काेरोना के बढ़ते मामलों से लैबों पर दबाव, रिपाेर्ट आने से देरी के कारण दिक्कतों में इजाफा
कोराेना के बढ़ते मामलों से पंजाब में टेस्ट लैबों पर दबाव काफी बढ़ गया है। इस कारण कोरोना को लेकर सैंपलों की जांच और उनकी रिपोर्ट भेजने में देरी हो रही है।
अमृतसर, [नितिन धीमान]। पंजाब में काेराना वायरस COVID-19 के बढ़ते मामलों से टेस्ट लैबों पर भारी दबाव बढ़ गया है। इससे डॉक्टरों को परेशानी हो रही है और मरीजों के इलाज के प्रभावित होने की आशंका है। COVID-19 के टेस्ट अमृतसर व पटियाला की लैब में हो रहे हैं। इन दिनों इन दोनों शहरों के लैब्स पर टेस्ट का बोझ बढ़ गया है। इस कारण रिपोर्ट में देरी होने लगी हैं। अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब में कार्यरत स्टाफ दिन रात काम में जुटा है।
अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब में अगले सप्ताह से 96 की बजाय 320 टेस्ट होंगे
अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में 2014 में स्थापित इस लैब में मॉनीक्यूलर बायोलॉजी से संबंधित 300 टेस्ट प्रतिमाह करने की इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने स्वीकृति प्रदान की थी। वर्तमान में जब कोरोना का प्रकोप फैल चुका है तो इस लैब में हर रोज 96 सैंपलों की टेस्टिंग की जा रही है। जल्द ही यहां 320 टेस्ट किए जाने लगेंगे।
अमृतसर व पटियाला लैब्स पर टेस्टों का बोझ बढ़ा, लेट होने लगीं रिपोट्र्स
सैंपलों के बोझ की वजह से लैब में अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, गुरदासपुर, पठानकोट जिलों से सैंपल टेस्ट हो रहे हैं। प्रतिदिन 100 से 120 सैंपल आ रहे हैं। शुरुआत में प्रतिदिन 15 सैंपलों की टेङ्क्षस्टग की गई। इसके बाद इसे 40 किया गया। अब इस संख्या को बढ़ाकर 96 कर दिया गया है।
अहमदाबाद से टीम आकर दो मशीनें करेगी इंस्टाल
आइसीएमआर द्वारा अमृतसर स्थित इस लैब में दो आरएन एक्सप्रेशर मशीनें भेजी गई हैं। इसी सप्ताह अहमदाबाद से तकनीकी टीम यहां पहुंचेगी और इन मशीनों को इंंस्टॉल करेगी। इसके बाद लैब में सैंपल टेस्टिंग की क्षमता 320 तक हो जाएगी।
सैंपल टेस्टिंग में लगता है 15 घंटे तक का समय
अमृतसर स्थित लैब के प्रभारी डॉ. केडी सिंह के अनुसार सैंपल टेस्टिंग की प्रक्रिया में 15 घंटे का समय लगता है। लैब में कार्यरत स्टाफ का काम बेहद जोखिम भरा है। जैसे ही सैंपल को खोला जाता है, इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। लैब में सैंपल का दो चरणों में टेस्ट होता है। संदिग्ध मरीज के गले से लैब में लाए गए थ्रोट सैंपल की पहले चरण में ई-जीन की जांच होती है। इस रिपोर्ट के पॉजिटिव आने पर कन्फर्मेशन के लिए ओआरबी टेस्ट किया जाता है।
अमृतसर लैब की स्थिति
- 96 टेस्ट रोज करने की क्षमता।
- 120 सैंपल रोजाना आ रहे हैं लैब में।
- 320 सैंपल टेस्ट करने की जल्द हो जाएगी क्षमता।
- 24 घंटे काम रहा है स्टाफ।
- 6 कर्मी हैं लैब में कार्यरत।
- 8 घंटे तक लगते हैं सैंपल टेस्ट करने में।
- 15 घंटे में रिपोर्ट भी हो जाती है तैयार।
- 537 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं लैब में।
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पटियाला में रोज हो रहे 40 टेस्ट, लगेंगी नई मशीनें
पटियाला के सरकारी मेडिकल कॉलेज पर मालवा रीजन के 13 जिलों के कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपलों के टेस्ट की जिम्मेदारी है। टीम की लीड कर रहे डॉ. रूपिंदर बख्शी ने कहा कि फिलहाल वीडीआर लेबोरेटरी की रोजाना 40 से 50 टेस्ट करने की क्षमता है। स्टाफ 14 से 15 घंटे काम करके 40 सैंपलों की जांच कर पा रहा है। जल्द टेस्ट के लिए नई मशीने इंस्टॉल की जाएंगी, जिससे यहां 150 सैंपल टेस्ट हो पाएंगे।
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पटियाला लैब की स्थिति
- 50 सैंपल रोज टेस्ट करने की क्षमता।
- 40 सैंपल रोज हो पा रहे टेस्ट।
- 150 सैंपल टेस्ट करने की जल्द हो जाएगी क्षमता।
- 14-15 घंटे काम रहे हैं कर्मी।
- 9 कर्मी हैं लैब में कार्यरत।
- 6 घंटे तक लगते हैं सैंपल टेस्ट करने में।
- 9 घंटे में रिपोर्ट भी हो जाती है तैयार।
- 1004 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं लैब में।
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