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आज भी कायम है नववर्ष के ग्री¨टग कार्ड का वजूद

अमृतसर : 'तुसीं चिट्ठिां पाऊणियां ई भुल्ल गए, जदों दा टेलीफोन लगिया..' लगभग एक दशक पहले पंजाबी गायक हंस राज हंस ने उक्त गीत गाया था, जिसमें बताया गया था कि पुराने समय में लोग अपने रिश्तेदारों का हालचाल जानने व दिन-त्यौहार पर बधाई व शुभकामनाएं देने के लिए चिट्ठी-पत्र डाला करते थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 09:37 PM (IST)
आज भी कायम है नववर्ष के ग्री¨टग कार्ड का वजूद
आज भी कायम है नववर्ष के ग्री¨टग कार्ड का वजूद

हरदीप रंधावा, अमृतसर

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'तुसीं चिट्ठिां पाऊणियां ई भुल्ल गए, जदों दा टेलीफोन लगिया..' लगभग एक दशक पहले पंजाबी गायक हंस राज हंस ने उक्त गीत गाया था, जिसमें बताया गया था कि पुराने समय में लोग अपने रिश्तेदारों का हालचाल जानने व दिन-त्यौहार पर बधाई व शुभकामनाएं देने के लिए चिट्ठी-पत्र डाला करते थे। लोगों द्वारा अपने रिश्तेदारों व मित्रों को बधाई व शुभकामनाएं देने के लिए ग्री¨टग कार्ड आदि भी मुख्य थे। वर्तमान समय में भी ग्री¨टग कार्ड अपनी अलग पहचान रखते हैं, जिन्हें आज भी लोग अपने रिश्तेदारों को दिन-त्यौहार पर बधाई व शुभकामनाएं देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। नववर्ष को मद्देनजर रखते हुए शहर के विभिन्न गिफ्ट शो रूमों में इन दिनों लोग ग्री¨टग कार्डों की खूब खरीददारी कर रहे हैं, जिन्होंने दैनिक जागरण को बताया कि भले ही वर्तमान समय में इंटरनेट का युग होने पर लोग सोशल मीडिया पर एक पल में बधाई व शुभकामनाएं संदेश के रूप में भेज देते हैं। जबकि ग्री¨टग कार्ड भेजकर जो मन को खुशी मिलती है, जोकि दिन-त्यौहार पर खुशियों को चार चांद लगाते हैं।

ग्री¨टग कार्ड का इस्तेमाल करने से बरकरार रहेगा रोजगार

चार से लेकर पांच दिनों तक अपनी मंजिल तय करने वाले ग्री¨टग कार्ड की जगह भले ही इंटरनेट एक ही पल में दिन-त्यौहार पर बधाई व शुभकामना का संदेश पहुंचा देता है, मगर लोगों में पहले की तरह वो प्रेम नहीं रहा है, क्योंकि इंतजार में गहरा प्यार हुआ करता था। लोग नववर्ष पर अपने रिश्तेदारों व मित्रों की तरफ से आने वाले ग्री¨टग कार्ड का बड़ी बेसब्री से किया करते थे। पिछले कुछ सयम से इंटरनेट के बढ़ते क्रेज के चलते नववर्ष आदि दिन-त्यौहारों पर ग्री¨टग कार्डों की खरीददारी पर अपना असर डाला है। बावजूद इसके लोगों ने अपने रिश्तेदारों व मित्रों को नववर्ष आदि दिन-त्यौहारों पर ग्री¨टग कार्ड भेजकर बधाई व शुभकामनाएं देने का सिलसिला नहीं छोड़ा है। लारेंस रोड स्थित गिफ्ट शो रूम पर ग्री¨टग कार्ड खरीदने के लिए आए राहत अरोड़ा, सुनीतइंद्र कौर, साक्षी शेरगिल आदि ने कहा कि सोशल मीडिया पर भेजी जाने वाली बधाई व शुभकामनाएं अपनी जगह है और ग्री¨टग कार्ड अपनी जगह है, जो घर में टेबल पर सजावट के काम आते हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर बधाई व शुभकामना भेजना गलत नहीं है, मगर ग्री¨टग कार्ड का इस्तेमाल करने के कुछ लोगों का रोजगार बरकरार रहेगा।


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