सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. सुजाता पर चलेगा महिला आयोग का चाबुक
। सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा पर महिला आयोग सख्त हो गया है।
नितिन धीमान, अमृतसर
सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा पर महिला आयोग सख्त हो गया है। मेडिकल कॉलेज में महिला यौन उत्पीड़न के मामलों में कार्रवाई न करने पर पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने डॉ. सुजाता शर्मा को प्रिसिपल की कुर्सी से हटाने के लिए कमर कस ली है। मनीषा गुलाटी बुधवार को मेडिकल कॉलेज पहुंचीं। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में गठित की गई सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी में शामिल सदस्यों की सूची फाड़ फेंकी। साफ कहा कि इस कमेटी में छह सदस्य तो कॉलेज के ही हैं और जो बाहरी हैं वे अपने-अपने शिक्षण संस्थान चला रहे हैं। कॉलेज में छेड़छाड़ का शिकार बच्चियां सिसक रही हैं और कॉलेज प्रशासन हर मामले को दबाने में लगा है। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि वह डॉ. सुजाता को इस पद पर नहीं रहने देंगी। वह सरकार को लिखेंगी कि डॉ. सुजाता को प्रिसिपल पद से हटाया जाए। मनीषा गुलाटी ने डॉ. सुजाता शर्मा एवं गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जगदेव सिंह कुलार को समन जारी कर सोमवार को चंडीगढ़ में आयोग के कार्यालय में पेश होने के आदेश जारी किए हैं।
दरअसल, सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर एवं इससे सम्बद्ध गुरु नानक देव अस्पताल में डिप्लोमा कर रही एक छात्रा एवं एक नर्सिंग स्टाफ से अस्पताल के ही कर्मचारियों ने छेड़छाड़ की। इन मामलों की जानकारी मिलने पर मनीषा गुलाटी मेडिकल कॉलेज स्थित प्रिसिपल कार्यालय पहुंची। चूंकि मंगलवार को डॉ. सुजाता शर्मा एवं डॉ. जगदेव सिंह कुलार चंडीगढ़ में विभागीय मीटिग में गए थे, इसलिए मनीषा गुलाटी ने कॉलेज की वाइस प्रिसिपल डॉ. वीणा चतरथ व डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक सिद्धू को जांच में शामिल किया। मनीषा ने सबसे पहले सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी में शामिल सदस्यों की सूची मंगवाई। सूची में भवन्स एसएल पब्लिक स्कूल के अविनाश महेंद्रू एवं बीबीके डीएवी कॉलेज की प्रिसिपल पुष्पिंदर वालिया का नाम देखकर मनीषा गुलाटी ने कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने वाइस प्रिसिपल से पूछा ये दोनों अपने-अपने शिक्षण संस्थान चला रहे हैं। इन्हें मेडिकल कॉलेज की सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी में शामिल करने का क्या औचित्य है।
मनीषा गुलाटी ने कहा कि पुष्पिंदर वालिया के कॉलेज से लड़कियों की कई शिकायतें मेरे पास आ रही हैं। पुष्पिदर अपने कॉलेज का लेखा-जोखा आयोग के समक्ष रखें, फिर मेडिकल कॉलेज कमेटी की सदस्यता ग्रहण करें। यह कहकर मनीषा गुलाटी ने सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी के नामों वाली सूची फाड़कर फेंक दी। उन्होंने साफ कहा कि कमेटी में सामाजिक कार्यकर्ता, एडवोकेट भी शामिल होना चाहिए। पिछली मर्तबा भी मैंने कॉलेज में आकर यह बात कही थी, मगर प्रिसिपल ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अपनी मर्जी से ही कमेटी के सदस्य बना दिए, जो हर मामले को दबाते जा रहे हैं। अब मैं खुद मेडिकल कॉलेज में सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी का गठन करूंगी। मैं सरकार को लिखूंगी कि डॉ. सुजाता को प्रिसिपल पद पर न रहने दिया जाए। उन्होंने आयोग के आदेश का