व्यापारियों ने मांगें पूरी करने के लिए दिया 21 दिसंबर तक का अल्टीमेटम
। केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से अनदेखी किए जाने पर अब व्यापारी भी किसानों की राह पर चलने को तैयार हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से अनदेखी किए जाने पर अब व्यापारी भी किसानों की राह पर चलने को तैयार हैं। विभिन्न व्यापारिक संगठनों की बुधवार को पंजाब व्यापार मंडल के उपप्रधान रंजन अग्रवाल की अगुवाई में मीटिग की।
इस दौरान फैसला लिया गया कि अगर सरकार ने 21 दिसंबर तक उनकी मांगों पर गौर न किया तो 22 दिसंबर को 100 व्यापारियों का शिष्टमंडल डिप्टी कमिश्नर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे और उसके बाद संघर्ष शुरू कर दिया जाएगा।
केंद्र सरकार व पंजाब सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अग्रवाल ने कहा कि सरकार लगातार व्यापारियों के साथ धोखा कर रही है। सरकार के वादे बेमानी हैं। अब व्यापारी भी किसानों की राह पर चलने को मजबूर हैं। सरकार का पांच रुपये बिजली का प्रति यूनिट तो एक मजाक बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि हर बार सरकार पेंडिग सेल टैक्स केसों के लिए ओटीएस स्कीम लाने और कोरोना काल के दौरान बिजली के फिक्स रेट के निवेदन को एक-दो दिन कहकर टालती आ रही है। इनके समाधान का कोई भी प्रयास नहीं किया गया। सरकारें बताएं कि कोविड, जीएसटी और नोटबंदी के दौरान व्यापारियों को जो नुकसान हुआ, इसमें उनकी क्या मदद की गई। सरकार की मदद न मिलने से इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। जबकि सरकारें केवल इंडस्ट्री को खत्म करने वाले नीति अपना आ रही है। 22 दिसंबर को उद्योगपतियों का शिष्टमंडल डीसी से मिलेगा और ज्ञापन सौंपेगा। बैठक में जसबीर सिंह, सुरिदर कुमार, महेश कुमार, पवन कुमार, सहदेव भाटिया व अन्य व्यापारी मौजूद थे।