फीस देकर ले रहे आसीस, प्रदीप जला रहे शिक्षा का दीप
विजय नगर बटाला रोड के निवासी प्रदीप कुमार शिक्षा का दीप जलाकर समाज व देश को सु²ढ़ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कमल कोहली, अमृतसर : विजय नगर बटाला रोड के निवासी प्रदीप कुमार शिक्षा का दीप जलाकर समाज व देश को सु²ढ़ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। प्रदीप के पिता सुदर्शन भाटिया भी हर समय जरूरतमंदों की मदद को तैयार रहते थे। उन्हीं से प्रेरणा लेकर अब प्रदीप इस कार्य में जुटे हैं। कहते हैं-शिक्षा से ही समाज को मजबूत किया जा सकता है। इस कारण वह प्रत्येक जरूरतमंद विद्यार्थी की फीस व अन्य सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं।
प्रदीप भाटिया इंडिया क्लब नामक संस्था भी चला रहे हैं। संस्था के माध्यम से वह कई स्कूलों में जरूरतमंद बच्चों की न सिर्फ फीस अदा कर रहे हैं, बल्कि उन्हें किताबें भी दे रहे हैं। मेडिकल व्यवसाय से जुड़े प्रदीप ने बताया कि वह लोगों को जागरूक करते हैं कि पुरानी किताबें सहेज कर रखें। उन्हें रद्दी में न डालें, बल्कि उन्हें सौंप दें। यें किताबें किसी जरूरतमंद बच्चे के भाग्य का उदय कर सकती हैं। इस मुहिम के तहत वह कई जगह से पुरानी किताबें लाकर स्कूलों व कालेजों के विद्यार्थियों को सुपुर्द करते हैं। बच्चों को शिक्षा दिलाने का काम उन्हें भरपूर आनंद देता है। नेक कमाई से बचाते हैं मदद के लिए पैसे
प्रदीप भाटिया जरूरतमंद बच्चों की फीस भी अदा करने में मुख्य भूमिका अदा करते हैं। अपनी नेक कमाई से वह कई बच्चों की फीस अदा कर चुके हैं। इसके अलावा संस्था के जरिये मेधावी विद्यार्थियों की पढ़ाई अधर में न छूटे, इसके लिए भी वह फीस कलेक्शन करते हैं और जरूरतमंद बच्चों व उनके अभिभावकों को प्रदान करते है। इसके लिए अभिभावक उन्हें आसीस देते हैं। उच्च शिक्षा पर भी लागू हो शिक्षा का अधिकार प्रदीप भाटिया ने कहा कि सरकार शिक्षा का अधिकार कानून सभी कक्षाओं के लिए लागू करे। न कि सीमित कक्षा तक ही निशुल्क शिक्षा रहे। उच्च शिक्षा आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रही है। इससे देश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अनुपात नीचे गिर रहा है। महंगी शिक्षा होने के कारण कई बच्चे प्लस टू के बाद पढ़ नहीं पाते है। अपील, धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं आगे आएं प्रदीप भाटिया ने धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं से आग्रह किया कि वह बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए उनकी आर्थिक तौर पर मदद करें। संस्थाओं को अपने क्षेत्रों में ऐसे होनहार बच्चों का चयन करना चाहिए जो शिक्षा से वंचित रहे हैं।