स्माइल ने बदला जरुरतमंद बच्चों का स्टाइल
साल-2016 के दिसंबर महीने की बात है। धुंध व कड़ाके की सर्दी में गांव के सरकारी एलिमेंट्री स्कूल में बच्चे चप्पलें पहन कर आ रहे थे। यही नहीं, यदि कुछ बच्चों ने बूट पहने भी थे, तो वह भी बुरी तरह से टूटे हुए। जिसकी वजह से उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बस उसी दिन से स्माइल केयर संस्था ने 10 हजार बूटों के जोड़े वितरित करने का फैसला लिया, तब से लेकर अब लगभग दो साल होने वाले हैं और 181 गांवों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को 8500 के बूटों के जोड़े पहनाए जा चुके हैं।
हरदीप रंधावा, अमृतसर : साल-2016 के दिसंबर महीने की बात है। धुंध व कड़ाके की सर्दी में गांव के सरकारी एलिमेंट्री स्कूल में बच्चे चप्पलें पहन कर आ रहे थे। यही नहीं, यदि कुछ बच्चों ने बूट पहने भी थे, तो वह भी बुरी तरह से टूटे हुए। जिसकी वजह से उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बस उसी दिन से स्माइल केयर संस्था ने 10 हजार बूटों के जोड़े वितरित करने का फैसला लिया, तब से लेकर अब लगभग दो साल होने वाले हैं और 181 गांवों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को 8500 के बूटों के जोड़े पहनाए जा चुके हैं।
इव¨नग स्कूल में बांट रही नि:शुल्क ज्ञान
टेन थाउसेंड शू टू गीव मुहिम शुरू करने वाली टांगरा वासी मनदीप कौर सिद्धू ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए बताया कि वह खुद एक आइटी बिजनेस करती हैं, जिसमें उनके साथ टीम के सदस्य भी उनकी मुहिम में मदद करते हैं। सिद्धू ने बताया कि प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले जरूरतमंद बच्चों को बूट मुहैया करवाने के साथ-साथ अपने गांव में मुफ्त इव¨नग स्कूल भी चलाती हैं, जिसमें बच्चों को उनके स्कूल का होमवर्क करवाने के साथ-साथ पढ़ाया भी जाता है, ताकि वे पढ़ाई में अव्वल रह सकें। देश ही नहीं, विदेश से भी कई लोग उनकी मुहिम में सहयोग दे रहे हैं, जिसके लिए वह सभी की आभारी हैं।
पंजाब के बाद अब हिमाचल होगा मिशन
सिद्धू का कहना है कि पंजाब में लगभग उनकी तरफ से शुरू मुहिम अंजाम तक पहुंच चुकी है, जो इसी साल में खत्म हो जाएगी। स्कूलों के साथ-साथ ईंट बनाने वाले भट्ठों पर भी लोगों को बूट मुहैया करवाए गए हैं, ताकि उन्हें पैरों से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। मनदीप कौर सिद्धू का कहना है कि अब उनकी टीम की तरफ से हिमाचल प्रदेश (एचपी) की तरफ रुख किया जाएगा, ताकि वहां भी जरूरतमंद लोगों को मुहिम के तहत जोड़े वितरित किए जा सकें।