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ऑक्सीजन घोटाला : समय सीमा पूरी, जांच अधूरी

गुरु नानक देव अस्पताल में कथित ऑक्सीजन घोटाले की जांच की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अभी तक जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। गुरु नानक देव अस्पताल में कथित ऑक्सीजन घोटाले की जांच की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अभी तक जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:06 AM (IST)
ऑक्सीजन घोटाला : समय सीमा पूरी, जांच अधूरी
ऑक्सीजन घोटाला : समय सीमा पूरी, जांच अधूरी

जागरण संवादाता, अमृतसर

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गुरु नानक देव अस्पताल में कथित ऑक्सीजन घोटाले की जांच की समय

सीमा समाप्त होने के बाद भी अभी तक जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने 16 सितंबर को अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए थे कि इस मामले की जांच 15 दिनों के भीतर पूरी कर जांच रिपोर्ट तैयार की जाए। मंत्री द्वारा जारी आदेश को एक माह बीत चुका है, मगर अस्पताल प्रबंधन घोटाले की जांच पूरी नहीं कर पाई है। इससे यह स्पष्ट है कि या तो अस्पताल प्रशासन इस घोटाले में संलिप्त लोगों को बचाना चाहता है या फिर यह सारा काला कारनामा बड़े अधिकारियों की संलिप्तता से हो रहा थ।

दरअसल, सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में गुरु नानक देव अस्पताल स्थित रेडियोलॉजी विभाग के सामने लगा सीसीटीवी कैमरा चोरी हुआ था। यह कैमरा गैसेज यूनिट के बाहर लगाया गया था, जहां ऑक्सीजन से भरे सिलेंडर आते थे और खाली बाहर भेजे जाते थे। सीसीटीवी कैमरा चोरी होने के बाद मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार ने जांच के आदेश दिए। सीसीटीवी कैमरा की फुटेज चेक की गई तो इसमें दिखाई दिया कि आधी रात को गैसेज यूनिट से सिलेंडर बाहर लाए गए और गाड़ी में लादे गए। इस मामले में डॉ. कुलार ने सुरक्षा कर्मचारियों को भी तलब किया। सुरक्षा कर्मचारियों ने स्पष्टीकरण दिया कि अक्सर रात को एक गाड़ी गैसेज यूनिट आती थी और सिलेंडर ले जाती थी।

यह मामला चंडीगढ़ तक पहुंचा था। मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने अधिकारियों को तलब कर लिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऑक्सीजन प्लांट में सिलेंडर चोरी होने की जो चर्चाएं हैं उसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपें। मंत्री ने यह भी कहा कि अस्पताल में 2012 में एक गैसेज प्लांट स्थापित किया गया था, जहां गैस का उत्पादन हो सकता था। इसे भी जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए, ताकि हमें बाहर से ऑक्सीजन न मंगवानी पड़े।

इसके बाद गैसेज यूनिट का सारा स्टाफ व इंचार्ज शक के घेरे में आ गए। मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने गैसेज यूनिट के इंचार्ज को यहां से हटा दिया। साथ ही मंत्री के आदेश पर सारा स्टाफ बदल दिया गया। अब सवाल यह कि मंत्री के आदेश के बाद जांच रिपोर्ट तैयार क्यों नहीं की गई। तीन-चार दिनों में जांच पूरी हो जाएगी: डॉ. कुलार डॉ. जगदेव सिंह कुलार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इसके लिए बाकायदा कमेटी बनाई गई है, जिसमें फोरेंसिक विभाग के डॉ. अशोक चानना शामिल हैं। कमेटी हर पहलू पर नजर बनाए हुए हैं। जिन लोगों ने ऑक्सीजन घोटाले की शिकायत की थी उन्हें भी जांच में शामिल किया गया। आगामी तीन चार दिनों में जांच पूरी हो जाएगी। अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगेंगे: मंत्री सोनी इधर, मेडिकल रिसर्च एंड एजुकेशन विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने कहा कि वह उपचुनाव में व्यस्त हैं। अस्पताल प्रशासन को पंद्रह दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया था। ऐसा क्यों नहीं किया गया, इसका स्पष्टीकरण मांगेंगे।


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