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कोरोना लड़खड़ाया, अब डेंगू मच्छर पर झपटेगा प्रशासन

कोरोना अब लड़खड़ा चुका है। ऐसे में प्रशासन ने डेंगू मच्छर के खात्मे के लिए प्रभावी योजना तैयार की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 12:19 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 12:19 AM (IST)
कोरोना लड़खड़ाया, अब डेंगू मच्छर पर झपटेगा प्रशासन
कोरोना लड़खड़ाया, अब डेंगू मच्छर पर झपटेगा प्रशासन

जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना अब लड़खड़ा चुका है। ऐसे में प्रशासन ने डेंगू मच्छर के खात्मे के लिए प्रभावी योजना तैयार की है। कोरोना काल में पहली बार डेंगू टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सभी सरकारी विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए। असिस्टेंट कमिश्नर अनमजोत कौर ने बैठक की अगुआई करते हुए साफ कर दिया कि अब डेंगू के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू करनी ही होगी। अमृतसर में डेंगू के 57 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं। डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित इलाका सुल्तानविड स्थित प्रताप नगर है, जहां आठ केस रिपोर्ट हुए हैं।

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असिस्टेंट कमिश्नर ने नगर निगम अधिकारियों को डेंगू के खात्मे का निर्देश दिया। कहा कि शहर में नियमित रूप से मच्छर मार दवा का छिड़काव किया जाए। वहीं स्वास्थ्य विभाग को ताकीद की कि संदिग्ध लक्षणों से पीड़ित व्यक्ति का टेस्ट सरकारी अस्पतालों से करवाया जाए। कुछ निजी अस्पतालों एवं लेबोरेट्री में भी डेंगू टेस्ट किया जाता है। इन पर नजर रखी जाए कि ये टेस्टिग के नाम पर 600 रुपये से अधिक राशि मरीज से न वसूलें। इस अवसर पर कार्यकारी सिविल सर्जन डा. अमरजीत सिंह, जिला मंडी अफसर अमनदीप सिंह, उपशिक्षा अधिकारी राजेश शर्मा, निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डा. अजय कंवर, फूड सप्लाई विभाग से इंस्पेक्टर गौरव शर्मा उपस्थित थे। लक्षण एक जैसे, डेंगू नहीं सिर्फ कोविड टेस्ट किए

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अब तक 57 डेंगू पाजिटिव मरीज रिपोर्ट हुए हैं, जबकि मरीजों की संख्या सैकड़ों में हो सकती है। असल में प्रशासन ने अपनी सारी शक्ति कोरोना को रोकने में झोंकी दी। यहां तक कि संदिग्ध बुखार से पीड़ित हर व्यक्ति का कोविड टेस्ट किया गया, पर डेंगू टेस्ट नहीं किया। कोरोना व डेंगू के लक्षण सामान्यत: एक जैसे ही होते हैं, पर कोरोना की भयावहता को देखते हुए कोरोना टेस्ट ही किया जाता रहा। जिले के निजी अस्पतालों में डेंगू मरीजों की संख्या कहीं ज्यादा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग तक पूरे आंकड़े नहीं भेजे जा रहे। अब साफ कहा गया है कि निजी अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों की जानकारी न दी गई तो डाक्टर के खिलाफ एपिडिमेटिक एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। यहां होंगे डेंगू के फ्री टेस्ट

स्वास्थ्य विभाग ने सिविल अस्पताल अमृतसर, सिविल अस्पताल अजनाला व सरकारी मेडिकल कालेज में डेंगू टेस्टिग की व्यवस्था की है। इन अस्पतालों में टेस्ट निशुल्क होगा। पाजिटिव पाए जाने पर मरीज को इन्हीं अस्पतालों में आइसोलेट करने का प्रबंध भी है। 2019 में डेंगू ने मचाया था कोहराम

पिछले वर्ष डेंगू मच्छर ने 1100 से अधिक लोगों को अपना निशाना बनाया, वहीं 30 लोगों की मृत्यु हुई। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने रिव्यू करने के बाद स्पष्ट किया था कि केवल तीन लोगों की मौत डेंगू की वजह से हुई।

मच्छर के खिलाफ हर शुक्रवार ड्राई-डे मुहिम शुरू

डेंगू के साथ मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रशासन ने नगर निगम व नगर कौंसिलों की जवाबदेही तय की है। अनमजोत कौर ने कहा कि किसी भी मकान अथवा इमारत में डेंगू का लारवा मिलता है तो तत्काल संबंधित शख्स का चालान काटा जाए। बेशक यह इमारत सरकारी ही क्यों न हो। सरकारी इमारतों की छतों पर पानी जमा न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। हर शुक्रवार को ड्राई-डे मुहिम के तहत सरकारी विभागों में जमा पानी को निकाला जाए ताकि मच्छर पैदा न हो। ये हैं डेंगू के लक्षण

जिला मलेरिया अधिकारी डा. मदन मोहन ने कहा कि डेंगू बुखार से इंसान के शरीर में दर्द होता है। तेज बुखार चढ़ जाता है। आंखों की पिछली तरफ दर्द होता है। कई मामलों में मरीज के शरीर पर लाल निशान उभर आते हैं। प्लेटलेट्स सेल कम हो जाते हैं। इस बीमारी के उपचार में दवाइयों की जरूरत कम रहती है।


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