Move to Jagran APP

सिख संगठनो ने 20 व 21 अक्टूबर को बुलाई बैठक

अमृतसर एसजीपीसी, अकाली दल और दिल्ली कमेटी की ओर से पंथक मुद्दों को सुलझाने से मूंह मोड़ लेने के बाद सिख पंथक संगठन ने पंथक एसेंबली गठित करने का फैसला कर लिया है। इस एसेंबली की पहली कांफ्रेस अमृतसर में 20 व 21 अक्टूबर को बुलाई जा रही है। इस एसेंबली के 117 सदस्य होंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:04 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:04 PM (IST)
सिख संगठनो ने 20 व 21 अक्टूबर को बुलाई बैठक
सिख संगठनो ने 20 व 21 अक्टूबर को बुलाई बैठक

जागरण संवाददाता, अमृतसर

loksabha election banner

एसजीपीसी, अकाली दल और दिल्ली कमेटी की ओर से पंथक मुद्दों को सुलझाने से मूंह मोड़ लेने के बाद सिख पंथक संगठन ने पंथक एसेंबली गठित करने का फैसला कर लिया है। इस एसेंबली की पहली कांफ्रेस अमृतसर में 20 व 21 अक्टूबर को बुलाई जा रही है। इस एसेंबली के 117 सदस्य होंगे। जिन का चुनाव एसैंबली के 11 सदस्यों वाला सचिवालय करेगा। सिख पंथ के साथ संबंधित विद्वान इस एसेंबली के सदस्य होंगे। यह एसेंबली विभिन्न पंथक मुद्दों, अकाल तख्त साहिब पर से लिए जाते पंथक को स्वीकार न होने वाले फैसले, बरगाड़ी कांड, बहिबल कला की घटना, बेअदबियों के मामले और पंथक संस्थाओं को तहस नहस करने वाले फैसलों आदि पर चर्चा करके अपनी राय देगी। इस बात का खुलासा तख्त दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल ¨सह , सुखदेव ¨सह भौर, जस¨वदर ¨सह एडवोकेट, प्रो जगमोहन ¨सह , एडवोकेट नवकिरण ¨सह , सतनाम ¨सह खंडा और कंवरपाल ¨सह बिट्टू की ओर से संयुक्त रूप में किया गया।

मीडिया के समक्ष पंथक एसेंबली के एजेंडा का खुलासा करते हुए पंथक नेताओं ने कहा कि इस एसैंबली ने पंथक ¨चतकों को शामिल किया जाएगा। परंतु अकाली दल, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किय जाएगा। क्योंकि इन संस्थाओं को सिख कौम की ओर से पंथक मसले हल करने के लिए शक्ति दी है। इस शक्ति को सिर्फ अपने हितों के लिए उपयोग किया। पंथक मुद्दों को हल करने के लिए इन संस्थाओं ने कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया।इन संस्थाओं के नेता अपनी पंथक जिम्मेवारी निभाने में पूरी तरह असफल रहे है। अगर उक्त तीनों संस्थानों में बैठे लोग अपनी जिम्मेवारियों के प्रति गंभीर रहते तो आज पंथक संगठनों के नेताओं को पंथक एसेंबली गठित करने की कोई भी जरूरत न पड़ती।

एसेंबली के सदस्यों ने कहा कि अकाली दल ने एसजीपीसी , दिल्ली कमेटी और श्री अकाल तख्त साहिब का उपयोग अपने स्वार्थों और अपनी सत्ता में रहने की आयु को सिर्फ लम्बा करने के सिवा कुछ नहीं किया है। इसी लिए आज पंथ पूरी तरह अलग थलग होकर रह गया है। पंजाब सरकार , पंजाब एसेंबली और सरकार की अलग अलग एजेंसियों भी सिखों को न तो न्याय देने में सफल रही है और नही सिखों की समस्याओं को हल कर पाने में कोई पहल की है। उल्टा आज सिखों को न्याय लेने केलिए मोर्चा लगा कर बैठना पड़ रहा है। सिखों को अपनी समस्याएं हल करने के लिए अब पंथक असेंबली बनना ही अंतिम रास्ता दिखाई दे रहा है। इस अवसर पर अलग अलग संस्थाओं के नेता हरपाल ¨सह , बीबी कुलवंत कौर, खुशहाल सिहं चंडीगढ, अमरजीत सिह खडूर साहिब, राणा रणजीत ¨सह , इंद्रजीत ¨सह लुधियाना व मास्टर हरबंस ¨सह आदमपुर आदि भी मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.