पीएचडी चैंबर ने मध्यम बिजनेसमैन को विभिन्न योजनाओं से करवाया अवगत
पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने माइक्रो स्माल और मध्यम वर्ग के बिजनेसमैन को व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एमएसएमई और स्माल इंडस्ट्री डेवलपमेंट बैंक आफ इंडिया (सिडबी) की विभिन्न योजनाओं से अवगत करवाने के लिए आनलाइन वेबिनार करवाया गया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने माइक्रो, स्माल और मध्यम वर्ग के बिजनेसमैन को व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एमएसएमई और स्माल इंडस्ट्री डेवलपमेंट बैंक आफ इंडिया (सिडबी) की विभिन्न योजनाओं से अवगत करवाने के लिए आनलाइन वेबिनार करवाया गया। इस दौरान बैकिग एंड फाइनेंशियल सर्विस के कन्वीनर मुकुल बंसल ने कहा कि एमएसएमई का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे बड़ा योगदान होने के बावजूद बढ़ रही इन्फलेशन और कोलैटरल सिक्योरिटी की कमी के कारण पीड़ित है। उन्होंने प्रतिभागियों से कंपनी की बैलेंस शीट में पारदर्शी रहने का भी अनुरोध किया।
वहीं पीएचडीसीसीआइ और हाइटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड के एमडी आरएस सचदेवा ने कहा कि एमएसएमई के लिए कच्चे माल की लागत और कम मांग एक मुद्दा रहा है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सिडबी की सहायता से सुविधा प्रदान की जा सकती है। पीएचडी चैंबर के सलाहकार डा. एचपी कुमार ने क्रेडिट ग्रोथ, एमएसएमई को क्रेडिट उपलब्धता और बैंकों की क्रेडिट लेडिग मानसिकता पर संक्षेप में बताया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को ऋण उपलब्धता में प्रतिशत वृद्धि एक दशक से स्थिर रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि एनपीए के लिए आरबीआइ की ओर से निर्धारित मानदंडों में ढील दी जानी चाहिए और क्रेडिट रेटिग का मूल्यांकन तीसरे पक्ष की रेटिग एजेंसियों की ओर से किया जाना चाहिए। वहीं पीयूष भार्गव ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के जरिए एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे अपनी बैलेंस शीट में जानकारी का खुलासा करते समय पारदर्शी रहें और क्रेडिट रिकार्ड को सीधा रखें।