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अमृतसर में पटाखा कारोबारियों की बढ़ी चिंता, अब तक नहीं मिला लाइसेंस

नेशनल ग्रीन ड्रिब्यूनल (एनजीटी) के कड़े तेवर के बीच जिला प्रशासन पटाखा कारोबारियों को लाइसेंस जारी करने को लेकर भी असमंजस में है। लाइसेंस कब जारी होंगे इसका जवाब न तो जिला प्रशासन के पास है और न ही पुलिस प्रशासन के पास।

By Edited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 10:26 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 09:00 AM (IST)
अमृतसर में पटाखा कारोबारियों की बढ़ी चिंता, अब तक नहीं मिला लाइसेंस
जिला प्रशासन पटाखा कारोबारियों को लाइसेंस जारी करने को लेकर भी असमंजस में है।

अमृतसर, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ड्रिब्यूनल (एनजीटी) के कड़े तेवर के बीच जिला प्रशासन पटाखा कारोबारियों को लाइसेंस जारी करने को लेकर भी असमंजस में है। इसके लिए ड्रा निकले बीस दिन से ज्यादा हो चुके हैं। साथ ही एनओसी के लिए आवेदन भी दस दिन पहले कर दिए गए थे, लेकिन अब तक प्रशासन ने इन्हें लाइसेंस जारी नहीं किया। लाइसेंस कब जारी होंगे, इसका जवाब न तो जिला प्रशासन के पास है और न ही पुलिस प्रशासन के पास। वहीं पटाखा कारोबारी लाइसेंस लेने के लिए मंगलवार को जब डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस के दफ्तर पहुंचे तो अधिकारियों ने उन्हें बैरंग लौटाते हुए कहा कि दफ्तर से फोन आने के बाद ही वे उनके पास आएं।

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द अमृतसर फायरव‌र्क्स एसोसिएशन के प्रधान हरीश धवन ने बताया कि पटाखा कारोबारियों ने दीपावली पर पटाखों की बिक्री करने के लिए लाखों रुपये इन्वेस्ट कर रखे हैं। प्रत्येक स्टाल होल्डर ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को स्टाल के लिए 34,267 रुपये किराया जमा करवाया, जबकि स्टाल लगाने वाले कांट्रेक्टर ने 15 नवंबर तक स्टाल के लिए उनसे 30 हजार रुपये प्रति स्टाल खर्च लिए। इसके अलावा प्रत्येक कारोबारी ने होलसेल पटाखा कारोबारियों को स्टाक के लिए लाखों रुपये भी जमा करवा रखे हैं। उन्होंने बताया कि आज पटाखा कारोबारियों को लाइसेंस दिए जाने थे। वे लोग डीसीपी दफ्तर पहुंचे तो उन्हें बुलाए जाने पर आने का संदेश देते हुए बैरंग लौटा दिया। इससे निराश पटाखा कारोबारी न्यू अमृतसर मार्केट में लगाए स्टाल पर पहुंच गए और फोन का इंतजार करते रहे। देर शाम तक जब कोई फोन नहीं आया तो उनकी चिंताएं बढ़ गई, क्योंकि दिल्ली के बाद हरियाणा और चंडीगढ़ में पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगाई गई है।

वहीं सिमरप्रीत सिंह, हरिंदर सिंह, अतुल अरोड़ा, सुखप्रीत सिंह, गुरदेव सिंह, विक्की, मनिंदर सिंह, सतबीर सिंह, वरिंदर सिंह और राघव सेठ ने बताया कि 19 अक्टूबर को जिला प्रशासन द्वारा निकाले ड्रा में तो उनकी किस्मत ने साथ दे दिया। दीपावली के मौके पर पटाखों की बिक्री के लिए उनके ड्रा निकले तो उन्होंने उम्मीद के साथ लाखों रुपये इसमें निवेश कर दिए। कई लोगों ने तो ब्याज पर पैसा लेकर इसमें लगाया। अब अगर पंजाब सरकार एनजीटी की हिदायतों के मुताबिक पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगा देती है, तो उनका दीपावली से पहले दीवाला निकल जाएगा।


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