Move to Jagran APP

जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने ओपीडी का मुख्य द्वार बंद कर ताला जड़ा, मरीजों को अंदर जाने नहीं दिया

पीजी नीट की काउंसलिग न होने के विरोध में पिछले पांच दिन से सांकेतिक हड़ताल कर रहे जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाओं का पहिया पूरी तरह रोक दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 05:00 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 05:00 AM (IST)
जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने ओपीडी का मुख्य द्वार बंद कर ताला जड़ा, मरीजों को अंदर जाने नहीं दिया
जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने ओपीडी का मुख्य द्वार बंद कर ताला जड़ा, मरीजों को अंदर जाने नहीं दिया

जासं, अमृतसर: पीजी नीट की काउंसलिग न होने के विरोध में पिछले पांच दिन से सांकेतिक हड़ताल कर रहे जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाओं का पहिया पूरी तरह रोक दिया। जूनियर डाक्टरों ने ओपीडी का प्रवेश द्वार बंद किया और बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान 400 से अधिक मरीज ओपीडी में जाने के लिए डाक्टरों से गुहार लगाते रहे, पर मनमानी पर उतर चुके जूनियर डाक्टरों ने उन्हें प्रवेश द्वार में ही रोके रखा। वहां आए लोगों ने का कि हड़ताल का यह तरीका कतई उचित नहीं। जूनियर डाक्टर अपने स्तर पर धरना लगाएं, प्रदर्शन करें, यह उनका संवैधानिक अधिकार है, पर मरीजों को ओपीडी में जाने से रोकना गलत है।

loksabha election banner

यहीं बस नहीं जूनियर डाक्टरों ने आपरेशन थिएटर में भी काम करने से इन्कार कर दिया। शुक्रवार को दस मरीजों के आपरेशन किए जाने थे, पर जूनियर डाक्टरों ने साफ कहा कि वह आपरेशन थिएटर में सीनियर डाक्टर को असिस्ट नहीं करेंगे। हालांकि सीनियर डाक्टरों ने अपने स्तर पर सात मरीजों के आपरेशन किए। बेबसी की पीड़ा: बुजुर्गो पर नहीं किया तरस

सतपाल नामक बुजुर्ग शुक्रवार को अस्पताल पहुंचे। डाक्टरों ने उन्हें आज आपरेशन का समय दिया था। जैसे ही वह ओपीडी के रास्ते आपरेशन थिएटर जाने लगे, डाक्टरों ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। कहा- आज कुछ नहीं होगा यहां से चले जाओ। बुजुर्ग ने अपनी पीड़ा और उम्र की दुहाई दी, पर संवेदना शून्य हो चुके जूनियर डाक्टरों ने उनकी नहीं मानी। चार दिन से आ रही, पर काम नहीं हो रहा

राजिदर नगर की मधु नामक महिला क्रोनिक डिजीज का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए अस्पताल पहुंची। उसे भी भीतर प्रवेश करने नहीं दिया गया। मधु के अनुसार वह पिछले चार दिनों से यहां आ रही है। जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के कारण उनका काम नहीं हो रहा। रीढ़ में दर्द, डाक्टर बेदर्द

राजदीप कौर नामक महिला की रीढ़ की हड्डी में दर्द है। वह दर्द से कराह रही थी, पर ओपीडी का द्वार बंद किया गया था। अंतत: वह तकरीबन तीन सौ मीटर दूर इमरजेंसी द्वार से किसी तरह सीनियर डाक्टर की ओपीडी तक पहुंची। यहीं बस नहीं ओपीडी में सीनियर डाक्टर ही नहीं मिला। अनुमान लगाया जा सकता है कि दर्द से तड़प रहे मरीजों के साथ किस कदर अन्याय हुआ है। जूनियर रेजिडेंट्स से कर रहे हैं बात : एमएस

जीएनडीएच के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह का कहना है उन्हें जूनियर रेजिडेंट से बात कर रहे हैं। उन्हें समझा रहे हैं, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर जारी रहें। वैसे जूनियर रेजिडेंट्स ने ओपीडी का मुख्य गेट बंद किया है। ओपीडी में जाने के और भी कई रास्ते हैं। मरीज वहां से ओपीडी तक पहुंच सकते हैं। डा. केडी ने माना कि हड़ताल की वजह से ओपीडी सेवाएं प्रभावित तो हुई हैं, वहीं आपरेशन थिएटर में भी डाक्टरों को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.