कोरोना सैंपलिग में गड़बड़झाला.. टारगेट पूरा करने के लिए भेजे 92 सैंपलों में 86 फेल
कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे स्वास्थ्य विभाग में सैंपलिग के नाम पर बड़ा गड़बड़झाला उजागर हुआ है।
नितिन धीमान, अमृतसर: कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे स्वास्थ्य विभाग में सैंपलिग के नाम पर बड़ा गड़बड़झाला उजागर हुआ है। अजनाला स्थित सिविल अस्पताल में सैंपल कलेक्शन के नाम पर लापरवाही सामने आई है। इस अस्पताल में 92 वीटीएम वायल (वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम) मेडिकल कालेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब में टेस्टिंग के लिए भेजी गर्ई। इनमें से 87 सैंपल 'इंप्रोपराइटी' पाए गए। इंप्रोपराइटी का अर्थ यह है कि सैंपल सही तरीके से नहीं लिए गए या सैंपल नहीं लिए थे अथवा वीटीएम वायल के फ्लूड में सैंपल स्टिक तोड़कर डाली गई और यह वायल लैब में पहुंचा दी गई। यह बहुत बड़ी लापरवाही है।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने अधिकाधिक लोगों का कोरोना टेस्ट करवाने के लिए सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों को लक्ष्य दिया है। सिविल अस्पताल अजनाला का लक्ष्य प्रतिदिन 150 सैंपल का है। इसे पूरा करने के लिए अस्पताल के लैबोरेट्री टेक्नीशियन ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं। 29 अगस्त को इन कर्मचारियों ने 92 वीटीएम वायल तैयार कीं। इन वायल में फ्लूड भरकर स्टिक डाली गई। वायल इंफ्लूएंजा लैब भेजी गईं। जांच में 87 सैंपलों में आरएन एक्ट्रेशन नहीं मिला। कोरोना टेस्ट के लिए आरटीपीसीआर मशीन में मनुष्य के गले व नाक से लिया गया स्वैब रखा जाता है। स्वैब से आरएनए (रिबो न्यूक्लिक एसिड) अलग किया जाता है। आरएनए में ई जीन पाजिटिव मिलने व आरडीआरपी मिलने पर कोरोना की पुष्टि होती है। सिविल अस्पताल अजनाला से भेजे गए सभी सैंपलों को लैब में इसी प्रोसेस से गुजारा गया था, पर सैंपल ही सही नहीं थे। लिहाजा रिपोर्ट सटीक कैसे आती। बचाव के लिए एसएमओ का तर्क,
पोर्टल में तकनीकी खामी की वजह से ऐसा हुआ
इंफ्लूएंजा लैब ने इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है। हालांकि सिविल अस्पताल अजनाला का प्रबंधन इस बात से इन्कार कर रहा है। एसएमओ डा. ओमप्रकाश का तर्क है कि सैंपल तो निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही भेजे थे, पर पोर्टल में तकनीकी खामी की वजह से सैंपल रिपोर्ट में इंप्रोपराइटी दर्ज हो गया। इस संबंध में मैंने भी लैब टेक्नीशियन से पूछताछ की थी। उसने भी मुझे यही कारण बताया। हमने सभी 87 लोगों का अब रैपिड टेस्ट करवाया है। ये सभी एक जत्थे के रूप में मां वैष्णो देवी जाना चाहते थे। रैपिड टेस्ट में इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई? है। .तो यह समस्या सभी कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटरों में आती
एसएमओ का यह तर्क इसलिए मान्य नहीं है क्योंकि यदि पोर्टल में समस्या थी तो 29 अगस्त को यह समस्या सभी कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटरों में आती। बाकी सेंटरों की रिपोर्ट तो सटीक थी ही थी। इस कारनामे से साफ है कि सिर्फ लक्ष्य पूरा करने के लिए सैंपलों का खेल खेला जा रहा है। वीटीएम वायल में उस स्टिक को काटकर भी डाला गया है जिससे नाक से स्वैब लिया जाता है। सैंपल लेने वाले स्टाफ ने धांधली करने के लिए हर सावधानी अपनाई, पर आरटीपीसीआर मशीन में उसकी यह कारस्तानी पकड़ी गई। पहले भी इसी अस्पताल में सामने आती रही हैं धांधलिया
सिविल अस्पताल अजनाला को प्रतिदिन 150 का लक्ष्य मिला है। इन दिनों कोरोना का प्रकोप कम होने की वजह से ज्यादा लोग टेस्ट नहीं करवा रहे, पर कागजों में लक्ष्य पूरा करना है। यही वजह है कि इस प्रकार की धांधलियां हो रही हैं। इंफ्लुएंजा लैब के अधिकारियों की मानें तो पहले भी इस अस्पताल से सैंपलों में इस तरह की अनियमितताएं मिलती रही हैं। इससे आरटीपीसीआर मशीन के रीजेंट व्यर्थ होते हैं, वहीं लैब के स्टाफ का वक्त भी जाया होता है। मामला गंभीर है। पोर्टल में कोई तकनीकी खामी नहीं है। इसके लिए एसएमओ से स्पष्टीकरण मांगेंगे।
-डा. चरणजीत सिंह, सिविल सर्जन, अमृतसर।