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श्री दरबार साहिब में मंत्रमुग्‍ध हो गए मोदी, लंगर सेवा करने वाले पहले पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी श्री दरबार साहिब में नतमस्तक हुए। मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्‍हाेंने श्री दरबार साहिब में लंगर सेवा की।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 10:17 AM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 11:53 AM (IST)
श्री दरबार साहिब में मंत्रमुग्‍ध हो गए मोदी, लंगर सेवा करने वाले पहले पीएम

जेएनएन, अमृतसर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी शनिवार देर रात श्री दरबार साहिब में नतमस्तक हुए। दोनों नेता श्री दरबार साहिब की आलौकिक छटा से मंत्रमुग्ध नजर आफ प्रधानमंत्री ने लंगर सेवा भी की और कड़ाह प्रसाद भी ग्रहण किया। उन्हाेंने श्रद्धालुओं को लंगर परोसा। प्रधानमंत्री के हाथों लंगर ग्रहण कर श्रद्धालु भी काफी प्रसन्न थे। मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने श्री दरबार साहिब में लंगर की सेवा की।

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प्रधानमंत्री मोदी ने वहां विजटर बुक पर 'वीर भूमि, नमो भूमि, प्रणाम' लिखकर अपनी श्रद्धा का इजहार किया। अफगास्तिान के राष्ट्रपति गनी गुरुघर की अलौकिक छटा को देख मुग्ध हो गए। उन्होंने अपनी भावनाओं को विजटर बुक पर 'वंडर ऑफ द इमेजिनेशन' लिख बयां किया। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अशरफ गनी श्री गुरु रामदास लंगर घर में लंगर की सेवा करने के बाद सचखंड पहुंचे, तो वहां ज्ञानी रघबीर सिंह ने दोनों नेताओं को सिरोपा भेंट किया। दाेनों नेताअों ने कड़ाह प्रसाद भी ग्रहण किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को सिरोपा भेंट करे ज्ञानी रघबीर सिंह।

श्री दरबार साहिब के सूचना अधिकारी गुरबचन सिंह ने कहा कि मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने लंगर बांटा। उधर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी ने भी पहली बार श्री दरबार साहिब में माथा टेका। इससे पहले पीएम मोदी शाम छह बजे श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। वहां से वे होटल ताज गए।

पढ़ें : 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन : पीएम मोदी व गनी पहुंचे, आतंकवाद पर घिरेगा पाक कुछ देर विश्राम के बाद वह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के साथ सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे। मोदी सहित उनके साथ आए वशिष्टजन लंगर हाॅल में गए। मोदी ने लंगर की सेवा करते हुए श्रद्धालुओं को दाल वितरित की। मोदी 35 मिनट श्री दरबार साहिब परिसर में रहे। वे सवा आठ बजे श्री दरबार साहिब पहुंचे और वहां से 8 बजकर 50 मिनट पर लौटे।

प्रधानमंत्री मोदी को स्मृति चिह्न भेंट करते मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल।

इस अवसर पर राज्यपाल वीपी बदनौर, मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री व पंजाब भाजपा प्रधान विजय सांपला, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह, राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक, कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी व अन्य मौजूद थे।

देखें तस्वीरें : पीएम मोदी ने स्वर्ण मंदिर में बांटा लंगर

सूचना कार्यालय में प्रधानमंत्री मोदी, डॉ. अशरफ गनी को डिप्टी सीएम सुखबीर बादल, महासचिव अमरजीत चावला, राजिंदर सिंह मेहता व हरचरण सिंह ने गुरु की बख्शीश सिरोपा लोई, श्री हरिमंदिर साहिब का मॉडल व
धार्मिक किताबों का सेट देकर सम्मानित किया।

पढ़ें : श्री दरबार साहिब में नतमस्तक हुए विदेशी प्रतिनिधि, जालियांवाला बाग भी गए

लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए

प्रधानमंत्री मोदी को श्री दरबार साहिब की परिक्रमा में देखकर वहां मौजूद संगत ने मोदी-मोदी कहा तो मोदी ने भी खुले दिल से उनका अभिवादन दोनों हाथ उठाकर स्वीकार किया। परिक्रमा के अलावा जब मोदी मुख्य द्वार पर पहुंचे तो वहां भी संगत ने मोदी-मोदी कहकर उनका स्वागत किया।

कार से किए हेरीटेज स्ट्रीट के दर्शन

मोदी की कारों का काफिला हाल ही में श्री दरबार साहिब सुंदरीकरण के तहत तैयार की गई हेरीटेज स्ट्रीट से गुजरा तो वे इसका नया व अलौलिक रूप देख दंग रह गए। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति गनी के प्रोटोकॉल में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को तो जगह मिल गई, पर साथ होने के बावजूद भाजपाई लीडरशिप को उनके ज्यादा निकट जाने का मौका नहीं मिल सका।

मोदी को भा गई 'कथक-भंगड़ा' की जुगलबंदीहार्ट ऑफ एशिया कांफें्रस में शामिल होने गुरुनगरी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कथक व भंगड़ा की जुगलबंदी मोह ले गई। 'साडा पिंड' में प्रधानमंत्री सहित अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और एशियाई देशों से आए प्रतिनिधि के लिए रखे गए रात्रि भोज में पंजाब की सांस्कृतिक विरासत की छटा देखने को मिली।

'साडा पिंड' में प्रधानमंत्री सहित प्रतिनिधि ने पंजाब की ग्रामीण विरासत के दर्शन किए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में कथक, भगड़ा व गिद्दा पेश किया गया। रचना यादव कथक स्टूडियो की नृत्यांगना ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत दिखाई, जबकि जेनथ ग्रुप ने भंगड़ा व गिद्दा पेश कर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।

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अंत में कथक और भंगड़ा की जुगलबंदी ने खूब वाहवाही लूटी। अफगानिस्तान के प्रसिद्ध म्यूजिशियन फरहाद दरया ने भी स्वर लहरियां छेड़ते हुए सर्द हवाओं में प्यार की गरमाहट भरी। पंजाबी गायिका हर्षदीप कौर ने पंजाबी फोक गीत गाकर सभी का मनोरंजन किया। डिनर में पंजाबी व्यंजनों के सभी ने खूब चटखारे लिए। सरसों का साग व मक्की की रोटी विशेष व्यंजन रहा।

देखें तस्वीरें : विदेशी प्रतिनिधियों ने देखी गुरुनगरी, श्री दरबार साहिब में माथा टेका


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