दूसरों को मौत बांटने वाली शराब तस्कर बलविंदर लॉकअप में फूट-फूटकर रोई, खुद को कोस रही
पंजाब में अवैध शराब से मौत बांटने वाली महिला तस्कर बलविंदर के पति की भी मौत हो गई। यह सूचना मिलने के बाद वह लॉकअप में फूट-फूट रोई। वह सलाखों पर सिर मार कर खुद को कोसती रही।
नवीन राजपूत/सुखविंदर बावा, खलचियां. (अमृतसर)। दूसरों काे अवैध और जहरीली शराब से मौत बांटने वाली महिला तस्कर बलविंदर के पति की भी मौत हो गई। पुलिस हवालात में बंद बलविंदर को यह खबर मिली तो वह बुरी तरह टूट गई। वह लॉकअप में फूट-फूटकर रोई। वह लॉकअप की सलाखों पर अपना सिर मार-मार कर काफी देर तक खुद काे कोसती रही।
पति की मौत की खबर से टूट गई बलविंदर, हवालात की सलाखों पर सिर मार खुद को कोसा
जिले के मुच्छल गांव में जहरीली शराब पीने से मरने वालों में शराब तस्कर बलविंदर कौर का पति जसवंत सिंह भी शामिल है। हवालात में बंद बलविंदर ने कभी सोचा भी नहीं था कि जिस शराब से वह गांव के लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही है, वही शराब उसका सुहाग छीन लेगी।
जांच अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को जब जसवंत सिंह के मरने की खबर बलविंदर कौर को दी गई तो वह सन्न रह गई। कुछ देर बाद फूट-फूट कर रोने लगी। अपना सिर हवालात की सलाखों पर मारा और खुद को खूब कोसा भी। महिला सुरक्षा कर्मियों ने उसे संभाला। पुलिस ने जसवंत सिंह के मरने की जानकारी उसके बेटों को भी दे दी है।
बलविंदर कौर को कोस रहा मुच्छल गांव का हर परिवार
मुच्छल में अवैध शराब का कारोबार करने वाली बलविंदर कौर को आज मुच्छल गांव का प्रत्येक व्यक्ति कोस रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते शराब तस्कर बलविंदर कौर पर शिकंजा कसा होता तो आज गांव में दस लोगों की मौत का मातम नहीं छाया होता। सभी घर आबाद होते। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपित तस्कर महिला अपने गिरोह के दो अन्य सदस्यों के साथ मिलकर गांव में खुलेआम शराब तस्करी कर रही थी।
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मुच्छल की हर गली में छाया मातम
मुच्छल गांव की हर गली में शुक्रवार को मातम था। कुछ मरने वालों के लिए सदमे में बेदम थे, तो कुछ परिवार जहरीली शराब पीकर अस्पताल में भर्ती हुए लोगों के लिए दुखी थे। गांव के लोग अब यही दुआ कर रहे थे कि अब शराब से इलाके में किसी की जान न जाए। मंगलवार और बुधवार को इसी गांव में दलबीर सिंह, बलविंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, मंगल सिंह, बलदेव सिंह, कश्मीर सिंह और काला सिंह की मौतें हो चुकी है।
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पैसों की लालच में बन गए मौत के सौदागर
चंद पैसों के लालच में कुछ लोग घरों से ही अवैध शराब के कारोबार के लिए मौत के सौदागर बन गए हैं। घरों में बनी भट्ठी में सफेदी का इस्तेमाल कर शराब की जगह मौत परोस रहे हैं। बटाला, अमृतसर और तरनतारन के गांवों में शराब पीकर मरने वाले के पीछ कुछ यही कारण सामने आ रहा है। एक जानकार ने बताया कि गांवों में खुलेआम अल्कोहल मिल जाती है। जिस शराब का सेवन करने से मौतें हुईं हैं वह सारी अल्कोहल बेस्ड बताई जा रही है।
अमृतसर के मुच्छल गांव में कुछ लोग घरों में निकाल रहे शराब, सफेदी का इस्तेमाल कर मौत परोस रहे
पुलिस की नजरों से बचकर अवैध शराब निकालने वाले ये तस्कर चंद पैसों के लालच में ज्यादा अल्कोहल का इस्तेमाल कर देते हैं। गर्मी और उमस के दिनों में इस शराब को बनने में कम से कम पांच दिन का समय लगता है। सर्दी के दिनों मेें यह टाइम बढ़कर आठ दिन हो जाता है। यही नहीं शराब तस्कर पुलिस के डर और जल्दी पैसे कमाने के चक्कर में इस अल्कोहल में सफेदी का इस्तेमाल करते हैं और शराब में जहीरीले कण पैदा होने लगते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही नहीं बल्कि जानलेवा साबित हो रहा है।
कोरोना काल में बढ़ी अवैध शराब की डिमांड
कोरोना काल में जब सरकार ने कफ्र्यू और लॉकडाउन कर दिया था तो रोजाना शराब का सेवन करने वालों को शराब मिलनी बंद हो गई। तब लोगों ने गांवों में बनने वाली अवैध शराब को चोरी छिपे मंगवाना शुरू कर दिया। इस तरह घरों में निकलने वाली इस शराब की डिमांड बढ़ गई।
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