नवाज शरीफ के 'घरÓ में शराफत की अरदास
पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद नानक सिंह की रिहाई की मांग को लेकर आइएसएफ ने पाक पीएम नवाज शरीफ के पैतृक गांव जाति उमरां में अरदास की।
अमृतसर (नितिन धीमान)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पैतृक गांव जाति उमरां में रविवार को 'शराफतÓ की अरदास हुई। पिछले तीन दशक से पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद नानक सिंह की रिहाई की मांग को लेकर छात्र संगठन आइएसएफ ने गांव जाति उमरां स्थित गुरुद्वारा साहिब में श्री सुखमणि साहिब के पाठ रखवाए। इस अरदास में नानक सिंह के पिता रतन सिंह व मां प्यारी कौर भी शामिल हुए। छात्रों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से अपील की कि वह शराफत दिखाते हुए नानक सिंह को वतन भेज दें। बूढ़े मां-बाप उसकी एक झलक देखने के लिए बेचैन हैं।
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आइएसएफ के प्रमुख केशव कोहली ने कहा कि वर्ष 1984 में नानक सिंह गलती से पाकिस्तान चला गया था। नानक सिंह के पिता रतन सिंह ने कहा कि दोनों मुल्कों की सरकारें उनके बेटे की रिहाई के लिए कुछ नहीं कर रहीं। मां प्यारी कौर ने कहा कि न जाने नानक सिंह किस हाल में होगा। एक बार उसकी सूरत देख लूं, उसे आंचल में समेट लूं। बस इतनी सी हरसत है। इसके बाद गांववासियों ने गांव की दरगाह पर चादर चढ़ाकर नानक सिंह की रिहाई के लिए कामना की।
पाकिस्तान पंजाब के सीएम को भेजा मैसेज
गांव के एक युवक निर्मल सिंह ने पाकिस्तान पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज खान को वाट्सएप पर मैसेज भेजकर अपील की कि वह नानक सिंह की रिहाई के लिए पाकिस्तान सरकार से बात करें। पाकिस्तान पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज खान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। निर्मल सिंह ने बताया कि वह पंजाब (भारत) के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से समय लेकर नानक सिंह के परिजनों की भेंट करवाएंगे।
विदेश मंत्रालय ने नहीं किया प्रयास
केशव कोहली ने बताया कि नानक सिंह की रिहाई के लिए वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मिल चुके हैं। इसके अतिरिक्त पंजाब के सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को पंजाब सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा गया। लेकिन न तो सरकार ने और न ही किसी राजनीतिक पार्टी ने उसकी रिहाई के लिए प्रयास किए। अब हाईकोर्ट से उम्मीद बंधी है।