सांसद व डॉक्टरों में 'जंग', मरीज हुए तंग
अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल के डॉक्टरों व सांसद गुरजीत ¨सह औजला के बीच आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है। डॉक्टरों ने औजला के खिलाफ बगावत का झंडा उठाकर स्वास्थ्य सेवाओं का बहिष्कार कर दिया। डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर ओपीडी के बाहर धरना लगाकर औजला के खिलाफ नारेबाजी की। डॉक्टरों ने कहा कि इस अस्पताल में औजला की दखलअंदाजी कतई सहन नहीं होगी। वह डॉक्टरों को धमकाते हैं।
नितिन धीमान, अमृतसर
गुरुनानक देव अस्पताल के डॉक्टरों व सांसद गुरजीत ¨सह औजला के बीच आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है। डॉक्टरों ने औजला के खिलाफ बगावत का झंडा उठाकर स्वास्थ्य सेवाओं का बहिष्कार कर दिया। डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर ओपीडी के बाहर धरना लगाकर औजला के खिलाफ नारेबाजी की। डॉक्टरों ने कहा कि इस अस्पताल में औजला की दखलअंदाजी कतई सहन नहीं होगी। वह डॉक्टरों को धमकाते हैं। इधर, डॉक्टरों की हड़ताल के कारण गुरुनानक देव अस्पताल, ईएनटी अस्पताल, टीबी अस्पताल सहित डेंटल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। दर्जन भर मरीजों के ऑपरेशन नहीं हुए।
जीएनडीएच के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. एचएस सोहल ने कहा कि मैं यह घोषणा करता हूं कि कोई भी डॉक्टर जेनरिक दवाएं नहीं लिखेगा, औजला जो चाहे कर लें। औजला को कई बार समझाया गया कि जेनरिक दवाएं सब-स्टैंडर्ड हैं। जिन मरीजों का जटिल ऑपरेशन हुआ है, उन्हें ये दवाएं नहीं दी जा सकतीं। जेनरिक दवाओं पर अंकित मूल्य अधिक है, जबकि वास्तविक मूल्य बहुत कम। केमिस्ट अंकित मूल्य लेकर मरीजों का शोषण करते हैं। औजला को डॉक्टर चोर नजर आ रहे हैं। इस अवसर पर डॉ. शिवचरण ¨सह, डॉ. निरंकार ¨सह नेकी, डॉ. नीरजा शर्मा, डॉ. बेबिका महेंद्रू, डॉ. कर्मजीत ¨सह, डॉ. सुजाता शर्मा के अलावा मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टर, रेजिडेंस डॉक्टर भी उपस्थित थे।
निजी अस्पतालों में शिफ्ट हुए मरीज : हड़ताल के कारण अस्पताल में ऑपरेशन की प्रक्रिया ठप रही। सर्जिकल वार्डों में दाखिल दर्जन भर मरीजों के ऑपरेशन न होने की वजह से उनके परिजनों ने उन्हें निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया। मजीठा रोड निवासी दस¨वदर ¨सह ने बताया कि उसके चार वर्षीय बेटे रंजीत ¨सह को करंट लगा था। अंगूठे में जख्म आया है। डॉक्टर ने आज ऑपरेशन के लिए बुलाया था, पर हड़ताल की वजह से ऑपरेशन नहीं हो सका। इसी तरह दीपक खन्ना नामक मरीज का हार्निया का ऑपरेशन होना था। संदीप कौर की ब्रेस्ट का, निशा का रसौली का ऑपरेशन भी आज नहीं हो सका। ये सभी मरीज प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख कर गए। इमरजेंसी में दाखिल एक मरीज को अस्पताल से ले जाते समय वह तड़पने लगा और स्ट्रेचर से गिर गया।
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जीएनडीएच की खामियों को दूर क्यों नहीं करते औजला :
डॉक्टर सोहन ने कहा कि जीएनडीएच व मेडिकल कॉलेज की दयनीय हालत उन्हें नजर नहीं आती। कॉलेज के हॉस्टलों में रहने वाले छात्र नारकीय जीवन जी रहे हैं। सीवरेज जाम है। बाथरूमों में गंदगी भरी है। औजला सिर्फ डॉक्टरों को जलील करने के लिए अस्पताल आते हैं। इस संस्था में जो कमियां हैं उन्हें दूर करने की कोशिश क्यों नहीं करते।
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औजला के पास अस्पताल के निरीक्षण का नहीं है अधिकार
डॉ. सोहल ने कहा कि सभी डॉक्टर अपनी जेब से पैसे खर्च कर कई गरीब मरीजों को दवाएं देते हैं। बाथरूमों की सफाई भी फंड एकत्रित कर करवाते हैं। अस्पताल में 360 सफाई कर्मचारियों की जरूरत है, क्या औजला यह कमी दूर करवाएंगे? औजला केंद्र के सांसद हैं, उनके पास अस्पताल का निरीक्षण करने का क्या अधिकार है।
अशिक्षित हैं औजला, प्रभाव बनाने के लिए कर रहे हैं परेशान
हड़ताल में शामिल हुए ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन के कृपाल ¨सह रंधावा ने औजला पर तीखे हमले किए। कहा, वह अशिक्षित हैं। एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करके सांसद बने। अब अपना प्रभाव बनाने के लिए डॉक्टरों को परेशान कर रहे हैं।
अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन क्यों नहीं करते सांसद
सीनियर रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन के डॉ. अमृतपाल ¨सह ने कहा कि औजला लोगों की नजरों में डॉक्टरों को बदनाम करके वाहवाही लूटने का कुप्रयास कर रहे हैं। वह डॉक्टरों व मुलाजिमों के खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं। अगर वह स्वास्थ्य सेवाओं से नाखुश हैं तो अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना लगाएं। डॉक्टरों को नौ-नौ महीने तक वेतन नहीं मिलता। इतना ही नहीं, ओपीडी स्लिप भी अपनी जेब से पैसे खर्च कर बनवाने पड़ते हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को मेडिको लीगल रिपोर्ट व अन्य कई कामों में उलझा रखा है। वह मरीज देखें या विभागीय काम देखें।
पहले अपने क्षेत्र को, फिर अस्पताल को सुधारें औजला
मेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन के डॉ. मनसिमरत ¨सह ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र में नशेड़ियों की भीड़ लगी है। इनमें से ज्यादातर औजला के इलाके से संबंधित हैं। औजला अपने क्षेत्र से नशा खत्म नहीं कर पा रहे और बातें अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने की करते हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेज में 150 छात्रों की बजाय 250 छात्रों को एक कमरे में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। अस्पताल में ग्लब्ज नहीं आते व सरकारी दवाएं नहीं पहुंचतीं। ऑक्सीजन सप्लाई के बिल के भुगतान के लिए पैसे नहीं मिलते। सरकारी अस्पतालों के लिए मार्बल लगाने का प्रस्ताव पास होता है, लेकिन टाईलें लगा दी जाती हैं। जीएनडीएच में 60 प्रतिशत स्टाफ की कमी है। औजला बताएं कि इस कमी को दूर करने का जिम्मा किसका है।
औजला साबित करें खून बेचने का आरोप : डॉ. नीरज
ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ. नीरज शर्मा ने कहा कि औजला आरोप लगाते हैं कि ब्लड बैंक में खून बिकता है। वह साबित करके दिखाएं। एसोसिएशन ऑफ ब्लड डोनर सोसाइटी के अध्यक्ष बिक्रम जीत ¨सह ने कहा कि सांसद गुरजीत ¨सह औजला ने ब्लड बैंक में 2500 रुपये यूनिट खून बिकने की बात कही है। क्या इसका सबूत औजला के पास है? यदि है तो यह जनता के सामने लाया जाए। उनकी सोसाइटी सहित अमृतसर की कई ब्लड डोनेशन सोसाइटियां वर्षों से सिविल अस्पताल व गुरुनानक देव अस्पताल के लड बैंकों के साथ कैंप लगाती आ रही हैं, पर इस प्रकार की शिकायत आज तक नहीं मिली कि खून बिकता हो।
स्वास्थ्य मंत्री के संदेश पर भी खत्म नहीं हुई हड़ताल
हड़ताली डॉक्टरों को शांत करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मो¨हदरा ने एक पैगाम भेजा। मेडिकल कॉलेज के ¨प्रसिपल ने डॉक्टरों को यह संदेश सुनाते हुए कहा कि वह हड़ताल खत्म करके काम पर लौट जाएं, पर डॉक्टर टस से मस न हुए। उन्होंने कहा कि वह हड़ताल जारी रखेंगे। डॉ. तेजबीर ¨सह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोई भी राजनेता विभाग की आज्ञा के बिना सरकारी अस्पताल का मौका-मुआयना नहीं कर सकता। औजला यहां आते हैं, हम उनका स्वागत करते हैं, पर निरीक्षण से पहले उन्हें विभाग को बताना होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि किसी भी डॉक्टर से ज्यादती नहीं होगी।
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एमसीआइ व पंजाब सरकार से करूंगा शिकायत : औजला
सांसद गुरजीत ¨सह औजला ने कहा कि यदि डॉक्टरों ने जेनरिक दवाएं लिखने से इंकार किया है तो वह इसकी शिकायत मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया व पंजाब सरकार को करेंगे। वह भ्रष्ट डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी रास्ता अपना रहे हैं। मैं जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि हूं और उनकी शिकायत पर ही जीएनडीएच में जांच कर ने जाता हूं। यह मेरा अधिकार है और डॉक्टर मुझे रोक नहीं सकते। औजला ने कहा कि ये डॉक्टर पूर्व मंत्री के कहने पर हड़ताल कर रहे हैं। इस संबंध में वह स्वास्थ्य मंत्री से बात करेंगे।