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कोरोना वार्ड में बर्बाद आक्सीजन बर्बाद की तो स्टाफ पर होगी कार्रवाई

गुरुनानक देव अस्पताल में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने सरकारी मेडिकल कालेज के प्रिसिपल को निर्देश दिए हैं कि वह अपने स्तर पर आक्सीजन आडिट कमेटी बनाकर रोजाना अस्पताल की चेकिग करें।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 03:00 AM (IST)
कोरोना वार्ड में बर्बाद आक्सीजन बर्बाद की तो स्टाफ पर होगी  कार्रवाई
कोरोना वार्ड में बर्बाद आक्सीजन बर्बाद की तो स्टाफ पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने सरकारी मेडिकल कालेज के प्रिसिपल को निर्देश दिए हैं कि वह अपने स्तर पर आक्सीजन आडिट कमेटी बनाकर रोजाना अस्पताल की चेकिग करें। यह सुनिश्चित करें कि अस्पताल के किसी भी बेड पर फ्लोमीटर या पाइप के जरिए आक्सीजन की लीकेज तो नहीं हो रही।

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दरअसल, दैनिक जागरण ने बुधवार के अंक में आक्सीजन की लीकेज की तस्वीर प्रकाशित की थी। बेड पर मरीज नहीं था, पर फ्लो मीटर आन होने की वजह से आक्सीजन व्यर्थ बह रही थी। एडीसी हिमांशु अग्रवाल ने बुधवार को गुरुनानक देव अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रिसिपल डा. राजीव देवगण व अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह से आक्सीजन की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आक्सीजन की बर्बादी न हो इसका खास ख्याल रखें। इसके बावजूद यदि किसी बेड पर आक्सीजन की बर्बादी पाई गई तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिले में आक्सीजन सप्लाई करने वाले सभी वेंडर्स को निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना मरीजों के लिए आक्सीजन की आपूर्ति सर्वप्रथम की जाए।

कोरोना की दूसरी लहर के बाद अस्पताल में उत्पन्न हुई आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए एडीसी ने साफ कहा कि आक्सीजन आडिट कमेटी पल पल की जानकारी उन्हें दे।

कोरोना वार्ड में दाखिल नहीं होंगे संक्रमित के स्वजन

गुरुनानक देव अस्पताल स्थित कोरोना वार्ड में उपचाराधीन संक्रमितों के साथ अब उनके स्वजनों को नहीं आने दिया जाएगा। मरीज को एक ही स्वजन कोरोना वार्ड तक लाएगा और इसके बाद प्रतीक्षा हाल में चला जाएगा। जिला प्रशासन ने बुधवार को यह आदेश जारी किया है। प्रशासन के अनुसार कोरोना संक्रमित के आसपास कई स्वजन खड़े रहते हैं। इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा रहता है। एक ही स्वजन दाखिल करवाएगा और वह भी अपना कोरोना टेस्ट करवाएगा। नेगेटिव आने पर स्वजन को रिपोर्ट अपने पास रखनी होगी, जबकि पाजिटिव आने पर उसे आइसोलेट किया जाएगा। विश्राम घर में सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीज के स्वजन ही बैठेंगे। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट यह व्यवस्था बनाएंगे कि कोरोना वार्ड में आने जाने के लिए कम से कम रास्ते हों। कोरेाना वार्ड में बिना मास्क के कोई प्रवेश नहीं करेगा। कोरोना वार्ड के अंदर व बाहर के रास्ते पर पुलिस व सुपर सिक्योरिटी के कर्मचारी तैनात रहेंगे। यदि मरीज का अटेंडेंट या अन्य व्यक्ति इन नियमों का पालन नहीं करता तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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