100 एमिनेंट स्कूल बनाने की घोषणा पर पंजाब में शुरू हुआ विरोध, BJP बोली: पहले अध्यापकों को परमानेंट करे सरकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान की अगुआई में पंजाब सरकार द्वारा पंजाब भर में 100 एमिनेंट स्कूल बनाने की घोषणा का विरोध शुरू हो गया है। घोषणा के बाद पंजाब के कच्चे अध्यापकों का जख्म ताजा हो गया है और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया है।
अमृतसर, संवाद सहयोगी : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान की अगुआई में पंजाब सरकार द्वारा पंजाब भर में 100 एमिनेंट स्कूल बनाने की घोषणा का विरोध शुरू हो गया है। इस घोषणा के बाद पंजाब के कच्चे अध्यापकों का जख्म ताजा हो गया है और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया है। अध्यापकों का कहना है कि पंजाब में पहले ही अच्छे स्कूल बने हुए हैं, लेकिन सरकार नए स्कूल खोलने की बजाय पुराने स्कूलों पर अपनी मोहर लगाने जा रही है।
बादल और कैप्टन सरकार नें स्मार्ट स्कूल बनाए थे
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रधान अश्वनी अवस्थी ने कहा कि बादल सरकार ने मेरिटोरियस और कैप्टन सरकार ने स्मार्ट स्कूल बनाए थे। अब मान सरकार एमिनेंट स्कूल बनाने की घोषणा कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी ने न ताे पंजाब के 14 हजार कच्चे अध्यापकों को पक्का करने पर ध्यान नहीं दिया और न ही अध्यापकों की कमी काे पूरा करने की काेशिश की। उन्होंने कहा कि असली भारत गांव में बसता है, लेकिन गांव के अध्यापकों को भत्ते तक नहीं दिए जा रहे है। इसलिए अधिकतर अध्यापक शहरों की ओर अपना रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को बार्डर पर काम कर रहे अध्यापकों को उनके भत्ते देने चाहिए ताकि शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाया जा सके। ताकि गांव के गरीब तबके के बच्चे पढ़कर अपने देश का नाम राेशन कर सकें।
कच्चे अध्यापकों का भविष्य खतरे में
उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य से पहले कच्चे अध्यापकों का भविष्य खतरे में है। मेरीटाेरियस स्कूलों की बिल्डिंग पर 50 कराेड़ खर्चे, अध्यापक आठ साल से कच्चे दूसरी तरफ मेरिटोरियस स्कूलों के टीचरों ने भी अपना दर्द बयां किया है। अध्यापिका दलजीत कौर व कुलविंदर सिंह बाठ का कहना है कि पंजाब में 10 मेरिटोरियस स्कूल हैं। इनमें एक स्कूल की बिल्डिंग पर 50 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। ऐसी बिल्डिंग प्राइवेट स्कूलों में भी देखने को नहीं मिलती। इन स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चे कॉमर्स, मेडिकल, नॉन मेडिकल स्ट्रीम से पढ़कर अच्छी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं।
अध्यापकों की हो रही अंदेखी
इन स्कूलों में पीएचडी और नेट पास किए हुए 340 अध्यापक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इन अध्यापकों को पक्का करने की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। पिछली सरकारों ने भी उन्हें बेसिक वेतन पर बुलाकर पक्का नहीं किया। अब मान सरकार भी उनके साथ नाइंसाफी कर रही है। सरकार को पहले अध्यापकों काे पक्का करना चाहिए। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सीएम मान काे दिल्ली स्कूलों का दौरा करने के दौरान मेरिटोरियस स्कूलों पर ध्यान देने की बात कही थी। लेकिन उसके बाद भी उन्हें अनदेखा किया गया।