कोरोना युग के बाद बदल जाएगी भारत की दशा और दिशा
। कोरोना युग के बाद दुनिया वैसी नहीं रहेगी जैसी इस संकट से पहले होती थी। कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं रहेगा जिस पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर इसका असर दिखाई नहीं देगा।
जागरण न्यूज नेटवर्क, अमृतसर
कोरोना युग के बाद दुनिया वैसी नहीं रहेगी, जैसी इस संकट से पहले होती थी। कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं रहेगा, जिस पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर इसका असर दिखाई नहीं देगा।
यह विचार विद्वानों ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) के यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल द्वारा मैनेजमेंट में नई दिशाओं पर ऑनलाइन सेमिनार में व्यक्त किए।
कोरोना युग के बाद करियर विषय पर करवाए सेमिनार में यह निष्कर्ष निकाला गया कि संजीदा उद्यमियों के लिए डिजिटलाइजेशन के साथ नवीनता एक नया आधार होगा। इसकी असीम संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता। भारतीय अर्थव्यवस्था व उद्योग एक नई दिशा की ओर देश को लेकर जाएगा। कोविड-19 के बाद के दृश्य को अनुमानित परिभाषित किए जाना जरूरी है। इस सेमिनार की श्रृंखला यूनिवर्सिटी बिजनेस आफ स्कूल की ओर से लगातार चलाई जाएगी। देश भर के 250 से अधिक विद्वानों, विद्यार्थियों, अध्यापकों व पेशेवरों ने अपनी रजिस्ट्रेशन करवाई है।
सेमिनार में डॉ. जसवीन कौर ने कहा कि महामारी के इस दौर में ऐसे सेमिनार भविष्य के लिए सार्थक सिद्ध होंगे। इस अवसर पर हरजिदर सिंह चीमा, अजय पी श्रीवास्तव, डॉ. केएस भाटिया, आशीष खरे ने महामारी की स्थितियों व अलग-अलग सेक्टरों की मौजूदा स्थिति पर पड़े इसके प्रभाव, भविष्य में व्यापार तथा उद्योग में नई संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।