सिख संगठनों के बंद की काल को गुरु नगरी में नहीं मिला समर्थन
हिन्दू राष्ट्र के एजेंडा को लागू करने के खिलाफ पंजाब बंद की काल को गुरु नगरी अमृतसर में कोई बड़ा समर्थन नहीं मिला।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : दल खालसा, अकाली दल अमृतसर समेत अलग-अलग सिख संगठनों की ओर से नागरिक संशोधन कानून व हिन्दू राष्ट्र के एजेंडा को लागू करने के खिलाफ पंजाब बंद की काल को गुरु नगरी अमृतसर में कोई बड़ा समर्थन नहीं मिला। शहर में चहल-पहल रोजाना दिनों की तरह रहा। सिर्फ रेलवे स्टेशन के आसपास व हाल बजार , कटड़ा जैमल सिंह , कटरा शेर सिंह आदि इलाकों में सुबह दस बजे से लेकर बाद दोपहर 2 बजे तक लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। बाद दोपहर यह मार्केट की रोजाना की तरह खुल रहे। शहर में यातायात भी समान्य चलता रहा।
जिला सिविल व पुलिस प्रशासन की ओर से शहर में गाडि़यों के काफिले के साथ फ्लैग मार्च भी निकाला। परंतु बंद को लोगों की ओर से कोई भी भरपूर समर्थन नहीं दिया गया। बंद को मुख्य रख जिला सिविल व पुलिस प्रशासन की ओर से जगह जगह सुरक्षा कर्मी तैनात किए हुए थे। उधर, दल खालसा और अकाली दल अमृतसर के कार्यकर्ताओं ने बंद को मुख्य रख भंडारी पुल पर शांतिमय धरना दिया। प्रदर्शनकारियों की ओर से केंद्र व राज्य सरकारों की जन विरोधी नीतियों , सीएए आदि के खिलाफ तख्तियों व बैनर उठाए हुए थे।
दल खालसा के कार्यकर्ताओं ने एक इनोवा कार में बैठ कर हाल बाजार में दुकानों को शांतमय ढंग से बंद करवाया। जो बाद दोपहर फिर समान्य रूप में खुल गई। प्रदर्शनकारियों ने अलग अलग तरह के नारे लिखे बैनर उठाए थे जिस पर सिख-मुस्लिम एकता जिदाबाद लिखा हुआ था।
धरने में दल खालसा के अध्यक्ष हरपाल सिह चीमा, कंवरपाल सिंह बिट्टू, सिख यूथ फेडरेशन के रणजीत सिंह , दमदमी टकसाल , अकाली दल अमृतसर के हरबीर सिह संधू व बलविदर सिंह काला आदि भी मौजूद थे।
मीडिया के साथ बातचीत करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उनका बंद सीएए , भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाए जाने की योजना और मुस्लमानों को निशाना बनाए जाने के खिलाफ शांतिमय है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर सरकारों की भाईचारा तोड़ने वाली नीतियों को किसी भी तरह लागू नहीं होने दिया जाएगा। उधर अकाली दल अमृतसर के महासचिव जरनैल सिंह सखीरा ने उन लोगों का धन्यवाद किया जिन की ओर से बंद की काल के दौरान अपने कारोबार बंद रख सहयोग दिया।