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9.91 लाख के लगाए पेड़-पौधों की संभाल पर खर्चे 1.43 करोड़!

आरटीआइ एक्टीविस्ट सुरेश शर्मा ने पीडब्ल्यूडी द्वारा भंडारी पुल से लेकर गोल्डन गेट तक गई लैंड स्केपिग में घालमेल के आरोप लगाए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 06:05 AM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 06:05 AM (IST)
9.91 लाख के लगाए पेड़-पौधों की संभाल पर खर्चे 1.43 करोड़!
9.91 लाख के लगाए पेड़-पौधों की संभाल पर खर्चे 1.43 करोड़!

विपिन कुमार राणा, अमृतसर : आरटीआइ एक्टीविस्ट सुरेश शर्मा ने पीडब्ल्यूडी द्वारा भंडारी पुल से लेकर गोल्डन गेट तक गई लैंड स्केपिग में घालमेल के आरोप लगाए हैं। आरटीआइ में दिए गए दस्तावेजों के साथ राजफाश करते हुए उन्होंने कहा कि 2015-16 में 9.91 लाख के लगाए गए पेड़, पौधों व घास की संभाल पर विभाग ने पांच सालों में 1.43 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। उन्होंने इसमें घालमेल की आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि वह पूरे मामले को लेकर विजीलेंस ब्यूरो पंजाब के समक्ष लेकर जाएंगे, ताकि हरियाली के नाम पर घालमेल करने वालों पर कार्रवाई हो सके।

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उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा लैंड स्केपिग का काम काहलों नर्सरी को दिया गया था। गोल्डन गेट से यूबीडीसी तक एक साइड 75 वृक्ष और दूसरी तरफ 80 वृक्ष लगाए दस्तावेजों में दिखाए गए। विभाग ने कुल 155 वृक्ष लगाए गए थे, जबकि विभाग की तरफ से पहले साल 1081, दूसरे साल 908, तीसरे साल 908, चौथे साल 788 और पांचवें साल 807 की देखभाल के बिल पास किए गए। विभाग ने 155 वृक्षों की कीमत 38638 रुपये दिखाई है, लेकिन इसकी देखभाल पर 15,50,486 रुपये दिखाए हैं। छोटे पौधे की देखभाल पर 38.19 लाख खर्च आरटीआइ एक्टीविस्ट सुरेश शर्मा ने बताया कि इसी तरह विभाग ने 3104 छोटे पौधे लगाए। पहले साल दस्तावेजों में विभाग ने 4398, दूसरे साल 4398, तीसरे साल 4398, चौथे साल 4048 और पांचवें साल किसी पौधे की देखभाल नहीं की गई। 3104 छोटे पौधों की खरीद के लिए 4,41,202 रुपये दिखाए गए हैं, जबकि विभाग द्वारा चार सालों में इसकी देखभाल पर 38,19,364 रुपये खर्च किए हैं। इससे साफ है कि बड़े स्तर पर सरकारी फंड खुर्दबुर्द हुआ है। घास संभालने में खर्चे 40 लाख

आरटीआइ एक्टीविस्ट सुरेश शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा लैंड स्केपिग में 4587.95 स्केयर मीटर घास लगाया गया। पहले साल 6145.31 स्केयर मीटर, दूसरे साल 6191.92 स्केयर मीटर, तीसरे साल 6191.92 स्केयर मीटर और चौथे साल में तीन महीने में 1103.54 स्केयर मीटर व नौ महीने 5088.38 स्केयर मीटर देखभाल विभाग ने की। विभाग द्वारा 4587.95 स्केयर मीटर घास लगाने पर 5,11,189 रुपये खर्च किए, जबकि इसकी देखभाल पर 40,06,047 रुपये खर्च किया गया।

यह भी उठाए सवाल

-विभाग ने दस्तावेजों में घास को महीने में 27 दिन का पानी देने का दिखाया गया। कई महीनों में पांच रविवार व कई सरकारी छुंट्टी भी आती हैं।

—लैंड स्केपिग के टैंडर में ग्रिल लगाने और पेंट करने का कोई टेंडर नहीं हुआ है। लेकिन अधिकारियों ने 143.69 क्विंटल ग्रिलें, जिसकी कीमत 9,74,876 रुपये दिखाई गई है और उस पर 4712.31 लीटर पेंट, जिसकी कीमत 2,60,000 दिखाई गई है, कर दिया गया।

एसडीओ का जवाब

शर्मा को आंकड़े समझने में गलती लगी विभाग द्वारा ही एक्टीविस्ट सुरेश शर्मा को सारा डाटा आरटीआइ में मुहैया करवाया गया है। उन्हें आंकड़े समझने में गलती लगी है। 155 पेड़ बीआरटीएस प्रोजेक्ट में काटे गए हैं, वह दोबारा लगाए गए, जबकि पहले से लगे एक हजार के लगभग पेड़ों की देखभाल का करार टेंडर में शामिल था। सारा काम और भुगतान नियमों के मुताबिक हुआ है। विभाग द्वारा नई ग्रिल नहीं लगाई गई, बल्कि लोगों की शिकायतों के बाद पुरानी को ही रिपेयर व पेंट करवाया गया। इसी टेंडर में कुछ राशि बची थी, उसमें से ही यह काम करवाया गया है।

—सतिदर सिंह, एसडीओ हार्टिकल्चर पीडब्ल्यूडी

शर्मा का फिर सवाल..

इतने पेड़ मौके पर है ही नहीं अधिकारी गुमराह कर रहे है। 155 के अलावा इस रोड पर दो सौ खजूर के पेड़ हैं। वन विभाग वाले भी पेड़ मिला लें तो भी 1000 पेड़ उस रोड पर नहीं है। छोटे पौधों व घास के प्रबंधन में विभाग के अधिकारियों ने ऐसा क्या कर दिया कि पांच सालों में उस पर लाखों खर्च कर दिए गए।


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