बारिश होते ही हिदुस्तानी बस्ती में रहने वालों को सताने लगता है छत गिरने का डर
। लोहगढ़ के निकट बनी आबादी हिदुस्तानी बस्ती में कई घर कच्चे हैं।
कमल कोहली, अमृतसर
हरेक परिवार का पक्का मकान हो इसके लिए सरकार द्वारा योजना बनाई गई है। लेकिन अब भी शहर में ऐसे परिवार है जो कच्चे घरों में किसी तरह गुजारा कर रहे हैं। इन परिवारों की नजर हर समय आसमान पर टिकी रहती है। जब भी बादल छा जाते हैं तो इन कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों की नींद उड़ जाती है।
दैनिक जागरण ने जब लोहगढ़ के निकट बनी आबादी हिदुस्तानी बस्ती में जाकर देखा तो उस आबादी में कई घर कच्चे थे। उनकी छतें भी कच्ची हैं और बारिश में पानी टपकता है। बरसात के दिनों में किसी भी समय यह छतें गिर सकती हैं जिससे जानी व माली नुकसान हो सकता है।
हिदुस्तान बस्ती के रहने वाले हुकमचंद व उसकी पत्नी सुलोचनी देवी ने बताया कि उनके घर की छत कच्ची है। बरसात के दिनों में यह छतें गिरने का डर बना रहता है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी कोई सरकारी योजना का पता नहीं, जिसमें छतें पक्की करने की राशि मिलती है।
सुनीता पत्नी स्व. ओम प्रकाश ने बताया कि उनके घर की भी छत टूटी हुई है। निर्मला ने बताया कि उनकी दो लड़कियां हैं। बरसात के दिनों में यही भय बना रहता है कि उन की छत न गिर जाए। सरकार को उनकी सहायता करके छतें पक्की करने के लिए उपयुक्त कदम उठाना चाहिए।
वहीं, रेखा ने बताया कि अपना कच्चा मकान बारिश के कारण कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया है। अपना सामान किसी अन्य जगह पर रखा है। ताकि जान व माल का नुकसान न हो। इस आबादी में कई घरों की छतें कच्ची हैं।