Move to Jagran APP

श्री हरिमंदिर साहिब में सोने की धुलाई की सेवा शुरू

जागरण संवाददाता अमृतसर श्री हरिमंदिर साहिब में लगे सोने की धुलाई की सेवा शुरू हो गई ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 08:54 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 08:54 PM (IST)
श्री हरिमंदिर साहिब में सोने की धुलाई की सेवा शुरू
श्री हरिमंदिर साहिब में सोने की धुलाई की सेवा शुरू

जागरण संवाददाता, अमृतसर : श्री हरिमंदिर साहिब में लगे सोने की धुलाई की सेवा शुरू हो गई है। भाई महिंदर सिंह के नेतृत्व वाले गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था बरमिघम, इंग्लैंड के सदस्यों की ओर से इस सेवा की शुरूआत की गई है। सेवा की शुरूआत के मौके भाई सलविंदर सिंह अरदासिया की ओर से अरदास की गई। ग्रंथी ज्ञानी सुखमिंदर सिंह ने सेवा की शुरूआत करवाई।

loksabha election banner

निष्काम सेवक जत्था की ओर से बाबा गुरदियाल सिंह के नेतृत्व में यह सेवा शुरू की गई है। इंग्लैंड से इस सेवा के लिए 30 श्रद्धालुओं का जत्था विशेष रूप में पहुंचा है। 1999 में चढाया था 800 किलोग्राम सोना

बाबा गुरदियाल सिंह ने बताया कि वर्ष 1999 में जत्थे की ओर से सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब पर 800 किलोग्राम सोना चढाया गया था। इसके बाद हर वर्ष सोने की धुलाई की सेवा करने के लिए जत्थे के सदस्य आते हैं। इसी दौरान करीब पांच वर्षों तक एसजीपीसी ने किसी कारण वश यह सेवा निष्काम जत्थे से करवानी बंद कर दी थी। इसके बाद 22 जुलाई 2016 को एसजीपीसी की कार्यकारिणी कमेटी ने एक फैसला लेकर दोबारा सोना की धुलाई की सेवा गुरु नानक निष्काम सेवा जत्था को सौंप दी गई। हर वर्ष की जाती है सोने की धुलाई

उन्होंने कहा कि सेवा के तहत सोने की धुलाई के लिए सेवा का पुराना ढंग ही अपनाया जाता है। इसके तहत रीठों को तीन घंटों तक पानी में उबाला जाता है। इस पानी के साथ सोने की धुलाई की जाती है। ताकि समय के साथ सोने पर प्रदूषण आदि की जम गई मैल को साफ किया जा सके। सोने का रंग प्रभावित हो जाता है इसके लिए इसकी सफाई करना अति जरूरी है। चमक को वर्करार रखने के लिए इस की हर वर्ष धुलाई करनी अति जरूरी है। अमृतधारी गुरुसिख दस दिनों तक चलेगी सेवा

इस मौके पर ज्ञानी सुखजिदर सिह ने कहा कि एसजीपीसी की ओर से गुरु नानक निष्काम जत्था को यह धुलाई की सेवा सौंपी गई है। जिस की शुरूआत धार्मिक रस्मों के अनुसार की गई है। यह सेवा करीब दस दिनों तक चलेगी। सारे सेवक अमृतधारी गुरसिख है। भाई महिदर सिंह को पहली बार सोना चढ़ाने की सेवा दी गई थी। इस अवसर पर मैनेजर लखखविदर सिंह, रजिदर सिंह, भाई रजिदर सिंह, बहादुर सिंह, भाई सुरिदर सिंह, सुखबीर सिंह, सुरिदर सिंह, भाई इकबाल सिंह, अमृतपाल सिंह आदि आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.