जीवित परंपराओं व कला रूपों का भंडार है राजस्थान : डॉ. पुनीता
इंडिया ट्रैवल मार्ट (आइटीएम) के छठे संस्करण के तहत राजस्थान पर्यटन ने प्रदर्शनी रोड शो आयोजित करवाया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : इंडिया ट्रैवल मार्ट (आइटीएम) के छठे संस्करण के तहत राजस्थान पर्यटन ने प्रदर्शनी रोड शो आयोजित करवाया, जिसमें राजस्थान के विषय में विस्तारपूर्वक अवगत करवाया। फेयर एंड फेस्टिवल राजस्थान टूरिज्म (जयपुर) की संयुक्त डायरेक्टर डॉ. पुनीता सिंह का कहना है कि राजस्थान जीवित परंपराओं और कला रूपों का समृद्ध भंडार है। यह हस्तनिर्मित स्मृति चिन्ह, रत्न और आभूषणों का खजाना है। राजस्थान सड़क, रेल और उड़ान के माध्यम से पंजाब के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पर्यटकों की रुचि के मुख्य स्थान जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, रणथंभौर, भरतपुर और बहुत कुछ हैं। डॉ. पुनीता सिंह के मुताबिक राजस्थान की पूरी जानकारी लेने के लिए रविवार आखिरी दिन है और पिछले दिनों से शहरवासियों ने खासा उत्साह दिखाया है। धार्मिक स्थल हैं मुख्य आकर्षण का केंद्र
डॉ. पुनीता सिंह ने कहा कि राजस्थान में दरगाह शरीफ-अजमेर, श्री नाथ जी मंदिर, नाथद्वारा, श्री एकलिग जी मंदिर-उदयपुर, पवित्र पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर, रणकपुर में जैन मंदिर और पूजा के कई और महत्वपूर्ण स्थान हैं। राजस्थान ने अपने प्रदर्शनों की सूची में नए उत्पादों को शामिल करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। 1.75 मिलियन विदेशी पर्यटक शामिल हैं
देश के 70 प्रतिशत से अधिक विरासती होटल राजस्थान में हैं। हाल ही में, यूनेस्को ने जयपुर की दीवार शहर को विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी है। राजस्थान को कैलेंडर साल-2018 में लगभग 52 मिलियन पर्यटक मिले। इसमें 1.75 मिलियन विदेशी पर्यटक शामिल हैं। राजस्थान में पर्यटन व्यापार और सेवाओं में राज्य जीडीपी का लगभग 14 प्रतिशत शामिल है। पर्यटन व्यापार, एक धुआंरहित उद्योग, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन की बड़ी संभावना है। राज्य सरकार अर्थव्यवस्था के लिए यात्रा व्यापार के लाभों से पूरी तरह अवगत है व युवाओं को अधिक रोजगार सृजित करने की दृष्टि से पर्यटन को बढ़ावा देने की इच्छुक है।