चुनाव ड्यूटी के बहाने एमटीपी विभाग ने नहीं की कार्रवाई, शहर में बेखौफ हुए अवैध निर्माण
निकायमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के गृह जिले में ही अवैध निर्माण बेलगाम हैं।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर
निकायमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के गृह जिले में ही अवैध निर्माण बेलगाम हैं। वाल्ड सिटी में चल रहे अवैध निर्माणों के आगे नगर निगम का एमटीपी विभाग पंगू साबित हो रहा है। सरेआम चल रहे निर्माणों को लेकर कमिश्नर हरबीर सिंह ने 17 अप्रैल को विभाग से रिपोर्ट भी तलब की थी, पर इसके बावजूद इस पर अंकुश नहीं लग सका। चुनावी ड्यूटी का बहाना बनाते हुए अधिकारी अवैध निर्माणों पर कार्रवाई से कन्नी कतराते रहे। चुनाव में सियासी शह पर अवैध निर्माण करने वालों ने भी धड़ल्ले से काम किया। अपनी फजीहत होते देख अब एमटीपी विभाग भी इन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा 2014 से वाल्ड सिटी में निर्माणों पर रोक लगाई गई है, पर सियासी शह और एमटीपी विभाग की मिलीभगत से अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है। निकायमंत्री के शहर में अवैध निर्माणों का आलम यह है कि सील की गई इमारतों में सील तोड़कर खुलेआम न सिर्फ काम चल रहा है, बल्कि कुछ एक ने तो काम पूरा करते हुए एमटीपी विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे होटल व कमर्शियल अदारे शुरू कर लिए हैं। घी मंडी चौक में सील इमारत में होटल शुरू हो गया है, जबकि जलियांवाला बाग के पास सील इमारत में युद्ध स्तर पर काम जारी है।
घी मंडी, जलियांवाला बाग, सारागढ़ी पार्किंग रोड के पास हो रहे निर्माण
घी मंडी के पास भी सड़क पर खुलेआम निर्माण चल रहा है। कटड़ा आहलुवालिया चौक के बीच निर्माण हो रहा है। केसरी बाग, बाजार बकरवाना, सारागड़ी पार्किंग वाली एलीवेटिड रोड के बिल्कुल साथ, हाल बाजार, टाउन हाल, चील मंडी, सुल्तानविड गेट के अंदर दाखिल होते ही आदि क्षेत्र तो ऐसे हैं, जहां सरेआम निर्माण चल रहा है। बाकायदा मजदूर काम करते रहे, पर निगम अधिकारियों को यह सबकुछ दिखाई नहीं दे रहा है।
आवेदनों ने खोली अवैध निर्माणों की पोल
वाल्ड सिटी में प्रतिबंध के बावजूद हुए अवैध निर्माणों से निगम का एमटीपी विभाग चाहे पल्ला झाड़ता रहा, पर अवैध निर्माणों की पोल खुद ब खुद खुल गई है। वाल्ड सिटी रेगुलाइजेशन एक्ट 2019 के तहत मांगे गए आवेदनों से ही स्पष्ट हो गया है कि पिछले दो सालों में किस कदर शहर में अवैध निर्माण हुए है। 2016 में सीनियर आइएएस अधिकारी राहुल तिवारी के नेतृत्व में बनी स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वाल्ड सिटी में 214 निर्माण हैं, पर अब जब रेगुलेशन के लिए आवेदन मांगे गए हैं तो 352 आवेदन एमटीपी विभाग के पास पहुंचे हैं। इससे साफ है कि पिछले दो सालों में 140 अवैध निर्माण हुए है।
एमटीपी विभाग ने आज देनी है 352 निर्माणों की रिपोर्ट
एमटीपी विभाग द्वारा वाल्ड सिटी रेगुलाइजेशन एक्ट 2019 के तहत वाल्ड सिटी में बने हुए होटलों, सराय व कमर्शियल निर्माणों की रिपोर्ट 28 मई तक विभाग को देनी है ताकि इनका रेगुलाइजेशन का प्रोसेस शुरू हो सके। पांच एटीपीज के साथ दो-दो इंस्पेक्टरों की टीमों को यह काम एमटीपी विभाग द्वारा सौंपा गया था। टीमों द्वारा सर्वे का 90 फीसद काम पूरा कर लिया गया है। टीमें इन संस्थानों की सर्वे रिपोर्ट में इससे संबंधित सारी जानकारी जमा करवाएगी, ताकि इनकी रेगुलाइजेशन का रास्ता साफ हो सके।
23 जुलाई को हाईकोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट
अवैध निर्माणों पर हाईकोर्ट तो सख्त है, पर एमटीपी विभाग के अधिकारियों के कानों जू नहीं रेंग रही। खास बात यह है कि आइएएस राहुल तिवाड़ी की अपनी रिपोर्ट ही अब सवालों के घेरे में आ गए है। हाईकोर्ट ने 23 जुलाई तक अवैध निर्माणों पर स्टेटस रिपोर्ट देने को एमटीपी विभाग को कहा है, ताकि निर्माण करवाने वालों की सजा मुकर्रर हो सके। सिट के हलफिया बयान और पिछले पांच सालों में एमटीपी विभाग ने क्या किया, इसकी जानकारी देने को कहा गया है। इतना ही नहीं सिट से भी पूछा गया है कि उन्होंने जो नीचे निर्देश दिए, उन अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर क्या किया। इसकी जानकारी दे ताकि उनकी सजा तय की जा सके।
80 इमारतें की थीं सील, सब जगह चल रहा काम : वेरका
हाईकोर्ट में शिकायतकर्ता एडवोकेट सरबजीत सिंह वेरका ने कहा कि एमटीपी विभाग की मिलीभगत से अवैध निर्माण हो रहे हैं। निगम ने 80 इमारतें सील की थीं, पर सभी जगह काम जारी है। निगम अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। सिट द्वारा अपने हलफिया बयान में दी गई लिस्ट को भी अवैध निर्माण चुनौती दे रहे हैं। लिस्ट में 214 निर्माण थे, जो अब बढ़कर 352 हो गए हैं। इसकी पुष्टि विभाग के पास आए आवेदन खुद कर रहे हैं। नियमों को छिक्के पर रखकर अधिकारियों की सहभागिता से यह सारा गोरखधंधा चल रहा है। खास बात तो यह है कि एलिवेटिड रोड के नीचे, चील मंडी, इन साइड थाना बी डिवीजन में कारसेवा के नाम पर निर्माण हुए और अब वहां होटल बन गए है।
अवैध निर्माणों पर कानूनी कार्रवाई होगी : कमिश्नर
अवैध निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एमटीपी विभाग से भी इसकी रिपोर्ट मांगी गई है ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। पुलिस कमिश्नर को भी रिमाडंर लेटर लिखते हुए निगम द्वारा पूर्व में जिन लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाने को लिखा गया है, उस पर कार्रवाई के लिए कहा गया है।
-हरबीर सिंह, कमिश्नर, नगर निगम।
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