अमृतसर हादसे में नया खुलासा, पुलिस ने सुरक्षा के लिए जीआरपी को दी थी सूचना
अमृतसर हादसे को लेकर रेलवे अौर जीआरपी पर गंभीर सवाल उठ गए हैं। पुलिस ने कार्यक्रम के बारे में जीआरपी को ईमेल कर सूचना दी थी और सुरक्षा प्रबंध का अनुरोध किया था।
अमृतसर, [रविंदर शर्मा]। दशहरा पर्व की संध्या पर जौड़ा फाटक के निकट हुए रेल हादसे की जांच अब जीआरपी की ओर मुड़ गई है। हादसे की जिम्मेवारी तय करने के लिए जांच अधिकारी बी पुरुषार्थ ने जांच का काम तेज कर दिया है। पिछले दिनों हुई जांच में सामने आया 18 व 19 अक्टूबर की मध्यरात्रि 12 बजकर 53 मिनट पर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से सुरक्षा प्रबंधों को लेकर क्षेत्र के सभी थानों को ईमेल भेजी गई थी। इस ईमेल में उन्हें उनके इलाके में होने वाले दशहरा उत्सवों को लेकर जानकारी देते हुए सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा गया था।
जांच में सामने आए तथ्य, 18 व 19 की मध्यरात्रि 12 बजकर 53 मिनट पर की गई थी ईमेल
हादसे के बाद अब मेजिस्ट्रेट जांच शुरु हो चुकी है तो इस ईमेल के बारे में अधिकारी कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैैं। वहीं जानकारों का कहना है कि अगर इस ईमेल को गंभीरता से लिया जाता तो इस हादसे को रोका जा सकता था। जीआरपी पुलिस स्टेशन सहित कमिश्नरेट के सभी थानों को भेजी गई मेल में उनके थाना क्षेत्रों के दशहरा मेले की लोकेशन के बारे में बताते हुए सुरक्षा प्रबंध करने को कहा गया था। यह ईमेल सिक्योरिटी ब्रांच अमृतसर की जी मेल से भेजी गई थी।
अमृतसर पुलिस द्वारा जीआरपी को भेजा गया मेल।
इन थानों को भेजी गई थी ईमेल
सुल्तानविंड गेट, हकीमां गेट, इस्लामाबाद, मजीठा रोड, एमटीओ पुलिस लाइंस, मकबूलपुरा, गलियारा थाना, ए डिवीजन, पुलिस स्टेशन जीआरपी, सिविल लाइंस, पीएस रंजीत एवेन्यू पीएस वल्ला, पीएस कैंटोनमेंट, पीएस वेरका, सदर पुलिस स्टेशन, एसएचओ महिला पुलिस स्टेशन, एसडीसी अमृतसर सिटी और ट्रैफिक पुलिस को एक साथ यह ईमेल भेजी गई थी।
'' पुलिस कमिश्नर कार्यालय से अकसर ईमेल आती रहती हैं। 18 अक्टूबर की मध्यरात्रि भेजी गई ईमेल बाबत जांच की जा रही है। वैसे भी मामला ट्रेस पासिंग का है, जिसमें रेलवे एक्ट 147 के तहत कार्रवाई के अधिकार रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के पास है। जोड़ा फाटक रेल हादसे में बड़े स्तर पर जांच की जा रही है तो इसमें कुछ भी जानकारी नहीं दी जा सकती।
- बलवीरसिंह घुम्मन, थाना प्रभारी जीआरपी अमृतसर।
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'' यह ट्रेस पासिंग का मामला नहीं बल्कि कानून व्यवस्था का था। इससे पूर्व मंत्रालय को लिखा गया है कि जौड़ा फाटक से लेकर मंदिर तक 12 फुट ऊंची कंकरीट दीवार बनाई जाए। क्योंकि ईंटों की दीवार को लोग तोड़ कर रास्ता बना लेते हैं जबकि कंकरीट की दीवार को आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता।
- मोहन लाल, थाना प्रभारी, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स अमृतसर।
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'' सुरक्षा प्रबंधों को लेकर जिला के सभी थानों के प्रभारियों को दशहरा से पूर्व सुरक्षा प्रबंधों को लेकर ईमेल भेजी गई थी। मामले में मजिस्ट्रेट जांच हो रही है, इसलिए इस पर कोई कमेंट नहीं किया जा सकता।
- एसएस श्रीवास्तव, पुलिस कमिश्नर अमृतसर।