आधुनिक सुविधाओं वाला ऐसा अस्पताल बनाएं जहां हर बीमारी का मुफ्त इलाज हो: ज्ञानी हरप्रीत सिंह
श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वर्षीय प्रकाश पर्व एसजीपीसी की ओर से गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश स्थान गुरुद्वारा गुरु के महल और गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में धूमधाम के साथ मनाया गया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वर्षीय प्रकाश पर्व एसजीपीसी की ओर से गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश स्थान गुरुद्वारा गुरु के महल और गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान सिख पंथ की प्रमुख्य शख्सियतों ने शिरकत की। गुरुद्वारा गुरु के महल में अखंड पाठ के भोग के बाद इलाही गुरबाणी का कीर्तन हुआ। बढ़ी संख्या में श्रद्धालु गुरु के महल में और श्री हरिमंदिर साहिब में भी माथा टेकने पहुंचे। संगत ने दरबार साहिब के सरोवर में स्नान भी किया।
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंथ से आह्वान किया कि गुरु साहिब का प्रकाश पर्व मनाते हुए संगत गुरु साहिब के नाम पर एक अति आधुनिक सुविधाओं वाला अस्पताल स्थापित किया जाए जिसमें मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाए। इसमें कोई एक संस्था नहीं बल्कि दुनिया भर में रहने वाले सिख आगे आकर सहयोग करें। इसके लिए अकाल तख्त साहिब को पंथ के प्रतिनिधियों और देश-विदेश की सिख संस्थाओं से सुझावों का इंतजार रहेगा। उन्होंने कौम को वातावरण की शुद्धता के लिए आगे आने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट में आक्सीजन की कमी के कारण मुश्किलें बढ़ रही हैं। हर सिख इन दिनों एक वृक्ष जरूर लगाए व खासकार पीपल के वृक्ष अधिक लगाएं। इस दौरान ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्र सरकार से भी कहा कि दिल्ली बार्डर पर बैठे किसानों की मुश्किल को हल करने के लिए संजीदा पहुंच अपनाएं। सरकार बड़े दिल से उनकी मांगों को स्वीकार करे ताकि किसान अपने घरों को जा सकें। गुरु तेग बहादुर जी की बाणी को पांच भाषाओं में छपवाया जाएगा: जगीर कौर
समागम में एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश स्थान से लेकर शहादत तक के सफर की सभी यात्रा को वीडियो डाक्यूमेंट्री के माध्यम से देश-विदेश की संगत तक पहुंचाया जाएगा। गुरु साहिब की बाणी को पांच भाषाओं में प्रकाशित किया जाएगा। गुरु साहिब का जीवन मानवता के लिए उपकार वाला है जिसे दुनिया के धार्मिक इतिहास के अंदर क्रांतिकारी संदेश दिया। गुरु साहिब का सारा जीवन सफर और विचारधारा को संगत तक अति आधुनिक माध्यामों से पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा एसजीपीसी की ओर से गुरु साहिब के निकटर्वी सिखों की दस्तावेजी फिल्में भी तैयार की जाएंगी। इस संबंधी 12 फिल्मों की सूची बन चुकी है। जगीर कौर ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का भी पांच भाषाओं में अुनवाद किया जाएगा ताकि अलग अलग भाषाओं को जानने वाले लोग गुरबाणी की विचारधारा को समझ सकें। श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्वविद्यालय में गुरु जी के नाम पर चेयर होगी स्थापित
इस दौरान बीबी जगीर कौर ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्वविद्यालय में गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर एक चेयर स्थापित करने का भी एलान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में गुरु साहिब के जीवन और उनकी सिख धर्म को देन संबंधी शोध कार्यों का विषय बनाया जाएगा। गुरु साहिब की याद में सिख युवाओं के लिए आइएएस, आइपीएस, पीसीएस व एनडीए की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पटियाला में पहले से ही एक केंद्र स्थापित किया जा चुका है। जगीर कौर ने कहा कि कोरोना के चलते प्रकाश पर्व कार्यक्रम चाहे भव्य रूप में नहीं आयोजित किए जा सके। परंतु सारा वर्ष अलग अलग स्थानों पर गुरु साहिब की याद को समर्पित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन शख्सियतों ने कार्यक्रम में किया संबोधित
मंजी साहिब दीवान हाल में हुए मुख्य कार्यक्रम में श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह, पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह, दमदमी टकसाल के मुखी बाबा हरनाम सिंह, तरना दल के मुखी बाबा निहाल सिंह, बिधी चंद संप्रदाय के मुखी बाबा अवतार सिंह, एसजीपीसी के मुख्य सचिव हरजिदर सिंह धामी, बुड्ढा दल के सुखजीत सिंह, ज्ञानी मान सिंह अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार प्रो मंजीत सिंह ने संबोधित किया। कार्यक्रम में हजूरी रागी रविदर सिंह, भाई सुखजिद सिंह, भाई सतनाम सिंह, भाई जोरा सिंह, शहीद मिशनरी कालेज, बेबे नानकी सिख मिशनरी कालेज, बाबा बिधी चंद गुरमति विद्यालय आदि के जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन किया। दरबार साहिब, बाबा अटल राय साहिब और अकाल तख्त साहिब पर सजाए गए जलौ
400 वर्षीय प्रकाश पर्व पर श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और बाबा अटल राय साहिब में सुंदर जलौ सजाए गए। इस दौरान संगत के दर्शन के लिए श्री हरिमंदिर साहिब के तोशाखाना की इतिहासिक वस्तुओं को रखा गया। गुरुद्वारा गुरु के महल में सारा दिन गुरबाणी कीर्तन जारी रहा। श्री हरिमंदिर साहिब और गुरुद्वारा गुरु के महल को खुबसूरती से सजाया गया। शताब्दी कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
शताब्दी कार्यक्रम में मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, एसजीपीसी के सुरजीत सिंह भिट्टेवड्ड, बाबा बूटा सिंह, भगवंत सिंह सियालका, गुलजार सिंह रणीके, प्रो मंजीत सिंह, पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिदर सिंह वेदांती, बाबा गज्जन सिंह, बाबा नरिदर सिंह, गुरदेव सिंह, बाबा दर्शन सिंह, बाबा सतनाम सिंह, सतविदर सिंह टोहरा, नवतेज सिंह, बलदेव सिंह, हरपाल सिंह जल्ला, भूपिदर सिंह पहलवान, रजिदर सिंह मेहता, अजमेर सिंह खेड़ा, मंजीत सिंह भूरा कोहना, जगतार सिंह रोडे, बीबी किरणजोत कौर, कुलदीप सिंह तेड़ा, बाबा जीत सिंह, सुखलण सिंह तेजिदर सिंह पड्डा, गुरिदर सिंह मथरेवाल, अमरीक सिंह, डा. सुखबीर सिंह, सतबीर सिंह भी मौजूद थे।