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पीजीआइ की तर्ज पर विकसित होगा मेडिकल कॉलेज : सोनी

। मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने कहा कि गुरु नानक देव अस्पताल में मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 12:58 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 12:58 AM (IST)
पीजीआइ की तर्ज पर विकसित होगा मेडिकल कॉलेज : सोनी
पीजीआइ की तर्ज पर विकसित होगा मेडिकल कॉलेज : सोनी

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने कहा कि गुरु नानक देव अस्पताल में मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों का ढंग से उपचार न करने की शिकायतें मिलती हैं, मीडिया की सुर्खियां बनती हैं। यह सब क्यों हो रहा है? मेडिकल कॉलेज प्रशासन सरकार को जवाबदेह है और हम जनता को। ओमप्रकाश सोनी शनिवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज में पहुंचे और बैठक की। उनके साथ पंजाब सरकार के हेल्थ एडवाइजर केके तालवाड़, मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के सेक्रेट्री डीके तिवारी भी आए थे।

मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की व्यवस्था में सुधार करने के लिए सीनियर सिटीजन पर आधारित कमेटी के सदस्य भी बैठक में शामिल हुए। उन्होंने मंत्री से कहा यदि कोई चिकित्सा उपकरण खराब हो जाए इसकी खरीद के लिए एक वर्ष से अधिक का समय लग जाता है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को दवाएं नहीं मिलतीं। यदि सरकार 100 साल पुराने कॉलेज और अस्पताल में सुधार करना ही चाहती है तो कॉलेज प्रिसिपल व अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को अधिक पावर्स देनी होंगी। कमेटी के सदस्य डॉ. लखनपाल, डॉ. हरदास सिंह, डॉ. बीबी गोयल ने एकमत से कहा कि मरीजों के लिए 24 घंटे एमआरआइ, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड एक्स-रे की व्यवस्था होनी चाहिए। इस पर रेडियोलॉजी विभाग के एक डॉक्टर ने कहा कि विभाग में 8 सीनियर रेजिडेंट्स डॉक्टरों का अभाव है। ऐसे में 24 घंटे टेस्ट करना मुश्किल है। पीसीएमएस कोटे से पीजी करने वाले डॉक्टरों का लें सहारा

हेल्थ एडवाइजर डॉ. केके का तलवार ने मंत्री को सुझाव दिया कि जो विद्यार्थी पीसीएमएस कोटे से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए आते हैं, उनके लिए नियम बनाया जाए कि पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे 2 साल तक सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंसी करेंगे। इससे सीनियर रेजिडेंट डाक्टरों की कमी की समस्या स्वत: हल हो जाएगी। न उपकरण न दवा, कैसे करेंगे उपचार

प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा ने कहा कि बायोकेमिस्ट्री विभाग में उपकरणों की कमी है। उन्होंने पिछले वर्ष प्रपोजल बनाकर विभाग को भेजी, पर अभी तक उपकरण नहीं मिले। प्रिसिपल ने मंत्री को बताया कि वह महज 15 हजार रुपए तक ही खर्च कर सकती हैं। इससे तो कुछ नहीं हो पाएगा। पूर्व में हमें पंजाब वेयर हाउस से दवाएं व अन्य जरूरी सामान सप्लाई होता था। अक्टूबर माह से वेयर हाउस से दवाओं की आपूर्ति बंद है। हमारे पास मरीजों को देने के लिए दवाएं नहीं। इसके अतिरिक्त दर्जा चार कर्मियों की कमी है। बाथरूमों की सफाई नहीं हो पाती। प्रिसिपल व एमएस की पावर्स बढ़ाई जाए

कमेटी के सदस्यों ने सुझाव दिया कि प्रिसिपल को अधिक पावर्स दी जाएं, तो ही व्यवस्था में सुधार आ सकता है। सचिव डीके तिवारी ने कहा कि

हमें कॉलेज में नए दर्जा चार कर्मी रखने के अधिकार नहीं हैं। इसमें कई अड़चनें हैं। सफाई व्यवस्था किसी एजेंसी को आउटसोर्सिंग को दी जाए। तिवारी ने कहा कि पीजीआइ की तरह अमृतसर व पटियाला मेडिकल कॉलेज को ऑटोनॉम्स बनाया जाए तो प्रिंसिपल की पावर्स बढ़ सकती हैं, लेकिन मेडिकल एंड डेंटल टीचर एसोसिएशन इसका विरोध कर रही है।

फाइनेंशियल पावर्स के लिए कमेटी गठित की जाएगी

सोनी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अमृतसर को पीजीआइ चंडीगढ़ की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। वित्तीय पावर्स के लिए कॉलेज में एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो अपने स्तर पर कॉलेज व अस्पताल में सामान की खरीद करने में सक्षम होगा। सोनी ने सीनियर सिटीजन्स से कहा कि वह उनके सुझावों को अमल में लाएंगे। पावरां जिन्नी मर्जी लवो, पर कम्म वी करो

मंत्री सोनी ने कहा, पावरां जिन्नी मर्जी ले लवो, पर कम्म वी करके वखाओ। अस्पताल में मरीजों को बेहतर सेवाएं दी जाएं, इसके लिए हर सप्ताह विभाग के डायरेक्टर, कॉलेज की प्रिसिपल और अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेट से बैठक करने आएंगे। 15 दिनों बाद विभाग के सचिव भी यहां होंगे। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. प्रभदीप कौर जौहल, डॉ. समीरा, डॉ. वीणा चतरथ, डॉ. मृदु ग्रोवर, डॉ. शिवचरण, डॉ. हरदास सिंह, डॉ. जगदेव सिंह कुलार, डॉ. नीरज शर्मा, डॉ. अशोक चानना, डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. नवीन पांधी, डॉ. केडी सिंह, डॉ. नीरू बाला, डा लवीना ओबराय उपस्थित थे।


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