वैध कालोनियों की सूची सात दिन में तैयार करेंगे निगम, ट्रस्ट और एडीए, जिनके नाम नहीं, वह होंगी अवैध
नगर निगम नगर सुधार ट्रस्ट और अमृतसर डेवलपमेंट अथारिटी उन कालोनियों की सूची तैयार करने में जुट गया है जो वैध हैं।
विक्की कुमार, अमृतसर: पंजाब सरकार की तरफ से अवैध कालोनियों में प्लाटों की रजिस्ट्री करने पर लगाई गई पाबंदी के बाद नगर निगम, नगर सुधार ट्रस्ट और अमृतसर डेवलपमेंट अथारिटी उन कालोनियों की सूची तैयार करने में जुट गया है, जो वैध हैं। विभाग के अधिकारी एक सप्ताह में यह सूची तैयार करेंगे। जिनके नाम उन सूचियों में नहीं होंगे, वह अवैध होंगी। इस संबंध में विभाग के अधिकारियों के साथ डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन ने बैठक भी कर ली है और उन्हें इसकी सूची जल्द तैयार करने के लिए कहा गया है। सूची बनने के बाद पता चल पाएगा कि जिले में कितनी कालोनियां अवैध और कितनी वैध हैं। फिलहाल तहसीलों में बिना एनओसी की रजिस्ट्रियां पहले ही बंद हैं। दूसरी तरफ पंजाब सरकार के इस आदेश के बाद प्रापर्टी कारोबारियों में रोष है। उन्होंने इस फरमान को नादिरशाही फरमान बताते हुए कहा कि इसका विरोध करने के लिए जल्द ही संघर्ष की रणनीति तैयार करने का एलान भी कर दिया है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने पंजाब में अवैध कालोनियों में प्लाटों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई है। सरकार के फरमान से वसीका नवीस भी परेशान
पंजाब सरकार द्वारा अवैध कालोनियों में प्लाटों की रजिस्ट्रियां करने पर लगाई गई पाबंदी का आदेश कोई नया नहीं है। वसीका नवीस व एडवोकेट महेंद्र पाल गुप्ता का कहना है कि सरकार पहले यह बताए कि अवैध कालोनियों का मतलब क्या है? उन्होंने कहा कि जहां पर नगर निगम, पुडा या नगर सुधार ट्रस्ट की तरफ से सड़कें, गलियां, नालियां, बिजली, पानी, वाटर सप्लाई आदि का काम करवा दिया गया है, क्या वह अवैध कालोनियों में है? अगर वह अवैध हैं तो यहां पर विकास कार्य क्यों करवाए गए? उन्होंने कहा कि प्रशासन इन विभागों के साथ तालमेल करके काम नहीं करता है, जिसके चलते लोगों को परेशान होना पड़ता है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि अवैध या वैध कालोनियों की सूची प्रशासन को जल्द रेवेन्यू विभाग के स्टाफ को सौंपी जानी चाहिए। इसके अलावा इन्हें आनलाइन वेबसाइटों पर भी अपलोड किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिले। प्रापर्टी कारोबारी भी करने लगे हैं आदेश का विरोध
पंजाब सरकार के इस आदेश का विरोध प्रापर्टी कारोबारी भी करने लगे हैं। पंजाब माझा जोन कोलोनाइजर और प्रापर्टी डीलर्स एसोसिएशन पंजाब के कन्वीनर संजीव रामपाल ने कहा कि उन्होंने नई सरकार से रियल एस्टेट के लिए पंजाब में नई सरल पालिसी की मांग की थी, जिससे यह कारोबार बढ़े और इससे जुड़े लोगों को रोजगार व सरकारी खजाने में रेवेन्यू आए लेकिन सरकार ने तो इसके उलट आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे। कोट्स
पंजाब सरकार के आदेश के बाद सभी विभागों के साथ बैठक करके उन्हें सूची बनाने के लिए कहा गया है। नगर सुधार ट्रस्ट, अमृतसर डेवलपमेंट अथारिटी, नगर निगम को कहा गया है कि वह वैध कालोनियों की सूची तैयार करें। जो वैध होंगी, उन सूचियों को सौंप दिया जाएगा। जिन कालोनियों का उनमें नाम नहीं होगा, वह अवैध ही होंगी। जल्द ही विभाग यह सूची उन्हें दे देंगे।
-हरप्रीत सिंह सूदन, डिप्टी कमिश्नर, अमृतसर