जांच अधिकारी ने मेडिकल स्टोर्स का रिकॉर्ड मंगवाया
अमृतसर पंजाब के राज्यपाल बीपी बदनौर के आदेश पर गुरुनानक देव अस्पताल में अलॉट की गई दुकानों की मौजूदा स्थिति का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त किए गए पूर्व आइएएस अधिकारी टीआर सारंगल ने इन दुकानों का सारा रिकॉर्ड मंगवा लिया है।
— मामला : जीएनडीएच में अवैध रूप से बैठे केमिस्ट शॉप्स संचालकों का
— तीन साल के लिए अलॉट हुई थीं दुकानें, वर्षों से काबिज हैं दुकानदार, कई तो किराया भी नहीं देते
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जागरण संवाददाता, अमृतसर
पंजाब के राज्यपाल बीपी बदनौर के आदेश पर गुरुनानक देव अस्पताल में अलॉट की गई दुकानों की मौजूदा स्थिति का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त किए गए पूर्व आइएएस अधिकारी टीआर सारंगल ने इन दुकानों का सारा रिकॉर्ड मंगवा लिया है। अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल ने बीते शुक्रवार व शनिवार को देर रात तक सारा रिकार्ड एकत्रित किया।
दरअसल, जांच अधिकारी सारंगल ने डॉ. सु¨रदर पाल को फोन कर कहा था कि उन्हें हर दुकान का रिकॉर्ड चाहिए। उन्हें बताया जाए कि दुकानदार को जो दुकान अलॉट की गई उसका आधार क्या था। इसमें से एक दुकान ऐसी भी है जिसे मात्र 100 रुपये प्रतिमास किराए पर दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्षों पूर्व अलॉट हुईं इन दुकानों का रिकॉर्ड ढूंढने में अस्पताल प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी है। चूंकि ये दुकानें तीन साल के अलॉट की गई थीं। इसके बाद इनकी बोली होनी थी, पर किराएदार दुकानदारों ने दुकान छोड़ने की बजाय कोर्ट में केस लगा दिया। जन औषधि केंद्र के नाम पर चल रही एक दुकान ऐसी है जिसका किराया मात्र सौ रुपये रखा गया है। इसके अलावा दो दुकानें बंद पड़ी हैं, जिनके मालिकों की मौत हो चुकी है। अब इन दुकानों पर उसके परिजन अपनी दावेदारी जता रहे हैं। नियमानुसार ये दोनों दुकान खाली होनी चाहिए थीं। एक दुकान में पब्लिक टेलीफोन बूथ खोला गया था, जबकि बाद में इसे भी मेडिकल स्टोर में परिवर्तित कर दिया गया। यह गोलमाल किसकी इजाजत से हुआ यह जांच का विषय है।
मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल पाल ने बताया कि दुकानों का रिकॉर्ड इकट्ठा कर रहे हैं। दुकानों का मामला काफी उलझा हुआ है। रिकॉर्ड जुटाने में कुछ वक्त लग सकता है। वह देर रात तक काम करके रिकॉर्ड इकट्ठा कर रहे हैं। यह रिकॉर्ड टीआर सारंगल को दिया जाएगा। इसके बाद मामले की जांच में तेजी आएगी।