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गुरुनानक देव अस्पताल के कायाकल्प पर खर्च होंगे 14.32 करोड़

व्यवस्थागत खामियों से जूझ रहे सरकारी मेडिकल कॉलेज व गुरुनानक देव अस्पताल की दशा बदलने के लिए पंजाब सरकार ने 14.32 करोड़ की राशि स्वीकृत की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 12:27 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 12:27 AM (IST)
गुरुनानक देव अस्पताल के कायाकल्प पर खर्च होंगे  14.32 करोड़
गुरुनानक देव अस्पताल के कायाकल्प पर खर्च होंगे 14.32 करोड़

नितिन धीमान, अमृतसर

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व्यवस्थागत खामियों से जूझ रहे सरकारी मेडिकल कॉलेज व गुरुनानक देव अस्पताल की दशा बदलने के लिए पंजाब सरकार ने 14.32 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। इस राशि से इन चिकित्सा एवं शिक्षा संस्थानों में अमूलभूत बदलाव किए जाएंगे।

दरअसल, सरकारी मेडिकल कॉलेज व इससे सम्बद्ध गुरुनानक देव अस्पताल के विकास एवं विस्तार के लिए सरकार ने यह राशि स्वीकृत की है। इस राशि से 1.67 करोड़ रुपये पोस्टमार्टम हाउस के नवीनीकरण में खर्च होंगे। मौजूदा पोस्टमार्टम हाउस में भारी कमियां हैं। शवों को रखने के लिए कूलिग प्लांट आठ वर्षों से खराब है। वहीं यह इमारत भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गई है। इसके अतिरिक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग हॉस्टल, गुरुनानक देव अस्पताल में लांड्री प्लांट व चारदीवारी बनाई जाएगी।

अस्पताल की सबसे बड़ी समस्या चारदीवारी का जगह-जगह से टूटना

वर्तमान में कॉलेज व अस्पताल की सबसे बड़ी समस्या चारदीवारी का जगह-जगह से टूटा होना है। यही वजह है कि लोग बड़ी आसानी से अंदर प्रवेश कर जाते हैं। अस्पताल में पिछले कुछ महीनों में कई बड़ी घटनाएं हुईं, जिनमें महिला डॉक्टर से छेड़छाड़, एक अन्य महिला डॉक्टर से मोबाइल छीना गया, अस्पताल में पंखे व एलईडी लाइटें चोरी हुईं, एक जूनियर डॉक्टर को मरीज के अटेंडेंट द्वारा पीटा गया, रेडियोलॉजी विभाग के एसी प्लांट से कॉपर की वायर चोरी हुई व निजी मेडिकल स्टोर्स एवं लेबोरेट्री के कारिदों द्वारा मरीजों का आर्थिक शोषण होता रहा है। इन सब घटनाओं की मुख्य वजह अस्पताल में चारदीवारी व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होना है।

ऑपरेशन थिएटर की सीलिंग भी जगह-जगह से टूटी

दूसरी तरफ गुरुनानक देव अस्पताल का मेन ऑपरेशन थिएटर भी सरकारी उपेक्षा का शिकार बना है। ऑपरेशन थिएटर की सीलिग जगह-जगह से टूट चुकी है। एयरकंडीशनर काम नहीं करते। कई चिकित्सा उपकरण ऑपरेशन थिएटर में नहीं। ऐसे में डॉक्टरों को सीमित साधनों से मरीजों का ऑपरेशन करना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज स्थित एनआरआइ हॉस्टल की दुर्दशा भी किसी से छुपी नहीं। यह इमारत भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी है। दीवारों पर दरारें हैं। छतों से पानी टकता है और बाथरूमों में गंदगी फैली है।

अस्पताल की सुरक्षा के लिए निजी कंपनी से किया अनुबंध

अस्पताल कॉलेज की सुरक्षा के लिए सरकार ने एक निजी कंपनी को अनुबंधित किया है। इस कंपनी के कुछ कर्मचारी सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात हो चुके हैं, जबकि शेष 26 मार्च को यहां पहुंचेंगे। कुल मिलाकर 14.32 करोड़ की राशि से इस अस्पताल व कॉलेज की दशा व दिशा बदल जाएगी।

दो वर्षों में नए रूप में नजर आएगा अस्पताल व कॉलेज

मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस की पुरानी इमारत को धराशायी करने का क्रम शुरू हो चुका है। नई इमारत बनाने का काम पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के इंजीनियरिंग विंग को सौंपा गया है। सरकार द्वारा भेजी जाने वाली ग्रांट से अस्पताल व कॉलेज का चहुंमुखी विकास करवाया जाएगा। दो वर्षों में सरकारी मेडिकल अस्पताल व कॉलेज नए रूप में नजर आएगा।


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