हत्या के सवा तीन साल बाद पत्नी और उसके आशिक पर केस दर्ज
। गुरदासुपर के मड़ियाल गांव निवासी सरबजीत सिंह की हत्या 14 दिसंबर 2015 को उसकी पत्नी ने अपने जीजा के साथ मिलकर कर दी थी।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
गुरदासुपर के मड़ियाल गांव निवासी सरबजीत सिंह की हत्या 14 दिसंबर 2015 को उसकी पत्नी ने अपने जीजा के साथ मिलकर कर दी थी। मृतक के भाई परमजीत सिंह का आरोप है कि उनकी भाभी राजबीर कौर के अपने जीजा गुरविदर सिंह के साथ अवैध संबंध चल रहे थे। इसकी भनक उनके भाई को लग गई थी। डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट पर मेहता थाने की पुलिस ने तीन साल और चार महीने के बाद दोनों आरोपितों के खिलाफ हत्या और शव खुर्दबुर्द करने के आरोप में केस दर्ज किया है। सब इंस्पेक्टर सतपाल सिंह ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी जारी है।
गुरदासपुर के मड़ियाल गांव निवासी परमजीत सिंह ने बताया कि उनका भाई सरबजीत सिंह गांव में ही बैटरी मरम्मत की दुकान चलाता था। कुछ साल पहले उसकी शादी दाबावाली गांव निवासी राजबीर कौर के साथ हुई थी। भाई का परिवार बेटी जसमीत कौर (15) और बेटे पवनदीप सिंह (13) के साथ अच्छा चल रहा था। इस बीच भाभी की छोटी बहन की शादी गुरदासपुर के ही खोदे बेट गांव निवासी गुरविदर सिंह के साथ हो गई। गुरविदर का उनके भाई के घर आना जाना शुरू हो गया। मौका पाकर उनकी भाभी और उसके जीजा गुरविदर सिंह के बीच अवैध संबंध स्थापित हो गए। जब सरबजीत सिंह को पत्नी और उसके साढ़ू के बीच संबंधों का पता चला तो उसने कड़ा विरोध जताया। इस बात को लेकर परिवार में झगड़े भी शुरू हो चुके थे। दोनों आरोपितो ने मौका मिलने पर सरबजीत को ठिकाने लगाने की योजना बनाई।
परमजीत सिंह ने बताया कि 14 दिसंबर 2015 को वह कपूरथला में परिवार सहित शादी में हिस्सा लेने गए हुए थे। उनके रिश्तेदार ने उन्हें फोन पर बताया कि सरबजीत सिंह अपनी दुकान से सुबह से ही लापता है। उसके बाद उन्होंने गुरदासपुर पुलिस को सूचित किया। लेकिन सरबजीत के बारे में कुछ सुराग नहीं लगा। इधर, सारा परिवार सरबजीत को तलाश रहा था। 11 अप्रैल 2016 को परिवार ने एक समाचार पत्र में पढ़ा कि मेहता के बुट्टर गांव के खेत में अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली है। संदेह होने पर परिवार लाश की शिनाख्त के लिए मेहता पुलिस थाने पहुंचा। हालाकि चार महीने खेत में पड़ा रहने के कारण शव कंकाल में बदल चुका था। लेकिन सरबजीत (मृतक) के कपड़े, पर्स और जूतों से परिवार के सदस्यों ने उसकी शिनाख्त कर ली। बावजूद पुलिस हत्या का मामला दर्ज करने को तैयार नही थी। पोस्टमार्टम करवाने के बाद पुलिस का कहना था कि कंकाल का डीएनए टेस्ट करवाया जाए। ताकि पता लगाया जा सके कि मरने वाला सरबजीत सिंह ही है। परमजीत सिंह ने बताया कि फिर उन्होंने अपनी मां महिदर कौर और मृतक भाई का डीएनए टेस्ट करवाया। कुछ महीने पहले आरोपितों को भनक लग चुकी थी कि सारा मामला साफ हो चुका है। परमजीत सिंह ने आरोप लगाया कि दोनों आरोपित कुछ दिन पहले उनके पास पहुंचे और सरबजीत सिंह की मौत पर राजीनामा करने का दबाव बनाने लगे। तब उन्हें स्पष्ट हो गया था कि हत्या राजबीर कौर ने अपने आशिक जीजा के साथ मिलकर की है। केस दर्ज नहीं करने पर हाईकोर्ट
में 29 मई को सुनवाई परमजीत सिंह ने बताया कि भाई की हत्या के बाद वह कई पुलिस अधिकरियों से मिले। कई नेताओं से मिले। लेकिन पुलिस हत्या का मामला दर्ज नहीं कर रही थी। परमजीत सिंह ने बताया कि 27 मार्च 2019 को उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने अमृतसर देहाती पुलिस को रिकार्ड लेकर 29 मई को हाईकोर्ट पहुंचने के आदेश जारी कर रखे हैं। डीएनए टेस्ट का सरकारी रेट दस हजार, वसूले तीस हजार कानून माहिर रवि महाजन ने बताया कि उक्त मामले में सरबजीत सिंह का डीएनए टेस्ट करवाने में भी ज्यादा पैसों की वसूली की गई है। डीएनए टेस्ट का सरकारी रेट दस हजार रुपये से ज्यादा नहीं है। जबकि पीड़ित परमजीत सिंह ने बताया कि वह पुलिस को तीस हजार रुपये का भुगतान कर चुके हैं। पुलिस दल का कहना था कि शेष खर्च वह सरकारी खाते में करवा देंगे। पीड़ित ने सरकार से गुहार लगाई है कि इस तरह के मामलों में पुलिस का तेज तर्रार और ईमानदार दल काम करना चाहिए। ताकि पीड़ित को जल्द से जल्द इंसाफ मिल सके।