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आलू मंडी में चार मंजिला अवैध निर्माण गिराने पहुंची टीम, सिद्धू समर्थक पार्षदों ने रोका Amritsar news

सिद्धू कुनबे के पार्षद अवैध निर्माणों के हिमायती बने हुए हैं। यही वजह है कि शुक्रवार को आलू मंडी में बनी चार मंजिला अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने गई नगर निगम की एमटीपी विभाग की टीम को बिना कार्रवाई किए लौटना पड़ा।

By Edited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 05:20 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 08:29 AM (IST)
आलू मंडी में चार मंजिला अवैध निर्माण गिराने पहुंची टीम, सिद्धू समर्थक पार्षदों ने रोका Amritsar news
आलू मंडी में कार्रवाई करने पहुंची टीम का विरोध करते हुए पार्षद शैलिंदर, राजिंदर व मिट्ठू (जागरण)

अमृतसर, जेएनएन। पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अवैध निर्माणों के विरोधी रहे हैं। जालंधर और लुधियाना में उनके द्वारा अवैध निर्माण पर की गई कार्रवाई खुद कांग्रेसियों तक को खटकने लगी थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर हालात इसके विपरीत हैं। सिद्धू कुनबे के पार्षद अवैध निर्माणों के हिमायती बने हुए हैं। यही वजह है कि शुक्रवार को आलू मंडी में बनी चार मंजिला अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने गई नगर निगम की एमटीपी विभाग की टीम को बिना कार्रवाई किए लौटना पड़ा।

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पार्षदों के नेतृत्व में एकत्रित हुए लोगों की एटीपी संजीव देवगन व विभागीय अधिकारियों से तीखी बहस हुई। जीटी रोड स्थित आलू मंडी के अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए एमटीपी विभाग ने योजना बनाई थी। विभागीय टीम सुबह छह बजे ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अर्चना शर्मा व एटीपी संजीव देवगन के नेतृत्व में कार्रवाई के लिए पहुंची, लेकिन सूचना लीक होने की वजह से टीम के पहुंचने से पहले ही सिद्धू समर्थक पार्षद शैली, सैनी और पार्षद पुत्र मिट्ठू मदान के नेतृत्व में डेढ़ सौ से अधिक लोगों ने टीम व डिच मशीनों को सौ मीटर दूर ही रोक दिया। आलम यह रहा कि तीस से पैंतीस की संख्या में पहुंचे एमटीपी विभाग व पुलिस अधिकारियों पर पार्षदों के नेतृत्व में इकट्ठी हुई टीम भारी पड़ी। करीब एक घंटे तक चली बहस के बाद टीम को वापस लौटना पड़ा।

एटीपी देवगन ने पार्षदों द्वारा अवैध निर्माणों पर कार्रवाई में बाधा खड़ी करने की रिपोर्ट निगम कमिश्नर और एडीशनल कमिश्नर को दे दी गई है। दस दिन में खुद कार्रवाई का दिया था भरोसा एटीपी ने बताया कि एमटीपी विभाग की टीम ने अवैध निर्माणों पर 13 अक्टूबर को भी कार्रवाई की थी। तब बहुमंजिला इमारतों के मालिकों ने दस दिन की मोहलत मांगी थी और विश्वास दिलवाया था कि वह खुद ही अवैध निर्माण को ध्वस्त कर लेंगे। तब भी पार्षद पुत्र मिट्ठू मदान ने ही निगम की कार्रवाई रुकवाते हुए बि¨ल्डग मालिकों को दस दिन की मोहलत दिलाई थी। लेकिन, 18 दिन बाद भी जब अवैध निर्माण नहीं गिराया गया तो दोबारा कार्रवाई के लिए विभागीय टीम पहुंची। मिट्ठू ने खुद की थी अवैध निर्माणों की शिकायत एटीपी ने बताया कि 17 जुलाई को वार्ड 29 के पार्षद विजय मदान के बेटे सौरभ मदान मिट्ठू ने एडीशनल कमिश्नर को खुद अवैध निर्माणों पर शिकायत दी थी और ईस्ट जोन के एटीपी और इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की मांग की थी।

निगम ने इन इमारतों को सील भी कर दिया था। बिल्डिंग में एक चार मंजिला इमारत का रिहायशी नक्शा पास है और दूसरी पांच मंजिला बिल्डिंग का अभी तक नक्शा पास नहीं है। इसके अलावा हाउसलेन की भी बड़े स्तर पर इन इमारतों में अवहेलना हुई है। शिकायतों के बाद एडीशनल कमिश्नर ने खुद दो बार इसकी जांच की थी। निर्माण हो रहे थे तब कहां थे अधिकारी पार्षद शैलिंदर शैली, राजिंदर सैनी और सौरभ मदान मिट्ठू ने अधिकारियों को कहा कि अभी तक विभागीय अधिकारियों द्वारा बताया ही नहीं गया कि बिल्डिंग बायलाज की इन निर्माणों में अवहेलना क्या हुई है। जब निर्माण हो रहे थे, तब अधिकारी कहां थे। पहले अधिकारियों की रजामंदी से ही यह निर्माण हुए हैं। निर्माणों को लेकर कमिश्नर से जल्द बैठक की जाएगी।

मित्तल पार्षदों के नेतृत्व में बिल्डिंगों के मालिक आज उनसे मिलने आए थे। उन्होंने खुद ही निर्माण गिराने का आश्वासन दिया है। एडीशनल कमिश्नर और एमटीपी पहले ही इन्हें बता चुके हैं कि बिल्डिंग बायलाज की अनदेखी कहा हुई है। उन्हें स्पष्ट कह दिया गया है कि जो रिहायशी नक्शा पास है, उसे उसी अनुरूप किया जाए। कमर्शियल में ज्यादा फ्लोर बनाने या फिर हाउसलेन की जहां अवहेलना हुई है उसे दूर किया जाए।

-कोमल मित्तल, कमिश्नर निगम


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