Move to Jagran APP

श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व पर लाखों श्रद्धालु हरिमंदिर साहिब में हुए नतमस्तक

। एसजीपीसी ने श्री अमृतसर के संस्थापक व चौथे पातशाह श्री गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व श्री दरबार साहिब में श्रद्धा से मनाया ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 11:57 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 11:57 PM (IST)
श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व पर लाखों  श्रद्धालु हरिमंदिर साहिब में हुए नतमस्तक
श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व पर लाखों श्रद्धालु हरिमंदिर साहिब में हुए नतमस्तक

जागरण संवाददाता, अमृतसर

loksabha election banner

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक (एसजीपीसी) ने श्री अमृतसर के संस्थापक व चौथे पातशाह श्री गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व श्री दरबार साहिब में श्रद्धा से मनाया । इस अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेका और पवित्र सरोवर में स्नान कर गुरु की खुशियां हासिल कीं। प्रकाश पर्व के संबंध में मंगलवार को गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए। इसके बाद सजाए धार्मिक दीवान में महान रागी, ढाडी व कविशर जत्थों ने लगातार गुरबाणी कीर्तन किया और संगत को श्री गुरु रामदास जी के जीवन से रूबरू करवाया। श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब व गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब में तोशाखाना की कीमती वस्तुओं के जलौ भी संगत के आकर्षण का केंद्र रहे।

गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में हुए समागम में अलग-अलग मुकाबलों में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। यह मुकाबले बीते अलग अलग दिनों में करवाए गए थे। कवि दरबार में पंथक कवियों ने चौथे पातशाह जी के जीवन, इतिहास व उनकी शिक्षाओं को कविताओं के जरिए संगत से सांझा किया। इस अवसर पर श्री हरिमंदिर साहिब के हेड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह, ज्ञानी बलविदर सिंह, एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह, मंजीत सिंह बाठ, जसविदर सिंह, बीबी दविदर कौर, सुखमिदर सिंह, बलविदर सिंहजौड़ा सिगा, कुलविदर सिंह रमदास, बघेल सिंह, नरिदर सिंह, बाबा बलबीर सिंह आदि मौजूद थे।

52 श्रमिक व 52 होनहार विद्यार्थी सम्मानित

एसजीपीसी ने श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व पर प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में 52 श्रमिकों को 11-11 हजार रुपये व 52 होनहार जरूरतमंद विद्यार्थियों को 5100-5100 रुपये देकर सम्मानित किया। यह सम्मान श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, एसजीपीसी के मुख्य सचिव डा. रूप सिंह, सचिव मंजीत सिंह बाठ, जसविदर सिंह दीनपुर ने दिए। एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह ने कहा कि चौथे पातशाह ने श्री अमृतसर शहर की स्थापना के समय अलग-अलग 52 क्षेत्रों में काम करने वाले लोग बसाए थे।

श्रमिकों में रिक्शा चालक व कंघा बनाने वाले भी शामिल

डा. रूप सिंह कहा कि श्री दरबार साहिब के आसपास अलग-अलग 52 क्षेत्रों से संबंधित बाजार आज भी मौजूद है। गुरमति का सिद्धांत श्रमिकों को विशेष महत्व देता है। एसजीपीसी ने गुरु साहिब जी के किरत सिद्धांत की रोशनी में बीते वर्ष अलग-अलग 52 क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया। इन श्रमिकों में रिक्शा चालक, हाथ वाली मशीन से सिलाई का काम करने वाले, माली, कंघे बनाने वाले, हलवाई, पेटियां बनाने वाले, लकड़ी का काम करने वाले, पुश्तैनी साजगार, भड़भूंजा, राजगिरी, लुहार, ललारी, कढ़ाई व तिरपाई का काम करने वाले, पल्लेदार, रेहड़ी फड़ी वाले, टांगा चलाने वाले, ढुलाई करने वाले आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य केवल गुरमति के किरत के सिद्धांत को उभारना है। इस अवसर पर बलविदर सिंह जोड़ा सिगा सतबीर सिंह, कुलविदर सिंह रमदास, बलविदर सिंह, भाई सुरिदर पाल सिंह, भाई प्रितपाल सिंह, भाई इकबाल सिंह, बीबी परमजीत कौर, बीबी दविदर कौर, डॉ. अमरजीत कौर, डॉ. रंजीत कौर आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.