ग्रुप डी के कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश
कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों में रखे गए ग्रुप डी के कर्मचारियों को 30 के बाद हटा दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों में रखे गए ग्रुप डी के कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का सरकार ने आदेश जारी किया है। इन कर्मचारियों को 30 सितंबर के बाद घर जाना होगा। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में रोष उत्पन्न हो गया है। फरीदकोट मेडिकल कालेज में कार्यरत ग्रुप डी के कर्मियों ने संघर्ष की राह पर उतरने का फैसला किया है।
दरअसल, पिछले वर्ष कोरोना वायरस की दस्तक के बाद सरकार ने पंजाब के सरकारी अस्पतालों में ग्रुप डी कर्मियों, लैब टेक्निशियनों इत्यादि को निजी कंपनी के जरिए आउटसोर्सिंग पर रखा था। ग्रुप डी कर्मचारियों में क्लेरिकल स्टाफ के अलावा दर्जा चार, सफाई सेवक इत्यादि हैं। अमृतसर स्थित गुरुनानक देव अस्पताल में ग्रुप डी के 176 कर्मचारी काम कर रहे हैं। कोई कंप्यूटर पर डाटा तैयार करने में जुटा है तो कोई सफाई व्यवस्था सुचारू करने में। कइयों की ड्यूटियां कोरोना वार्ड में लगाई गई हैं। अब सरकार का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर समाप्त हो चुकी है। तीसरी लहर का खतरा है, लेकिन यदि यह लहर आई भी तो इतनी भयावह नहीं होगी। ऐसे में इन कर्मचारियों को 30 सितंबर तक ही काम करने को कहा गया है।
यहां यह बताना जरूरी है कि ग्रुप डी के कर्मियों का कोरोना से जंग में बड़ा योगदान रहा है। इस उम्मीद में इन कर्मचारियों ने जोखिम भरी ड्यूटी ज्वाइन की कि शायद सरकार उन्हें नियमित कर दे।
गुरुनानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह का कहना है कि ग्रुप डी के कर्मचारियों ने जिस ईमानदारी से काम किया है वह बाबिलेतारीफ है। अब ये कर्मचारी विभाग के कामकाज को समझ चुके हैं। हालांकि सरकार का आदेश है कि इनसे 30 सितंबर तक ही सेवाएं ली जाएं।