवार रात को कविता ने अपने बेटे मोहित के साथ खाना खाया। इसके बाद मोहित अपने कमरे में चला गया, जबकि कविता अलग से अपने कमरे में चली गई। कविता ने अंदर से दरवाजे को लॉक कर लिया। इसके बाद उसने एक सुसाइड नोट लिखा और अपने बैड के पास रख दिया। देर रात करीब 12 बजे कविता का बेटा मोहित अचानक उठा और अपनी मां को आवाज दी। कोई रिस्पांस न मिला। काफी देर तक दरवाजा भी खटकाया। बावजूद इसके अंदर से किसी ने भी आवाज न दी। संदेह होने पर मोहित ने आस-पड़ोस वालों को बुलाया। सभी ने मिलकर दरवाजे को तोड़ा। देखा कि कविता की लाश पंखे से लटक रही थी। इस पर तुरंत थाना बी डिवीजन पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने मौके का जायजा लिया और पास ही एक चिठ्ठी पड़ी मिली, जिसमें कविता ने अपनी मौत और अन्य बातों के बारे में बताया था।

डिप्रेशन में थी महिला, बेटे और लोगों से कम ही बनती थी : पुलिस

थाना बी डिवीजन के प्रभारी गुरविदर सिंह ने कहा कि लाश पोस्टमार्टम करवा कर परिवार को सौंप दी है। अभी तक की जांच में यही सामने आया है कि उक्त महिला डिप्रेशन में थी और दवाई भी खा रही थी। अपनी कम्युनिटी में भी उसके संबंध ज्यादा अच्छे नहीं थे। बेटे के साथ भी कम ही बनती थी, लेकिन वह मामले की जांच कर रहे हैं। चर्च के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि क्लियर हो सके कि सच में लविना का कोई कसूर है या नहीं। भले ही केस दर्ज कर लिया है, मगर जांच के बाद ही कोई गिरफ्तारी की जाएगी।

महिला ने बेटे के नाम यह लिखा सुसाइड नोट में-

'मै आखिरी बार बेटे के लिए कुछ लिख रही है, क्योंकि मै अपनी जीवन लील खत्म करने वाली हूं। मै इस दुनिया की सबसे बुरी महिला हूं। अलमारी में रखे पैसे चर्च की अमानत है। इसे वहां पर जमां करवा दिया जाए। लविना मुझे परेशान करती थी। कहती थी कि एक परिवार ने मेरे कारण चर्च आना छोड़ दिया है, जिससे मै बहुत ज्यादा दुखी हूं। इसलिए दुनिया छोड़ रही हूं ताकि कोई भी व्यक्ति चर्च आना बंद न करे। मुझे ऐसा लगता है कि ईश्वर को भी मेरी सेवा की जरूरत नहीं है। इसलिए मैं जा रही हूं। मैंने सबको माफ कर दिया है। मोहित तुम भी सब को माफ कर देना।

सुसाइड नोट में कुछ लोगों के नाम भी लिखे हैं, जिनको उसने उधार पैसे दे रखे थे।


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