सोनी के डिप्टी सीएम बनते ही घर में जश्न, समर्थकों ने की आतिशबाजी, डाला भंगड़ा
ओम प्रकाश सोनी को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ उप मुख्यमंत्री लगाया गया है।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर : ओम प्रकाश सोनी को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ उप मुख्यमंत्री लगाया गया है। शहर की सियासत में सोनी का अपना कद है। शहर के पहले मेयर बनने के अलावा कम्युनिटों के गढ़ विधानसभा हलका पश्चिमी में सोनी 'आजाद कांग्रेसी' की तरह दहाड़ते रहे। तीन बार जीत दर्ज करने के अलावा हलका आरक्षित हुआ तो केंद्रीय हलके में दस्तक देते हुए वहां भी दो बार जीत दर्ज की। आज जैसे ही सोनी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वैसे ही रानी का बाग स्थित उनके निवास पर जश्न का माहौल बन किया। उनके समर्थकों ने मिठाइयां बांटी, आतिशबाजी की और ढोल की थाप पर खूब भंगड़ा डाला।
चाहे बार विधायक बन चुके है, पर आज भी उन्हें 'सोनी मेयर''के नाम जाना जाता है। विधानसभा हलका पश्चिमी से अपनी सियासी पारी की शुरूआत तो उन्होंने की, पर कांग्रेस-कम्युनिट समझौते में सीट कम्युनिस्टों के खाते में होने की वजह से उन्हें आजाद तौर पर दो बार मैदान में उतना पड़ा और उन्हें जीत दर्ज की। सोनी शहर के पहले मेयर तो रहे ही, साथ ही वह दो बार आल इंडिया कौंसिल आफ मेयर्स के चेयरमैन भी रहे। 1997 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव अमृतसर पश्चिमी से लड़ा और आजाद तौर पर जीत दर्ज की। सिद्धू के खिलाफ लड़ा था लोकसभा चुनाव
2009 में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से सांसद रहे नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था। कांटे की टक्कर में चुनाव में सोनी की जीत तय मानी जा रही थी, पर तब अकाली-भाजपा गठबंधन की सरकार थी। वोटों की काउंटिग में सुबह से ही सोनी को बढ़त मिल रही थी। शाम को एक दम से ही सिद्धू को विजेता घोषित कर दिया गया। दोनों को मिले वोट में अंतर मात्र 6858 ही था। इसके बाद सोनी ने कोर्ट का रुख किया था। हालांकि कोर्ट में इस पर कोई फैसला नहीं आया।
ब्रांडेड कपड़ों-महंगी गाड़ियों के शौकीन
सोनी हमेशा ही रायल लुक में रहते हैं और उनका लाइफ स्टाइल कइयों को आकर्षित करता है। ब्रांडेड कपड़ों के वह शौकीन है। बरबेरी, वर्साचे, गुच्ची, नाइकी, एडिडास जैसे नामी ब्रांड की टी-शर्ट व लोअर जहां उनकी पसंद है, वहीं उनकी कैजुअल ड्रेस मुंबई के माधवन मैनस माडल द्वारा तैयार की जाती है। इसके अलावा उनकी सभी गाड़ियों के नंबर में 11 अंक जरूर हैं और महंगी घडि़यों व गाड़ियों के भी वह शौकीन है। निगम बना तो बने पहले मेयर
1991 को अमृतसर को नगर निगम का दर्जा मिला। पार्षद चुनाव में सोनी को शहर का पहला मेयर बनने का मौका मिला। 1997 में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का गठजोड़ था। मेयर बनने के बाद सोनी का कद शहर में काफी ऊंचा हो गया था। 1997 को विधानसभा चुनाव घोषित हुए। सोनी ने चुनाव में अमृतसर वेस्ट से दावेदारी पेश की लेकिन यह सीट कम्यूनिस्ट पार्टी के हाथो में थी और कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया। जिससे खफा होकर सोनी ने आजाद चुनाव लड़ने का मन बना लिया और जीत भी हासिल की। यही स्थिति 2002 में भी पैदा हुई और सोनी फिर आजाद खड़े हुए और जीत हासिल की। कांग्रेस ने माना सोनी का लोहा
2007 में कांग्रेस ने अमृतसर पश्चिमी से सोनी को चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने एक बार फिर सफलता हासिल की। बतौर विधायक यह उनकी हैट्रिक थी और कांग्रेस भी उनका लोहा मान चुकी थी। यही वजह रही कि पश्चिमी हलके के आरक्षित होने के बाद सोनी ने 2012 और 2017 का चुनाव केंद्रीय विधानसभा हलके से लड़ा और जीत दर्ज की।