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फिरोजपुर सेक्टर में तेज हुई ISI की हलचल, पाक के सीमावर्ती गांवों में पहुंची हथियारों की खेप

खेमकरण सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से हथियारों की खेप पहुंचने के बाद BSF ने इस इलाके में चौकसी बढ़ा दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 02:04 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 09:00 AM (IST)
फिरोजपुर सेक्टर में तेज हुई ISI की हलचल, पाक के सीमावर्ती गांवों में पहुंची हथियारों की खेप
फिरोजपुर सेक्टर में तेज हुई ISI की हलचल, पाक के सीमावर्ती गांवों में पहुंची हथियारों की खेप

अमृतसर [नवीन राजपूत]। खेमकरण सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से हथियारों की खेप पहुंचने के बाद BSF ने इस इलाके में चौकसी बढ़ा दी है। इसके बाद पाक की खुफिया एजेंसी ISI ने फिरोजपुर सेक्टर में हलचल तेज कर दी है। भौगोलिक स्थिति के हिसाब से फिरोजपुर सेक्टर पाकिस्तानी रेंजर्स, खालिस्तानी आतंकियों, घुसपैठियों व तस्करों के लिए तस्करी का आसान रास्ता रहा है। फिरोजपुर सेक्टर में कंटीली तार के 235 किलोमीटर रास्ते में सतलुज दरिया का घुमावदार (बहाव) रास्ता, कुछ हिस्सों में घना जंगल, पुरानी हो चुकी और कई जगहों से टूटी कंटीली तार ISI के मंसूबों में सहायक है।

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इंटेलिजेंस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि खेमकरण सेक्टर के साथ लगते पाकिस्तानी गांवों में बड़ी संख्या में हेरोइन और हथियारों की खेप पहुंच चुकी है। आने वाले दिनों में जैसे ही कोहरे की चादर कंटीली तार को अपने आगोश में लेगी तो ISI हथियार व हेरोइन इत्यादि सीमा पार करवाने की पूरी कोशिश करेगी। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की ओर से फिरोजपुर के सीमावर्ती गांवों में आ रहे ड्रोन भी ISI की साजिश का हिस्सा हैैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान लगातार हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैैं और सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है।

BSF के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि फिरोजपुर सेक्टर में BSF को गश्त करना एक चुनौती है। अटारी सेक्टर से निकलने वाले रावी दरिया के मुकाबले फिरोजपुर सेक्टर से निकलने वाला सतलुज दरिया काफी गहरा है। दरिया कई बार पाकिस्तान में मुड़ता है और कई बार भारत में। वहां कंटीली तार लगाना कठिन है। तस्कर व घुसपैठिए खेप दरिया के रास्ते भी कई बार भेज चुके हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस बार खालिस्तानी आतंकी हथियारों और बारूद की खेप सतलुज के रास्ते भारत पहुंचाने की तैयारी में है। ड्रोन के साथ-साथ सतलुज का बहाव ISI को अपनी साजिश कामयाब करने में सहायक बनता है।

ISI ने सुरक्षा व्यवस्था को दी चुनौती

ISI ने हथियारों की खेपें ड्रोन से भेजकर सीमा पर की गई सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है। पंजाब की 553 किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान से लगती है। यह क्षेत्र पठानकोट से शुरू होकर फाजिल्का तक फैला हुआ है। BSF के लिए इतने लंबे क्षेत्र पर नजर रख पाना काफी चुनौती भरा है। गुरदासपुर, अटारी, खेमकरण सेक्टर के 318 किलोमीटर और फिरोजपुर सेक्टर 235 किलोमीटर के क्षेत्र में कंटीली तार लगाई गई है ताकि तस्करी व घुसपैठ जैसी वारदातों को रोका जा सके।

आतंकी भी मान चुके हैैं ड्रोन से हथियार भेजने की बात

22 सितंबर को पकड़े गए आतंकी पूछताछ में स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान ने इस बार हथियारों की खेप कंटीली तार पार करवाने की बजाए ड्रोन के जरिए भेजी है। उक्त खेप पकड़े जाने के बाद BSF ने अटारी और खेमकरण सेक्टर में गश्त बढ़ा दी थी। इस बीच 24 सितंबर को फिरोजपुर सेक्टर में हथियारों की बड़ी खेप छिपा दी गई थी जिसे BSF और एसटीएफ ने बरामद किया था। तीन गैंगस्टर्स को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया था।

BSF की मूवमेंट भांपते हैं तस्कर

सीमा पर रहने वाले तस्कर अकसर BSF के लिए चुनौती रहे हैं। वे BSF की मूवमेंट भांपते हैं और फिर पेट्रोलिंग पार्टी के चले जाने के बाद कनसाइनमेंट कंटीला तार पार रहने वाले रेंजर्स और तस्करों की सहायता से इस पार फेंकवाते हैं। मौका मिलते ही वह BSF को गच्चा देकर खेप उठवाते हैं और सुरक्षित स्थान पर ठिकाने लगा देते हैं। यह तस्कर भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह से परिचित हैं। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस के हरकत में आते ही तस्कर भूमिगत हो जाते हैं।

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