भाई गुरदास हाल में कार्यक्रम आयोजित
स्थानीय भाई गुरदास हाल में कार्यक्रम आयोजित किया और इस घटना के इतिहास पर विचार पेश किए गए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: श्री हरिमंदिर साहिब में महंतों के प्रबंध में दलित भाईचारों को माथा टेकने की मनाही थी, परंतु 1920 में दलित भाईचारे को श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने की इजाजत हुई। इस घटना के 100 वर्ष पूरे होने पर समुदाय के अलग-अलग संगठनों ने स्थानीय भाई गुरदास हाल में कार्यक्रम आयोजित किया और इस घटना के इतिहास पर विचार पेश किए गए।
कार्यक्रम में तख्त दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह और अकाली दल के दलित विग के नेता गुलजार सिंह रणीके भी शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल जत्थेबंदियों के कार्यकर्ताओं की ओर से एक वेबिनार भी आयोजित किया गया। समुदाय के नेताओं डा. राज कुमार हंस, डा. भूपिदर सिंह, प्रो. मुनीष सिंह और निर्मल सिंह ने बताया कि 12 अक्टूबर 1920 को श्री हरिमंदिर साहिब में दलितों को माथा टेकने देने की इजाजत इतिहास की एक बड़ी घटना है, जिसको सभी ने मिल कर याद किया है। इस दौरान भाई गुरदास हाल से श्री हरिमंदिर साहिब तक एक मार्च भी आयोजित किया गया और संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अकाल तख्त पर अरदास भी की। इस दौरान बिक्रम सिंह, जसपाल सिंह, जसकरण सिंह, धुन सिंह गुरप्रीत सिंह आदि भी मौजूद थे।