नवतेज ¨सह जौहर ने भरत नाट्यम का कटासराज नृत्य पेश कर किया मंत्रमुग्ध
अमृतसर माझा हाऊस में आयोजित दो दिवसीय फेस्टिवल में पहुंचे भरत नाट्यम के विशेषज्ञ प्रशिक्षक व नवतेज ¨सह जौहर ने कटासराज नृत्य प्रदर्शन करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
माझा हाऊस में आयोजित दो दिवसीय फेस्टिवल में पहुंचे भरत नाट्यम के विशेषज्ञ प्रशिक्षक व नवतेज ¨सह जौहर ने कटासराज नृत्य प्रदर्शन करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने बताया कि भरत नाटयम या चधिर अट्टम मुख्य रूप से दक्षिण भारत की शास्त्रीय नृत्य शैली है। यह भरत मुनि के नाट्य शास्त्र पर आधारित है। वर्तमान समय में इस नृत्य शैली का मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अभ्यास किया जाता है। भरत नाट्यम को सबसे प्राचीन नृत्य माना जाता है और इसे तामिलनाडु में देवदासियों द्वारा विकसित व प्रसारित किया गया था। इसकी शुरूआत में इस नृत्य को देवदासियों के द्वारा विकसित होने के कारण उचित सम्मान नहीं मिल पाया था। भरत नाट्यम के दो भाग होते हैं इसे साधारणत दो अंशों में संपन्न किया जाता है पहला नृत्य और दूसरा अभिनय व नृत्य शरीर के अंगों से उत्पन्न होता है। जौहर ने कहा कि गुरु नगरी में आकर भरत नाट्यम की पेशकारी देकर भरपूर आनंद लिया है, जिसका दर्शकों ने भी खूब लुत्फ उठाया है।
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लेखकों व कलाकारों ने दिया आपसी मेलजोल का संदेश
माझा हाउस में आयोजित दो दिवसीय साल फेस्टिवल के दूसरे दिन देश के विभिन्न बॉर्डर पर होने वाली गतिविधियों पर विचार विमर्श किया गया। बॉर्डर क्रॉ¨सग विषय पर विचार विमर्श करते हुए लेखकों व कलाकारों ने कहा कि दोनों देशों के लोग आपस में मिलजुल कर जीवन बसर करना चाहते हैं। उन्होंने जिस प्रकार पक्षियों के लिए बॉर्डर कोई मायने नहीं रखता है, वह जब चाहे देश की सरहदों को पार करके अपने जीवन का आनंद लेते हैं। जबकि बॉर्डर के इस पार और बॉर्डर के उस पार रहने वाले बा¨शदे भी आपस में मिलजुल कर रहना चाहते हैं, ताकि परमात्मा की तरफ से मिले अमूल्य जीवन का लूट लिया जाए। माझा हाउस की फाउंडर प्रीति गिल और सदस्य प्रोफेसर गुरप्रताप ¨सह का कहना है कि माझा हाउस की तरफ से आयोजित पहले साल फेस्टिवल को सफल बनाने में शहरवासियों ने पूर्ण सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि माझा हाउस की तरफ से भविष्य में भी ऐसे आयोजन करवाने का सिलसिला जारी रहेगा ताकि अपने अमीर सभ्याचार को विश्व स्तर पर प्रफुल्लित किया जा सके। इस मौके पर कुलविंदर ¨सह गिल, गुरलीन कौर, नाजी पुरी, इंदू अरोड़ा, कमलजीत ¨सह, डा. वीनस, डा. अरविंदर ¨सह चमक आदि मौजूद थे।