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कभी न भरने वाले जख्मों पर पांच लाख रुपये का मरहम, पीडि़त बाेले- यह कीमत लेकर क्‍या करेंगे

अमृतसर हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के कभी न भरने वाले जख्‍म पर सरकार ने मुआवजे का मरहम लगाया है। हादसे में मारे गए 21 लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक दिए गए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 12:44 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 12:44 PM (IST)
कभी न भरने वाले जख्मों पर पांच लाख रुपये का मरहम, पीडि़त बाेले- यह कीमत लेकर क्‍या करेंगे
कभी न भरने वाले जख्मों पर पांच लाख रुपये का मरहम, पीडि़त बाेले- यह कीमत लेकर क्‍या करेंगे

जेएनएन, अमृतसर। जोड़ा फाटक पर दशहरा पीडितों के कभी न भरने वाले जख्‍मों पर सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे का मरहम लगाया है। इसके साथ ही सरकार पीडित परिवारों को नौकरियां देने और उनके बच्‍चों की शिक्षा की व्‍यवस्‍था करने पर भी विचार कर रही है। दूसरी अोर, पी‍डि़त परिवारों का कहना है कि अपनी की मौत की यह कीमत लेकर क्‍या करेंगे। परिवार का सहारा ताे चला गया अब पूरी जिंदगी कैसे कटेगी।

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रेल हादसे में मारे गए 21 लोगों के परिवारों को सोमवार को मुआवजा राशि के चेक दिए गए। गुरदासपुर से सांसद सुनील जाखड़ ने पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोंहिंदरा, राजस्व मंत्री सुखिबिंदर सिंह सुख सरकारिया और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने स्थानीय सर्किट हाउस में पीडि़त परिवार को पांच-पांच लाख रुपये के चेक सौंपे।

सुनील जाखड़ ने कहा कि पीडि़त हौसला रखें, सरकार उनके साथ है। सेहत मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे सरकारी दौरे पर विदेश में हैं, लेकिन वह कई-कई बार फोन कर घायलों के इलाज और परिवारों के पुनर्वास की कार्य के बारे में जानकारी ले रहे हैं। घायलों को अस्तपालों में भर्ती करवाने के बाद प्रशासन ने कोर गए लोगों के परिवारों का पता लेने का काम शुरू किया है। लगातार दो दिनों में अधिकारियों ने हादसे में मारे गए 21 पीडि़त परिवारों की कानूनी तौर पर पहचान की। अन्य सदस्यों के वारिसों की पहचान अगले एक-दो दिनों में कर उन्हें भी सरकारी मदद दी जाएगी। राजस्व मंत्री सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया ने बताया कि वारिसों की संख्या के हिसाब से राशि का वितरण बराबर हिस्सों में होगा। जल्द ही बाकी परिवारों को भी राशि दे दी जाएगी।

अमृतसर हादसे में मारे गए लोगों को कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि देते लोग।

पीडि़त बोले- हमारे तो कमाने वाले ही चले गए

दशहरा पर्व की संध्या जोड़ा फाटक के निकट रेल हादसे का शिकार हुए लोगों के परिजनों का दर्द आंखों के रास्ते बह रहा है। उन्हें सर्किट हाउस में मुआविजा राशि के चेक का भुगतान करने के लिए प्रशासन की ओर से बुलाया गया तो उनका दर्द फिर छलक पड़ा। इनमें से ज्यादा लोगों ने कहा कि उनके पूर्वजों ने रेल से लोगों को काटे जाने का मंजर बंटवारे के समय देखा था और उन्होंने तो यह सिर्फ श्री दरबार साहिब के अजायब घर में देखा था। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि उन्हें अपनी असल जिंदगी में यह दिख देखने पड़ेंगे और अपनों को ही रेल की पटरी पर खून से लथ-पथ हालत में उठाना होगा।

कृष्णा नगर निवासी बुजुर्ग बीना देवी का कहना है कि पांच लाख रुपये लेकर वह क्या करेंगी, उसके बेटे की मौत ने तो परिवार को ही तोड़ कर रख दिया है। अब तो जीने का ही मन नहीं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने उसके बेटे की कीमत पांच लाख रुपये लगाई है, लेकिन उसके लिए उसका बेटा हीरे से कम नहीं था। क्योंकि उसी से ही उसका संसार था।

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रामानंद बाग निवासी नंद किशोर की पत्नी विम्मी के तो आंसू ही रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। उसने बताया कि सरकार को इसमें उनका सहारा बन कर उभरना चाहिए। सिर्फ ५ लाख रुपये बेटे रोहित शर्मा की कीमत देकर ही अपनी जिम्मेवारी से मुक्त नहीं समझना चाहिए। वहीं नंद किशोर ने बताया कि उन्होंने एसा मंजर कई साल पहले श्री दरबार साहिब के आजायब घर में भारत-पाक के बंटवारे का देखा था। उन्हें क्या पता था कि इसी तरह उन्हें अपने बेटे को तेज रफ्तार गाड़ी से मरते देखना पड़ेगा।

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पीड़ित परिवारों को नौकरी देने पर विचार

चंडीगढ़। अमृतसर में दशहरे के दिन हुए हादसे में 116 परिवार प्रभावित हुए। वहीं, पंजाब सरकार पीड़ित परिवारों को नौकरी, शैक्षणिक सेवाएं देने पर विचार कर रही है, ताकि प्रभावित परिवार का पुनर्वास किया जा सके। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इजराइल के तेल अवीव से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये स्थिति का जायजा लिया व कानून-व्यवस्था की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पीड़ितों और उनके परिवारों को राहत व मुआवजा जल्दी बांटने के आदेश दिए।

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मुख्यमंत्री को अपने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार के अलावा अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कमलदीप सिंह संघा और पुलिस कमिश्नर सुधांशु श्रीवास्तव से भी बात की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पीड़ितों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का ब्योरा जल्द जुटाने को कहा है, ताकि पुनर्वास के काम को पहल के आधार पर अमल में लाया जा सके। डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर ने बताया कि राहत व पुनर्वास का काम योजनाबद्ध ढंग से चलाया जा रहा है, जिससे जरूरत के मुताबिक नौकरियां, पेंशन व शैक्षिक सहायता आदि का पता लगाया जा सके।

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