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पाक रेंजर्स ने सिख जत्‍थे से लापता हुए युवक अमरजीत को किया भारत के हवाले

पाकिस्‍तान मेें सिख श्रद्धालुओं के जत्‍थे से गायब हुआ युवक अमरजीत भारत आ गया है। उसे पाक रेजर्स ने बीएसएफ के हवाले‍ किया। भारत पहुंचने मां और पिता ने उसे गले से लगा लिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 09:49 PM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 09:00 PM (IST)
पाक रेंजर्स ने सिख जत्‍थे से लापता हुए युवक अमरजीत को किया भारत के हवाले
पाक रेंजर्स ने सिख जत्‍थे से लापता हुए युवक अमरजीत को किया भारत के हवाले

जेएनएन, अटारी (जेएनएन) सिख श्रद्धालुओं के जत्थे में पाकिस्‍तान जाने के बाद श्री ननकाना साहिब से लापता हुए अमृतसर का युवक अमरजीत सिंह वापस भारत पहुंच गया है। मंगलवार शाम उसे पाकिस्‍तानी रेंजर्स ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हवाले कर दिया। उसे पाकिस्तान के पंजाब की पुलिस ने वहां के गांव शेखूपुरा से गिरफ्तार किया था। अमरजीत ने वतन पहुंचने पर कहा कि उससे गलती हो गई। वह वीजा अवधि के बारे में अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने चला गया था। उसे सिख जत्‍थे को छोड़कर नहीं जाना चाहिए था।

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24 साल का अमरजीत सिंह वैशाखी पर सिख श्रद्धालुओं के जत्‍थे के साथ 12 अप्रैल को पाकिस्‍तान गया था। वह 16 अप्रैल को श्री ननकाना साहिब से अचानक गायब हो गया था। इसके बाद से पाकिस्तानी व भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई थीं।

भारत आने वाले अमृतसर के गांव निरंजनपुरा वासी युवक अमरजीत सिंह ने कहा कि आज वह बहुत खुश है। जत्थे से अलग हाेकर उसने जो गलती की उसका अहसास उसे हो गया है और भविष्य में कभी भी वह एेसी गलती नहीं करेगा। उससे यह भूल गलतफहमी के कारण हुई थी। उसन समझा कि वीजा 15 दिनों का है जबकि असल में उसका वीजा 10 दिनों का था। अमरजीत वाघा बार्डर से जीरो लाइन पार कर पहुंचा तो उसकी मां और परिजनों ने उसे गले से लगा लिया।

पाकिस्‍तान से लाैट कर अाए युवक अमरजीेत को अटारी सीमा पर गले से लगाती मां।

इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी पर निरंजपुरा के राजिंदर सिंह और ज्ञान कौर अपने छोटे बेटे प्रभजोत सिंह व अन्य रिश्तेदारों के साथ जत्थे से अलग होकर बड़े बेटे अमरजीत को लेने पहुंचे। बाघा बार्डर पर परिजनों को सौपें जाने से पहले बीएसएफ के साथ-साथ देश की अन्य खुफिया एजेंसियों ने अमरजीत से पूछताछ की। इस मौके पर उसके परिजन बीएसएफ के व्यवहार को लेकर दुखी हुए। बीएसएफ के जवानों ने उन्हें आइसीपी अटारी के अंदर तक नहीं जाने नहीं दिया। प‍रिजनो का कहना है कि जब वे आइसीपी के बाहर बैठ कर अपने बेटे का इंतजार कर रहे थे तो उन्हें वहां से दूर सड़क की दूसरी तरफ धूप में बैठने को कहा गया।

बता दें कि अमरजीत सिंह 12 अप्रैल को  वैशाखी पर सिख श्रद्धालुओं के साथ पाकिस्तान गया था। वहां वह श्री ननकाना साहिब मेंजत्थे से अलग होकर गायब हो गया था। लाहौर पुलिस ने उसे रविवार को पाकिस्‍तानी पंजाब के शेखूपुरा में फेसबुक फ्रेंड अमीर के घर से हिरासत में ले लिया था। मामला मीडिया में आने के बाद भारत के दबाव के बाद पाकिस्तान की सरकार ने जल्द से जल्द भारत में डिपोर्ट करने का फैसला लिया। मंगलवार की सायं करीब गुरुद्वारा डेरा साहिब के अतिरिक्त सचिव इमरान, मैनेजर अजहर शाह और कार सेवा तरनतारन के बाबा जसबीर सिंह उसे वाघा सीमा तक छोड़ने आए थे। बाबा जसबीर सिंह आजकल गुरुद्वारा डेरा साहिब की कारसेवा करवा रहे हैं।


 

पाकिस्‍तान रेंजर्स द्वारा भारत के सुपुर्द किए जाने के बाद आता अमरजीत सिंह।

भारत को सौंपे जाने के बाद अटारी बार्डर पर तैनात विभिन्न खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने अमरजीत से गहन पूछताछ की। करीब पौने तीन घंटे की लंबी पूछताछ के बाद देर सायं करीब 6.50 बजे अमरजीत सिंह आइसीपी अटारी से बाहर निकला तो उसकी मां ज्ञान कौर और पिता राजिंदर सिंह ने उसे गले से लगा लिय। परिजनों ने वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह के जयकारे लगाते हुए भारत और पाकिस्तान की सरकारों को बेटे की सकुशल रिहाई के लिए धन्यवाद दिया।

अमरजीत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कबूल किया कि उसने शेखूपुरा में अपने फेसबुक फ्रेंड अमीर से अपन वीजा की अवधि के बारे में झूठ बोला था। उसने वहां अपने दोस्त को यह अवधि डेढ़ महीना की बताई थी। हालांकि उसे वीजा को लेकर गफलत हो गई थी। पाकिस्तान पहुंचते ही उसका पासपोर्ट जमा कर लिया गया था और वह उस पर वीजा की अवधि नहीं देख पाया। उसने समझा कि जत्थे को वीजा 15 दिनों का दिया गया है। इस कारण वह शेखूपुरा गांव में रहने वाले अपने फेसबुक फ्रेंड अमीर रज्जाक से मिलने पहुंच गया था। उसने पाक मीडिया में छपी वहां से यूरोप जाने की खबरों को झूठा बताया है।

पाकिस्‍तान द्वारा सौंपे जाने के बाद अटारी सीमा पर अमरजीत।

एजेंसियों की रहेगी पूरी नजर

अमरजीत सिंह के पिता, छोटे भाई सहित अन्य रिश्तेदारों के मोबाइल फोन अटारी बार्डर पर तो चलते रहे, लेकिन जैसे ही वे अमरजीत काे कार में लेकर अपने गांव के लिए रवाना हुए तो सभी ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिये। बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियां युवक और उसक परिजनों पर पूरी नजर रखे हुए हैं।यह अभी कुछ दिनाें तक जारी रहेगा परिवार के सभी सदस्यों के साथ-साथ उनके रिश्‍तेदारों के मोबाइल फोन पर आने-जाने वाली हर काल को ट्रैक किया जा सकता है।


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