रीडिग के झंझट से राहत देंगे प्रीपेड बिजली के मीटर
कोरोना महामारी के दौर में बिजली के बिलों ने उपभोक्ताओं की कमर तोड़कर रख दी है क्योंकि पहले बिना रीडिग के बिजली के बिल मिले और अब रीडिग के हिसाब से बिलों को लेकर उपभोक्ता परेशानी झेल रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना महामारी के दौर में बिजली के बिलों ने उपभोक्ताओं की कमर तोड़कर रख दी है, क्योंकि पहले बिना रीडिग के बिजली के बिल मिले और अब रीडिग के हिसाब से बिलों को लेकर उपभोक्ता परेशानी झेल रहे हैं। महामारी में बिजली के बिलों की समस्या से प्रीपेड मीटर ही निजात दिला सकते हैं। पावरकॉम मैनेजमेंट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू करने वाली है। फिलहाल वर्तमान समय में दस हजार प्रीपेड मीटर खरीदने का फैसला भी कर रखा है, जोकि महामारी के चलते अटका हुआ है। लॉकडाउन और कर्फ्यू में बिजली के बिलों को लेकर उपभोक्ताओं को हुई परेशानी को लेकर राज्य में प्रीपेड मीटर लगाने का रुझान शुरू हो सकता है। शुरुआती दौर में अस्थाई और स्थाई सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाने के पीछे सरकारी विभागों में बिजली बिलों के रूप में फंसने वाले लाखों में नहीं करोड़ों रुपये बचाने का तर्क है। प्रीपेड बिजली के मीटर को रिचार्ज करवाने के बाद ही बिजली की सप्लाई चालू हो सकेगी, क्योंकि अस्थाई बिजली के कनेक्शनों में भी नुकसान सहन करना पड़ता है। ऐसे करेंगे प्रीपेड मीटर काम
जिस तरह से मोबाइल की सिम में रकम खत्म होने के बाद दोबारा रिचार्ज करवाया जाता है, ठीक उसी तर्ज पर उपभोक्ता को अपने घर बिजली का इस्तेमाल करने से पहले रिचार्ज करवाना पड़ेगा। प्रीपेड बिजली का मीटर उपभोक्ता के घर के बाहर ही लगा रहेगा और घर के अंदर एक रिमोट यूनिट लगाया जाएगा, जिसमें बकाया बिजली के यूनिटों की जानकारी मिलती रहेगी। बिजली विभाग द्वारा उपभोक्ता को एक टोकन मुहैया करवाया जाएगा, जिससे वह मर्जी के मुताबिक रिचार्ज करवा सकेगा। रविवार को रिचार्ज खत्म होने की सूरत में बिजली बंद नहीं होगी और सोमवार को जाकर अपना रिचार्ज करवाया जा सकेगा।