अमृतसर हादसा: आक्रोश थामने को सरकार लगाएगी मुआवजे का मरहम, मृतकों की संख्या 62 हुई
अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास हुए हादसे के शिकार लोगों के परिजनों का आक्रोश थामना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। राज्य सरकार इसके लिए उनके जख्मों पर जल्द मुआवजे का मरहम लगाएगी।
जेएनएन, अमृतसर। जोड़ा फाटक के नजदीक हुए हादसे में हुई मौतों का कसूरवार कौन है, इसका सरकारी विश्लेषण अथवा समीक्षा हो रही है। मामला राजनीतिक है। जाहिर सी बात है कि कसूरवार घोषित करना सरकार के लिए टेढ़ी खीर है। ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों का आक्रोश फूट रहा है और वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में सरकार उनके विरोध को शांत करने के लिए जख्म पर मुआवजे का मरहम लगाने की तैयारी में है। घायलों व मृतकों के परिजनों को दो या तीन दिन में मुआवजा राशि दे दी जाएगी। दूसरी ओर, हादसे में घायल एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही इस हादसे में मरने वालों की संख्या 62 हाे गई है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देेने की घोषणा की थी। हादसे में अब तक 62 लोगों की जान गई है और 142 घायल लोग हुए हैैं। मुआवजा राशि देने के लिए सरकार ने सभी अस्पतालों से मरीजों का रिकार्ड मंगवा लिया है। स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि मृतकों व घायलों की सूची तैयार कर ली गई है। राजस्व विभाग मुआवजा राशि जारी करने के लिए काम कर रहा है। मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किए जा रहे हैं। संभावित है कि हम दो दिन में मुआवजा राशि जारी कर देंगे।
संभवत: ऐसा पहली बार है जब किसी घटना के चंद दिनों बाद ही सरकार मुआवजा राशि जारी कर रही है। सरकारी सूत्र बताते हैं कि जोड़ा फाटक की घटना के बाद उपजा आक्रोश सरकार के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। घटना के कसूरवारों को जनता के सामने न लाने से सरकार की साख खराब हुई है। ऐसे में सरकार लोगों को मुआवजे का मरहम लगाकर शांत करने के प्रयास में है।
सूख गए आंसू, थम गईं चीखें
रेल से कटकर मारे गए और घायल हुए बेकसूरों के परिजनों की आंखों के आंसू सूख चुके हैं। उनकी चीखें थम गईं, लेकिन आक्रोश पहले की तरह बरकरार है। आज भी लोग अपनों की तलाश में बदहवास से अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। रावण दहन के दौरान हुई विनाश लीला में जान गंवाने वाले कई लोग उत्तर प्रदेश व बिहार के थे। यहां रोजी-रोटी कमाने के लिए आए थे। जो बिछड़ गए उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूटा है। मां से बुढ़ापे की लाठी छिन गई तो बच्चे से पिता का साया।
तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
दो ग्राम अफीम बरामद होने पर पुलिस आरोपित के खिलाफ एफआइआर दर्ज करती है। चोरी और लूट की घटनाओं को अंजाम देने वाले भी चंद दिनों या महीनों में पकड़े जाते हैं, लेकिन इस हादसे के तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैैं। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, पर कसूरवार कौन है, कहां है यह बताने को न तो पुलिस तैयार है और न ही सरकार।
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हादसे में घायल युवक ने दम तोड़ा
जोड़ा फाटक के पास हुए हादसे में घायल एक घायल की मौत हो जाने से इस घटना में मारे गए लोगाें की संख्या 62 हो गई है। ट्रेन की चपेट में आए 19 वर्षीय हर्ष कुमार की भी रविवार को मौत हो गई। हर्ष कुमार निजी अस्पताल में दाखिल था। ट्रेन की चपेट में आने से उसका जबड़ा टूट गया था और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैक्चर था। हर्ष के चाचा संदीप ने बताया कि हर्ष अपने दोस्त के साथ जौड़ा फाटक में दशहरा उत्सव देखने गया था।
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कैप्टन ने दिए पीडि़तों का सामाजिक-आर्थिक ब्योरा जुटाने के आदेश
अमृतसर रेल हादसे के पीडि़तों के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर व पुलिस कमिश्नर को हर पीडि़त का सामाजिक-आर्थिक ब्योरा तैयार करने के आदेश दिए हैं। इस घटना में कई लोगों का पूरा परिवार ही खत्म हो गया है। ऐसा ही एक मामला मुख्यमंत्री के समक्ष आया, जिसमें दो युवतियों ने अपने बच्चों व पतियों सहित समूचे परिवार को हादसे में गंवा दिया। इनमें से एक के तो ससुराल वाले भी हादसे का शिकार हो गए।
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मुख्यमंत्री पहले ही हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा कर चुके है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में तीन कैबिनेट मंत्रियों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ राहत व पुनर्वास कार्यों का जायजा भी लिया। यह भी निर्देश दिए कि पीडि़तों को जल्द मुआवजा राशि बांटने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। घायलों व पीडि़तों के परिवारों के पुनर्वास के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।