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किसानों के धरने ने रोके ट्रेनों के पहिए, स्टेशन पर इंतजार कर रहे यात्री

किसान जत्थेबंदियों ने सोमवार को जिले में करीब आठ स्थानों पर सुबह दस से शाम चार बजे तक धरना देकर रेल यातायात ठप रखा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 06:15 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 06:15 AM (IST)
किसानों के धरने ने रोके ट्रेनों के पहिए, स्टेशन पर इंतजार कर रहे यात्री
किसानों के धरने ने रोके ट्रेनों के पहिए, स्टेशन पर इंतजार कर रहे यात्री

जागरण संवाददाता, अमृतसर: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेल रोको आंदोलन के तहत किसान जत्थेबंदियों ने सोमवार को जिले में करीब आठ स्थानों पर सुबह दस से शाम चार बजे तक धरना देकर रेल यातायात ठप रखा। इससे स्टेशन पहुंचे यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अमृतसर रेलवे स्टेशन पर यात्री इन्क्यावरी पर ट्रेनों के बदले हुए जानकारी लेते रहे। काफी मुसाफिर स्टेशन पर ही ट्रेनें शुरू होने का इंतजार करते रहे। कई वापस घरों और कई बस स्टैंड पर चले गए। ज्यादातर दूरदराज जाने वाले यात्री परेशान रहे।

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प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र और राज्य सरकारों की किसान विरोधी व कारपोरेट घरानों के पक्ष वाली नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। अमृतसर रेलवे स्टेशन पर किसान संगठनों के धरने को मुख्य रखकर पंजाब पुलिस, रेलवे पुलिस और जीआरपी ने रेलवे स्टेशन पर आवश्यक सुरक्षा प्रबंध किए थे। यहां किसान नेताओं रत्न सिंह रंधावा, बलबीर सिंह मूधल ने कहा कि सरकार जानबूझ कर किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है। इस दौरान फैसला लिया गया कि 23 अक्टूबर को देश भगत यादगारी हाल की ओर से जलियांवाला बाग के मुद्दे को लेकर आयोजित किए जाने वाले रोष मार्च में हिस्सा लिया जाएगा। 26 अक्टूबर को यूपी में आयोजित की जा रही किसान पंचायत में भी किसान हिस्सा लेंगे।

उधर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेतृत्व में अमृतसर-दिल्ली मुख्य रेलवे लाइन देवीदास पुरा पर रेल का चक्का जाम किया गया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, राज्य कार्यालय सचिव गुरबचन सिंह चब्बा ने कहा कि केंद्र सरकार आंदोलन को बदनाम करने के लिए कुंडली बार्डर पर हुई घटना का राजनीतिकरण कर रही है। लखीमपुर में हुई घटना के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बचाने के लिए उनके बयान बदले जा रहे है। इसी तरह भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी की ओर से अमृतसर बटाल रेल ट्रैक पर धरना देकर केंद्र और राज्य सरकारों की जन व किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की गई। भारतीय किसान यूनियन उगराहां की ओर से किसान नेताओं मेजर सिंह, रछपाल सिंह, दर्शन सिंह आदि की अगुआई में अमृतसर रमदास रेल ट्रैक पर धरना प्रदर्शन करते हुए सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक रेल यातायात ठप रखा गया। किसानों की मुख्य मांगें

कृषि कानून रद किए जाएं

लखीमपुर की घटना के दोषियों को गिरफ्तार किया जाए

पेट्रोल डीजल के रेट कम किए जाएं

बीएसएफ का बढ़ाया दायरा वापस लिया जाए शाम सवा चार बजे के बाद बहाल हुई रेल सेवा

किसानों के धरने के चलते अमृतसर-दिल्ली रेल मार्ग सुबह दस बजे से लेकर शाम चार बजे तक प्रभावित रहा। इस के चलते गाड़ी नंबर 04650 अमृतसर-जयनगर फ्लाइंग अपने निर्धारित समय दोपहर 1.05 की जगह शाम 4.50 मिनट पर चली। सप्ताह में एक बार चलने वाली 04692 अमृतसर-हजूर साहिब ट्रेन दोपहर 2.30 बजे की बजाय 5.15 बजे रवाना हुई। 00468 स्पेशल ट्रेन शाम 4.00 बजे की जगह 5.05 बजे रवाना हुई। अमृतसर रेलवे स्टेशन के बाहर मुसाफिर ट्रेनों के बदले हुए समय की जानकारी लेते देखे गए। काफी मुसाफिर ट्रेनें शुरू होने का इंतजार रेलवे स्टेशन अमृतसर पर ही करते रहे। काफी मुसाफिर रेलवे ट्रेन चलने का इंतजार किए बिना ही रिक्शा और आटो रिक्शा के माध्यम से सफर के लिए बस स्टैंड पर भी चले गए। किसान आंदोलन करें पर लोगों को मुश्किल न आए

राजस्थान के रहने वाले मनीश कुमार ने बताया कि वह कपड़े की कंपनी में काम करता है। वह काम के सिलसिले में पंजाब आया था। शाम 6 बजे लुधियाना शहर में जरूरी बैठक थी। इसलिए उसने गाड़ी नंबर 04650 में टिकट बुक करवाई थी लेकिन रेलवे स्टेशन पर पहुंचने से पता चला कि किसानों के रेल ट्रैक पर धरने के कारण रेल नहीं चल रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए परंतु आम लोगों को मुश्किलें न आए। अमृतसर रेलवे स्टेशन के सुपरिटेंडेंट अक्षय पठानिया ने बताया किसानों की ओर से शाम 4.15 मिनट पर रेल ट्रैक खाली किया गया है। जिसके बाद रेल यातायात को बहाल कर दिया गया है।


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