अनुपालन नहीं किया। वैसे इसमें गलती आयोग के स्टाफ की भी है, जिन्होंने आदेशों का रिव्यू नहीं लिया। मैं आयोग के स्टाफ पर भी कार्रवाई करूंगी। यौन उत्पीड़न के सभी मामलों की रिपोर्ट मांगी मनीषा गुलाटी ने वाइस प्रिसिपल से कहा कि कॉलेज में अब तक यौन उत्पीड़न की जितनी भी शिकायतें आई हैं, उन पर क्या एक्शन हुआ, इसकी रिपोर्ट मुझे दी जाए। इनमें से किसी भी शिकायत का निपटारा नहीं हुआ है। यह दो मामले मीडिया के जरिए आयोग के ध्यान में आ गए, वरना कॉलेज प्रशासन इन्हें भी दबा देता। बाक्स: यौन उत्पीड़न का शिकार युवतियों ने सुनाई दास्तां ओटी असिस्टेंट ने मुझे किस की थी, जबरदस्ती करने की कोशिश की : नर्स
मनीषा गुलाटी के सम्मुख प्रस्तुत हुई गायनी इमरजेंसी में कार्यरत स्टाफ नर्स ने कहा कि अस्पताल में काम करने वाले ओटी असिस्टेंट बलविदर ने उसे किस की थी। वह स्टोर में कुछ सामान लेने गई थी। बलविदर वहां आ धमका। उसने मुझे पकड़ा और किस करने के बाद मुझसे जबरदस्ती करने की कोशिश की। मैं किसी तरह वहां से निकली। मनीषा गुलाटी ने ओटी असिस्टेंट बलविदर को भी तलब कर लिया। बलविदर ने कहा कि उसने इस तरह की कोई हरकत नहीं की। स्टोर से सामान निकालते वक्त मेरा हाथ उसके शरीर पर टच हो गया था। इससे ज्यादा और कुछ नहीं हुआ। मनीषा गुलाटी ने वाइस प्रिसिपल से पूछा आपने इस पर क्या एक्शन लिया। वाइस प्रिसिपल ने कहा हमने इसे ईएनटी अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया है। मनीषा ने कहा क्या सिर्फ ट्रांसफर करने से नर्स को न्याय मिल गया? छेड़छाड़ की घटना संगीन अपराध है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। दोनों कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाएगा, लेकिन इससे पहले प्रिसिपल के खिलाफ कार्रवाई होगी, जिसने अपना काम सही ढंग से नहीं किया। पहले मैसेज भेजा, फिर जबरदस्ती करने का प्रयास किया
डिप्लोमा छात्रा ने मनीषा गुलाटी से कहा कि गुरु नानक देव अस्पताल के आइसीयू में कार्यरत एक टेक्निशियन अमरजीत सिंह ने उसे वॉट्सएप पर मैसेज भेजा-आइ लाइक यू। उसने मुझसे जबरदस्ती करने की भी कोशिश की थी। मैंने इस बात की शिकायत सीनियर डॉक्टर से की। टेक्निशियन मुझसे कहता है कि अगर किसी को बताया तो तुम्हारी अटेंडेंट शॉर्ट कर दूंगा। मनीषा गुलाटी ने छात्रा से कहा कि आप घबराओ मत। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस पर मेडिकल कॉलेज की वाइस प्रिसिपल डॉ. वीणा चतरथ ने कॉलेज प्रशासन का बचाव करते हुए कहा कि इसने हमें तो शिकायत ही नहीं दी। इस पर मनीषा गुलाटी ने कहा कि अब तो आपके पास शिकायत पहुंच गई है, आप बताइए क्या करेंगी? मैडम! छात्रा क्लास अटेंड नहीं करती
ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कर्मजीत ने मनीषा गुलाटी से कहा कि डिप्लोमा कर रही छात्रा क्लास अटेंड नहीं करती। इस पर छात्रा ने कहा कि वह आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार से संबंधित है। वह जॉब भी करती है, इसलिए कई बार क्लास में नहीं आ पाती। डॉ. कर्णजीत द्वारा उठाई गई इस आपत्ति पर मनीषा ने कहा कि क्लास अटेंड नहीं करने का मतलब यह तो नहीं कि इससे छेड़छाड़ हो और आपका कॉलेज प्रशासन मूक बना रहे। चेयरपर्सन ने विभाग के सेक्रेट्री डीके तिवारी से की बात
चेयरपर्सन ने मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के सेक्रेट्री डीके तिवारी को फोन कर सारी स्थिति से अवगत करवाया। मनीषा ने डीके तिवारी से कहा कि डॉ. सुजाता शर्मा ने आयोग के आदेश का पालन नहीं किया। मैं सिफारिश करती हूं कि डॉ. सुजाता शर्मा को प्रिसिपल पद से हटाया जाए।