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नवाज की शराफत पर अभी भी कायम है गांव जाती उमरा के लोगों का भरोसा

धर्मबीर सिंह मल्हार, जाती उमरा (तरनतारन) भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रध

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Apr 2018 05:11 PM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 05:11 PM (IST)
नवाज की शराफत पर अभी भी कायम है गांव जाती उमरा के लोगों का भरोसा
नवाज की शराफत पर अभी भी कायम है गांव जाती उमरा के लोगों का भरोसा

धर्मबीर सिंह मल्हार, जाती उमरा (तरनतारन)

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भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ फैसला सुनाया है कि वह जीवन में कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकते। गांव जाती उमरा के लोगों का दावा है कि नवाज शरीफ भ्रष्ट नहीं हो सकते। भविष्य में उनके लिए अच्छे दिन फिर लौट आएंगे।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का पुशतैनी गांव जाती उमरा है। उनकी पारिवारिक हवेली में गुरुद्वारा साहिब बनाया गया। इस गुरुद्वारा साहिब में उस समय नवाज शरीफ की लंबी आयु की अरदास की गई थी जब पाकिस्तान में तख्ता पल्ट हुआ था। 1200 की आबादी वाले गांव के सरपंच दिलबाग सिंह ने बताया कि मीया नवाज शरीफ के परिवार पर जब भी कोई संकट आया है तो गांव के गुरुद्वारा साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब करवाए गए। हर बार शरीफ परिवार का कष्ट टला। उर्दू में लिखि पन्ने दिखाए

गांव के बुजुर्ग चौकीदार हरबंस सिंह बंसा, उसकी पत्नी सर्वण कौर ने नवाज शरीफ परिवार की पुशतैनी जानकारी वाले उर्दू में लिखित पन्ने दिखाए। इस बुजुर्ग जोड़े ने कहा कि नवाज शरीफ पूरी तरह शरीफ है। बुजुर्ग जोगिंदर सिंह, ज्ञान कौर, जगीर सिंह कहते हैं कि गांव जाती उमरा का एक-एक सदस्य नवाज शरीफ के परिवार की खैरियत मांगता है। श्री अखंड पाठ साहिब रखवाया जाएगा

महिला बचन कौर, राज कौर, चंद कौर, गुलशन ने दैनिक जागरण को बताया कि बहुत जल्द पंचायत की बैठक करते नवाज शरीफ की चड़दीकला के लिए उस गुरुद्वारा साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब रखवाया जाएगा जो कभी शरीफ परिवार के पूर्वजों की हवेली होती थी। गुरद्वारा साहिब के ग्रंथी ज्ञानी इंदरजीत सिंह कहते है कि कई पीढि़यों से गांव निवासियों के साथ शरीफ परिवार की संबंध कायम है। गांव की मिट्टी लेकर गया था परिवार: इंदरजीत

इंदरजीत ने कहा कि आज नवाज शरीफ पर संकट के बादल छाए हैं तो गांव निवासी उस परिवार के साथ डटे हैं। गांव निवासियों का कहना है कि 2013 में शाहबाज शरीफ अपने परिवार समेत जब गांव जाती उमरा आए थे तो पंजाब सरकार द्वारा गांव के विकास पर 3.35 करोड़ की राशि खर्च हुई थी। उस समय शरीफ का परिवार गांव जाती उमरा की मिंट्टी लेकर गया था।


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