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15, 16, 17 :: जागरूकता से ही खत्म होगा ड्रैगन डोर

अमृतसर जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन जितना भी चाहे जोर लगा ले लेकिन जब तक लोग नहीं सुधरते तब तक ड्रैगन डोर पर रोक लगाना एक बहुत ही असंभव काम है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 06:09 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 06:09 PM (IST)
15, 16, 17 :: जागरूकता से ही खत्म होगा ड्रैगन डोर
15, 16, 17 :: जागरूकता से ही खत्म होगा ड्रैगन डोर

र¨वदर शर्मा, अमृतसर

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जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन जितना भी चाहे जोर लगा ले लेकिन जब तक लोग नहीं सुधरते तब तक ड्रैगन डोर पर रोक लगाना एक बहुत ही असंभव काम है। इसमें प्रशासन या पुलिस के आदेश लोगों में जागरूकता के अभाव में बौने साबित होते हैं। कारोबारी इसमें अपना फायदा देखते हैं तो पतंगबाज इसमें कुछ पलों का मनोरंजन और वो भी दूसरों की पतंगों के साथ-साथ राहगीरों के कान, नाक और गले काट कर।

प्रशासन की मिलीभगत से बिकती है ड्रैगन डोर : बीबी यादव

डीएवी कालेज, कटरा शेर ¨सह के शारीरिक शिक्षा व स्पो‌र्ट्स विभाग के मुखी प्रो. बीबी यादव कहते हैं कि बिना प्रशासन या पुलिस की मिलीभगत से ड्रैगन डोर बाजार में पहुंच ही नहीं सकती। सरकार चाहे तो बड़े से बड़ा आंदोलन दबा सकती हैं तो फिर यह तो कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। इसमें

पुलिस व जिला प्रशासन को सख्ती करनी चाहिए और राजनेताओं को भी अधिकारियों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए।

सख्त हो प्रशासन तो नहीं बिक सकती डोर : विक्रांत अरोड़ा

सीमेंट कारोबारी विक्रांत अरोड़ा कहते हैं कि चाइनीज इस डोर से होने वाले नुकसान को देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को इसमें अपनी जिम्मेदारी के प्रति इमानदार होना चाहिए। अकेले डिप्टी कमिश्नर या पुलिस कमिश्नर या कुछ गिने-चुने अधिकारियों की ड्रेगन डोर के खिलाफ इमानदारी से की गई कार्रवाई तब तक मुकम्मल नहीं हो सकती जब तक निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी इसमें अपनी जिम्मेवारी पूरी इमानदारी से नहीं निभाते। निचले स्तर पर सख्ती होना बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पुलिस की कार्रवाई के डर से चंडीगढ़ पहुंचने से पहले ही मंत्री व पुलिस अधिकारी कार में सीट बैल्ट बांध लेते हैं, उसी तरह अगर ड्रैगन डोर पर सख्ती की जाए तो यह मार्केट में नहीं पहुंचेगी।

अकेले पुलिस या जिला प्रशासन बौना है इसके सामने : संजय मेहरा

पंजाब वार्प नि¨टग एसोसिएशन पंजाब प्रधान संजय मेहरा मानते हैं कि इसमें आम लोगों का जागरूक होना बहुत जरुरी है। अकेले पुलिस या जिला

प्रशासन ड्रैगन डोर पर पाबंदी लगाने में हमेशा बौना ही साबित होगा। लोगों के घरों में ड्रैगन डोर के खतरनाक नतीजों पर चर्चा होनी चाहिए और

परिजन अपने बच्चों को यह डोर कभी भी नहीं लेकर दें। जिला प्रशासन या पुलिस जिस तरह इस डोर के धंधे से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी करता है तो इसमें ड्रैगन डोर से पतंगबाजी करने वालों को भी शामिल किया जाना चाहिए। तभी ड्रेगन डोर तभी रुक सकती है।


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